Edited By Parminder Kaur,Updated: 02 Dec, 2024 10:29 AM
राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले के 88 वर्षीय सिंधी व्यापारी उद्धवदास रोगानी ने एक अनोखी उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने राम नाम के सहारे रामचरितमानस की रचना की है। यह काम उन्होंने 14 वर्षों में पूरा किया और राम नाम के अक्षरों से ही रामायण की चौपाइयों को...
नेशनल डेस्क. राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले के 88 वर्षीय सिंधी व्यापारी उद्धवदास रोगानी ने एक अनोखी उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने राम नाम के सहारे रामचरितमानस की रचना की है। यह काम उन्होंने 14 वर्षों में पूरा किया और राम नाम के अक्षरों से ही रामायण की चौपाइयों को लिखा।
उद्धवदास रोगानी पहले चित्तौड़ मंडी में सब्जी का कारोबार करते थे। एक संत से मिलने के बाद उन्होंने अपनी जीवन की दिशा बदल दी। संत के प्रवचन सुनकर उन्होंने राम नाम को ही अपनी ज़िन्दगी का मुख्य उद्देश्य मान लिया। इसके बाद उन्होंने राम शब्द से ही रामचरितमानस की रचना शुरू की।
राम नाम से रचना की शुरुआत
उद्धवदास ने अपनी रचना की शुरुआत रामचरितमानस के पहले अध्याय से की थी, जिसे उन्होंने अयोध्या में ही महसूस किया। इस काम में वे रोजाना 6 घंटे समय देते थे और 14 वर्षों में सभी अध्याय पूरे किए। इसमें उन्होंने केवल राम नाम का ही उपयोग किया, यानी हर चौपाई को राम शब्द से सजाया।
रामचरितमानस का आकार और वजन
उद्धवदास ने रामचरितमानस को जेल पेन से लिखा और इस पूरी रचना का वजन 18 किलो है। उन्हें सुंदरकांड कंठस्थ है और यह रचना पूरी होने के बाद उनके नाम का ही डंका बजने लगा।
लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज
उद्धवदास रोगानी की इस अद्भुत रचना को लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज किया गया है, लेकिन उन्होंने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड से दूरी बनाई। उनका मानना है कि किसी उपलब्धि को दर्ज कराने के लिए शुल्क क्यों देना चाहिए? इसलिए उन्होंने गिनीज बुक के रजिस्ट्रेशन शुल्क को अस्वीकार कर दिया, जो 6,000 रुपए था। उनका कहना है कि यह कार्य उन्होंने अपनी आस्था और विश्वास से किया है, न कि पुरस्कार या रजिस्ट्रेशन के लिए।