Edited By Mahima,Updated: 23 Oct, 2024 04:18 PM
गुजरात के वडोदरा में 79 वर्षीय दंपत्ति ने 15 वर्षों के अलगाव के बाद तलाक लेने का निर्णय लिया। पति ने पत्नी से गुजारा भत्ता के रूप में 47 लाख रुपये की मांग की, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया। दंपत्ति ने अपने रिश्ते में नैतिकता की कमी और विचारों में...
नेशनल डेस्क: गुजरात के वडोदरा से एक असामान्य और चौंकाने वाली तलाक की खबर सामने आई है। यहां 79 वर्षीय एक बुजुर्ग दंपत्ति ने एक-दूसरे से अलग होने का निर्णय लिया है। आमतौर पर इस उम्र में लोग एक-दूसरे का सहारा बनने की उम्मीद रखते हैं, लेकिन इस दंपत्ति ने अपने रिश्ते को खत्म करने का फैसला किया है, जो समाज में चर्चा का विषय बन गया है।
लंबे समय से अलग रह रहे थे दंपत्ति
यह दंपत्ति, जो पहले एक सुखी जीवन जीने के लिए जाने जाते थे, पिछले 15 वर्षों से अलग रह रहा था। उनके बीच का यह अलगाव सिर्फ भौतिक नहीं था, बल्कि भावनात्मक और मानसिक तनाव से भरा था। दोनों परिवारों ने शुरुआत में उनके बीच सुलह कराने की कई कोशिशें की, लेकिन सभी प्रयास विफल रहे। दंपत्ति ने अंततः आपसी सहमति से तलाक लेने का निर्णय लिया, जिसे एक अदालत ने मंजूरी दे दी।
पति की गुजारा भत्ता की मांग
तलाक की प्रक्रिया के दौरान, पति ने अपनी पत्नी से गुजारा भत्ता के रूप में 47 लाख रुपये की मांग की। यह रकम सुनकर कई लोगों को आश्चर्य हुआ, क्योंकि इस उम्र में आमतौर पर ऐसे मामलों में अधिकता से संपत्ति का विभाजन होता है। वडोदरा की पारिवारिक अदालत ने पति द्वारा रखी गई इस शर्त को स्वीकार कर लिया, और इस प्रकार तलाक की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की अनुमति दी।
तलाक का कारण
इस दंपत्ति ने अपने तलाक के पीछे कई कारण बताए हैं, जिनमें रिश्ते में नैतिकता और एथिक्स की कमी का जिक्र है। याचिका में कहा गया है कि उनके विचार एक-दूसरे से इतने भिन्न थे कि उनके बीच निरंतर तनाव बना रहा। इससे पहले, यह जानकारी भी सामने आई थी कि यह दंपत्ति साल 2009 से अलग रह रहा था, और यह अलगाव उनके रिश्ते में दरार डालने का मुख्य कारण बना।
पत्नी की सहमति और शर्तें
पत्नी ने तलाक की प्रक्रिया को स्वीकार करते हुए स्पष्ट किया कि उनके पति ने ही अलग रहने का फैसला लिया था। उन्होंने कहा कि वह तलाक के लिए तैयार हैं, लेकिन गुजारा भत्ता देने के लिए कुछ शर्तें रखीं। उनकी शर्तों में शामिल था कि पति को सभी चल-अचल संपत्तियों को छोड़ना होगा और बिजनेस में अपनी साझेदारी भी समाप्त करनी होगी। यह शर्तें पत्नी ने अपने अधिकारों की सुरक्षा के लिए रखी थीं।
भौगोलिक अलगाव
यह ध्यान देने योग्य है कि दंपत्ति के बीच न केवल भावनात्मक बल्कि भौगोलिक अलगाव भी था। पति कर्नाटक में बस चुके हैं, जबकि पत्नी वडोदरा में रह रही हैं। यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि उनके रिश्ते में गंभीरता से दरार आ चुकी थी, और यह एक लंबे समय तक चलने वाला तनावपूर्ण अलगाव था।
समाज पर प्रभाव
इस तलाक की खबर ने समाज में कई सवाल उठाए हैं। क्या इस उम्र में रिश्तों को खत्म करना सही है? क्या गुजारा भत्ता की इतनी बड़ी मांग उचित है? यह मामला सिर्फ व्यक्तिगत जीवन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज में रिश्तों, नैतिकता और आर्थिक स्वतंत्रता के संदर्भ में भी एक बड़ा सवाल खड़ा करता है।