Edited By Mahima,Updated: 22 Aug, 2024 11:56 AM
उत्तर प्रदेश में बीजेपी के अंदर चल रही कलह की खबरें अभी ठंडी भी नहीं पड़ी थीं कि अब बीजेपी के एक और राज्य में मुश्किलें सामने आ गई हैं। मणिपुर में बीजेपी के 7 विधायकों ने अपने मुख्यमंत्री बीरेन सिंह के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं और उन्हें पद से हटाने...
नेशनल डेस्क: उत्तर प्रदेश में बीजेपी के अंदर चल रही कलह की खबरें अभी ठंडी भी नहीं पड़ी थीं कि अब बीजेपी के एक और राज्य में मुश्किलें सामने आ गई हैं। मणिपुर में बीजेपी के 7 विधायकों ने अपने मुख्यमंत्री बीरेन सिंह के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं और उन्हें पद से हटाने की मांग की है।
सीएम बीरेन सिंह पर लगा आरोप
मणिपुर के हालात इन दिनों काफी तनावपूर्ण हैं। कूकी और मैतेई समुदाय के बीच हाल ही में हुए दंगों ने पूरे राज्य को हिला कर रख दिया। इस हिंसा की वजह से राज्य में सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं। 10 कूकी विधायकों ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने मैतेई समुदाय को हिंसा की खुली छूट दी थी, जिसके कारण दंगे भड़क उठे। विधायकों का कहना है कि सीएम बीरेन सिंह की लापरवाही और भेदभावपूर्ण रवैये की वजह से मणिपुर में स्थिति इतनी खराब हुई।
गृह मंत्री अमित शाह की प्रतिक्रिया की मांग
इन विधायकों ने 'मणिपुर टेप्स' के नाम से एक ऑडियो जारी किया है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि मुख्यमंत्री बीरेन सिंह की नाकामी के कारण हिंसा को बढ़ावा मिला। इस ऑडियो में दावा किया गया है कि गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर के दौरे के दौरान सीएम बीरेन सिंह को हिंसा के दौरान बमों का इस्तेमाल न करने की चेतावनी दी थी, लेकिन उनके जाने के बाद सीएम ने बमों का प्रयोग किया। इस आरोप की गंभीरता को देखते हुए गृह मंत्री अमित शाह की प्रतिक्रिया की भी मांग की जा रही है।
यह सब महज अफवाह है
मणिपुर सरकार ने इन विधायकों के आरोपों और ऑडियो टेप को खारिज कर दिया है। राज्य सरकार ने इसे फर्जी बताते हुए कहा है कि विधायकों ने ऐसी कोई मांग नहीं की है और यह सब महज अफवाह है। सरकार ने इस ऑडियो टेप को संदिग्ध करार देते हुए कहा है कि इसके जारी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। विधायकों ने मणिपुर हिंसा की जांच के लिए एक आयोग का गठन करने की भी मांग की है और अगर सीएम बीरेन सिंह दोषी पाए जाते हैं, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात की है। दूसरी तरफ, पुलिस और सुरक्षा बलों की स्थिति भी तनावपूर्ण बनी हुई है, और हिंसा की वजह से सुरक्षा के इंतजामों को बढ़ाया गया है।
इस मामले को लेकर तकरार बढ़ने की आशंका
मणिपुर में इन हालात को देखते हुए राजनीतिक दबाव बढ़ गया है और इससे राज्य की राजनीति में भी नया मोड़ आ सकता है। इस पूरे घटनाक्रम को देखते हुए यह साफ है कि मणिपुर में राजनीतिक उथल-पुथल और सख्त जांच की जरूरत है। राज्य सरकार और केंद्र के बीच इस मामले को लेकर तकरार बढ़ने की आशंका है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि आगे की कार्रवाई कैसे होती है।