Edited By Utsav Singh,Updated: 15 Aug, 2024 07:20 PM
महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण खबर आई है। ओडिशा सरकार ने राज्य में पीरियड्स के दौरान पेड लीव की व्यवस्था शुरू करने का ऐलान किया है, जिससे अब ऑफिस के कारण महिलाओं को इस समय की समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा।
ओडिशा : महिलाओं के लिए एक महत्वपूर्ण खबर आई है। ओडिशा सरकार ने राज्य में पीरियड्स के दौरान पेड लीव की व्यवस्था शुरू करने का ऐलान किया है, जिससे अब ऑफिस के कारण महिलाओं को इस समय की समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा। पीरियड्स के दौरान महिलाओं को अक्सर असहजता और दर्द का सामना करना पड़ता है। इस दौरान ऑफिस जाकर काम करना और भी कठिन हो सकता है, जिससे महिलाओं को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इस समस्या को ध्यान में रखते हुए ओडिशा सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।
ओडिशा सरकार की घोषणा
ओडिशा के उपमुख्यमंत्री पी. परिदा ने गुरुवार को एक महत्वपूर्ण घोषणा की। उन्होंने बताया कि राज्य में सरकारी और प्राइवेट दोनों सेक्टर की महिला कर्मचारियों के लिए पीरियड्स के दौरान एक दिन की पेड लीव का प्रावधान किया जाएगा। यह छुट्टी ऑप्शनल होगी, जिसका मतलब है कि महिलाएं अपने मासिक धर्म के पहले या दूसरे दिन छुट्टी ले सकती हैं, लेकिन यह उनकी स्वेच्छा पर निर्भर करेगा। परिदा ने यह घोषणा कटक में स्वतंत्रता दिवस समारोह में भाग लेने के बाद की। उनके पास महिला एवं बाल विकास विभाग का भी प्रभार है।
उड़िया लड़की की मांग
यह पहल एक उड़िया लड़की द्वारा की गई मांग के बाद संभव हुई। केन्या के नैरोबी में आयोजित संयुक्त राष्ट्र सिविल सोसाइटी कॉन्फ्रेंस 2024 में इस लड़की ने पीरियड्स के दौरान पेड लीव की आवश्यकता पर जोर दिया। इसके अतिरिक्त, राज्य की महिला कार्यकर्ता रंजीता प्रियदर्शनी ने भी इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठाया और पीरियड्स के दौरान महिलाओं को पेड लीव देने की मांग की। उन्होंने तर्क दिया कि महिलाओं को मेंस्ट्रुअल पीरियड्स के दौरान काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
अन्य राज्यों की स्थिति
ओडिशा से पहले भी कुछ राज्यों ने पीरियड्स के दौरान छुट्टी की व्यवस्था की है। बिहार में 1992 से महिलाओं को हर महीने दो दिन का पेड पीरियड लीव दिया जाता है। इसके अलावा, केरल ने 2023 में सभी विश्वविद्यालयों और संस्थानों की छात्राओं को पीरियड लीव देने की व्यवस्था की है।
स्मृति ईरानी का विवादित बयान
देश में पीरियड्स के लिए छुट्टी की मांग लंबे समय से हो रही है, लेकिन इस मुद्दे पर विवाद भी हुआ है। पिछले साल, तत्कालीन महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने इस पर एक विवादास्पद बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि "पीरियड्स के लिए छुट्टी की जरूरत नहीं है। यह कोई बीमारी या विकलांगता नहीं है।" उनके इस बयान ने पूरे देश में बहस छेड़ दी थी। स्मृति ईरानी ने आगे कहा था कि मासिक धर्म जीवन का एक स्वाभाविक हिस्सा है और इसे विशेष अवकाश की जरूरत वाली बाधा के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। इस नई पहल के साथ, ओडिशा ने महिलाओं की समस्याओं को समझते हुए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जो अन्य राज्यों के लिए भी प्रेरणास्त्रोत हो सकता है।