Edited By Punjab Kesari,Updated: 27 Jul, 2017 09:51 PM
![9 thousand rupees will come to your account without any work](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2017_7image_21_13_5683920006365-ll.jpg)
आपको शायद इस बात पर यकीन न हो लेकिन ऐसा होने जा रहा है। यदि सरकार की ...
नई दिल्ली: आपको शायद इस बात पर यकीन न हो लेकिन ऐसा होने जा रहा है। यदि सरकार की योजना सफल रही तो हर साल 18 करोड़ लोगों के खाते में करीब 9 हजार रुपए आएंगे। ये पैसा सरकार आपको फूड सब्सिडी के रूप मे देने की योजना बना रही है और इसके लिए बकायदा ट्रायल भी शुरू किया जा रहा है। ![PunjabKesari](http://static.punjabkesari.in/multimedia/21_14_50082000054555-ll.jpg)
ये कैसे होगा
मौजूदा व्यवस्था के तहत सरकार आपको खाने पर सब्सिडी दे रही है। आप देश की 5 लाख 27 हजार सरकारी राशन की जिन दुकानों से एक से लेकर तीन रुपए प्रति किलो तक गेंहू या चावल लेकर आते हैं उसकी लागत सरकार को 25 से 30 रुपए प्रति किलो तक पड़ता है और सरकार को इस पर प्रति किलो 20 से 25 रुपए तक घाटा पड़ता है। देश की सावर्जनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस)में इतने छेद हैं कि कई ऐसे लोग भी सरकार की सब्सिडी का फायदा उठा लेते हैं जो इसके हकदार नहीं होते। मौजूदा प्रणाली की खामियों को दूर करने के लिए सरकार नई व्यवस्था लागू करने जा रही है। जिसके तहत बीपीएल और एपीएल परिवारों को हर महीने सब्सिडी वाले राशन की बजाए सब्सिडी की रकम केश में दी जाएगी।
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कैसे आएंगे खाते में 9 हजार
एक अनुमान के मुताबिक देश में एपीएल और बीपीएल कैटागरी के राशनकार्ड धारकों की संख्या 18 करोड़ के पार है। सरकार के आंकड़े के मुताबिक सब्सिडी वाले अनाज का फायदा करीब 81 करोड़ लोगों को मिलता है और इस पर हर साल सरकार का 1.40 लाख करोड़ रुपया खर्च होता है। यानी सरकार हर महीने करीब 11 हाजर 666 करोड़ रुपए का खर्च फूड सब्सिडी की रूप में करती है। अब यदि इस रकम को एक परिवार में पांच सदस्य मानकर वितरीत किया जाए तो हर परिवार को महीने में औसतन 750 रुपए तक कि सब्सिडी मिल सकती है। ये हर राज्य में अलग भी हो सकती है। इस हिसाब से देश के 18 करोड़ लोगों को हर साल 8 से लेकर 9 हजार रुपए तक की नकद राशि अनाज खरीदने के लिए उनके खातों में मिलेगी।
कैसे सुनिश्चित होगा अनाज पर खर्च
सरकार का इरादा फूड सब्सिडी को एलपीएजी सब्सिडी जैसी व्यवस्था कायम करके सीधा नकद सब्सिडी आम लोगों तक पहुंचाने का है। इसके तेहत देश में 5 लाख 27 हजार राशन डिपो हैं जिसमें से 2 लाख 20 हजार डिपो को इलेक्ट्रॉनिक प्वाइंट ऑफ सेल से जोड़ा जा चुका है। रांची में नई व्यवस्था का पाइलट प्रोजेक्ट भी शुरू होने जा रहा है जिसके तहत सरकार खाताधारकों को कैश सब्सिडी देगी और खाता धारक उस पैसे से इलेक्ट्रॉनिक प्वाइंट ऑफ सेल वाले राशन डिपो से अनाज खरीदेंगे। इससे राशन डिपो होल्डर के पास हर महीने खरीदे जाने वाले अनाज और खाताधारकों की संख्या के साथ साथ सब्सिडी के रूप में दी गई रकम का खर्च अनाज पर होना सुनिश्चित हो जाएगा। राशान कार्डधारक जिस महीने अनाज नहीं खरीदेगा। अगले महीने उसकी नकद सब्सिडी रोकने का प्रावधान भी रखा जा रहा है।