Edited By Mahima,Updated: 29 Oct, 2024 01:42 PM
दिल्ली में अगले 72 घंटे खतरनाक हो सकते हैं, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 300 के पार पहुंचने की संभावना है। 29 अक्टूबर को AQI 274 दर्ज किया गया। दिवाली पर पटाखों से प्रदूषण बढ़ सकता है, जबकि पराली जलाने के घटनाओं में कमी आई है। अधिकारियों ने सख्त...
नेशनल डेस्क: दिल्ली की हवा अगले 72 घंटे में और भी जहरीली होने की संभावना जताई जा रही है। पिछले कुछ दिनों से राजधानी में स्मॉग की चादर छाई हुई है, जिससे एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) हर रोज 300 के पार जा रहा है। 29 अक्टूबर की सुबह AQI 274 दर्ज किया गया, लेकिन आने वाले तीन दिनों में यह स्थिति और बिगड़ सकती है।
वायु प्रदूषण के कारण
दिल्ली में वायु प्रदूषण का मुख्य कारण वाहनों से निकलने वाला धुआं है। इसके अलावा, उद्योगों से निकलने वाले धुएं और निर्माण गतिविधियों से भी प्रदूषण बढ़ता है। इस बार, दिवाली के अवसर पर पटाखों के फोड़ने से वायु प्रदूषण के स्तर में और वृद्धि होने की संभावना है। हालांकि, दिल्ली सरकार ने पटाखों पर बैन लगाया है, लेकिन इस प्रतिबंध के बावजूद प्रदूषण बढ़ने की आशंका बनी हुई है। ग्रैप-1 और ग्रैप-2 के नियम भी लागू हैं, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि ये उपाय स्थिति में सुधार नहीं कर पाएंगे।
पिछले दिनों का AQI
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, सोमवार को दिल्ली के प्रदूषण स्तर में कुछ सुधार देखने को मिला। दक्षिण-पूर्वी हवाओं के चलते सोमवार को AQI में थोड़ी कमी आई थी। लेकिन, दिवाली के आस-पास दिल्ली को दोहरी मार झेलनी पड़ सकती है। उत्तर-पश्चिमी हवाएं चलने से खेतों में लगी आग से प्रदूषक हवा में घुल सकते हैं। सोमवार को दिल्ली का 24 घंटे का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) शाम 4 बजे 304 (बहुत खराब) था। शाम 6 बजे तक यह 299 (खराब) और रात 10 बजे 288 हो गया। रविवार को भी AQI 356 (बहुत खराब) तक पहुंच गया था, जिसमें बुराड़ी (365) और मुंडका (348) जैसे इलाकों में हवा की गुणवत्ता सबसे खराब रही।
पराली जलाने का प्रभाव
स्काईमेट मौसम विज्ञान के उपाध्यक्ष महेश पलावत ने बताया कि वर्तमान में AQI 274 होने का कारण 10-18 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली दक्षिण-पूर्वी हवाएं हैं। 26 अक्टूबर से उत्तर-पश्चिमी हवाएं चलने लगीं, जिससे पराली जलाने की घटनाओं में भी कमी आई है। केंद्र के DSS के आंकड़ों से पता चला है कि रविवार को दिल्ली के PM 2.5 में पराली जलाने का योगदान लगभग 3.34% था। यह शनिवार को लगभग 5.5% और शुक्रवार को 14.6% से कम था। इस मौसम में दिल्ली के PM 2.5 में इजाफा होने का प्रमुख कारण 23 अक्टूबर को 15.97% पराली में आग लगने की घटनाएं रहीं। पिछले वर्षों में, पराली जलाने के कारण दिल्ली में प्रदूषण स्तर में अत्यधिक वृद्धि देखने को मिली है, और यह स्थिति इस वर्ष भी चिंताजनक बनी हुई है।
अधिकारियों की कार्रवाई
31 अक्टूबर को दिवाली के दिन प्रदूषण स्तर बहुत खराब होने की आशंका जताई गई है। 29 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक AQI में काफी खराबी आने की संभावना है। हवा की दिशा भी बदलने का पूर्वानुमान है, जिससे प्रदूषण का स्तर बढ़ सकता है। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि उसने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) के राज्यों और दिल्ली की सरकारों को कड़े निर्देश दिए हैं। इन निर्देशों में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) के उपायों को सख्ती से लागू करने का आदेश दिया गया है। अधिकारियों को मशीनों से सड़क की सफाई करने और पानी का छिड़काव करने को कहा गया है। इसके अलावा, एंटी-स्मॉग गन लगाने के लिए ऊंची इमारतों की पहचान करने और वायु प्रदूषण के हॉटस्पॉट चिह्नित करने का भी निर्देश दिया गया है।
दिल्लीवासियों के लिए सलाह
दिल्लीवासियों को सलाह दी गई है कि वे इन खतरनाक दिनों में बाहर निकलते समय सावधानी बरतें। अगर संभव हो, तो घर पर ही रहें और धूम्रपान, धूल, और अन्य प्रदूषण कारकों से बचें। मास्क का उपयोग करें और बच्चों और वृद्धों को बाहर जाने से रोकें।