Edited By Yaspal,Updated: 09 Sep, 2023 09:45 PM
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को यहां शिखर सम्मेलन स्थल भारत मंडपम में जी20 नेताओं और प्रतिनिधियों के लिए आयोजित भव्य रात्रिभोज में उनका स्वागत किया
नेशनल डेस्कः राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को यहां शिखर सम्मेलन स्थल भारत मंडपम में जी20 नेताओं और प्रतिनिधियों के लिए आयोजित भव्य रात्रिभोज में उनका स्वागत किया। रात्रिभोज शुरू होने से पहले उन्होंने एक मंच पर अतिथियों का स्वागत किया, जिसकी पृष्ठभूमि में बिहार के नालंदा विश्वविद्यालय के भग्नवाशेष और भारत की अध्यक्षता में जी20 की थीम- 'वसुधैव कुटुम्बकम्- एक पृथ्वी, एक कुटुम्ब, एक भविष्य' को दर्शाया गया। नालंदा विश्वविद्यालय के भग्नावशेष यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल हैं। यह विश्वविद्यालय दुनिया के सबसे पुराने विश्वविद्यालयों में से एक था।
प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक समेत जी20 के कुछ नेताओं को विश्वविद्यालय का महत्व बताते हुए भी देखे गए। बाइडेन इसको देखकर इतने प्रभावित हुए कि तस्वीर को नजदीक से देखने लगे। बता दें कि बिहार में स्थित यह महाविहार 5वीं सदी से 12वीं सदी के बीच अस्तित्व में था। इसकी विरासत महावीर और बुद्ध के युग से चली आ रही है, जो प्राचीन भारत की प्रगति को दर्शाती है।
क्या है नालंदा विश्वविद्यालय का इतिहास
दुनिया के सबसे पुराने शिक्षण संस्थानों की बात जब भी आती है तो नालंदा विश्वविद्यालय का नाम सबसे ऊपर आता है। बिहार की राजधानी पटना से करीब 120 किलोमीटर दक्षिण-उत्तर में प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के अवशेष आज भी देखे जा सकते हैं। इतिहासकारों की मानें तो, यह भारत में उच्च शिक्षा का सर्वाधिक महत्वपूर्ण और विश्वविख्यात केंद्र था।
नालंदा, प्राचीन भारत में उच्च शिक्षा का सबसे महत्वपूर्ण और प्रसिद्ध केन्द्र था। बौद्धकाल में भारत शिक्षा का केंद्र था। इस विश्वविद्यालय की स्थापना गुप्त शासक कुमारगुप्त प्रथम (450-470) ने की थी। नौवीं शताब्दी से बारहवीं शताब्दी तक इस विश्वविद्यालय को अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त थी। यहां इतनी किताबें रखी थीं कि जिन्हें गिन पाना आसान नहीं था। हर विषय की किताबें इस विश्वविद्यालय में मौजूद थीं।
बिहार के नालंदा में स्थित इस विश्वविद्यालय में आठवीं शताब्दी से 12वीं शताब्दी के बीच दुनिया के कई देशों से छात्र पढ़ने आते थे। बताया जाता है कि कोरिया, जापान, चीन, तिब्बत, इंडोनेशिया, फ्रांस और तुर्की से छात्र इस विश्वविद्यालय आते थे।आज वो विश्वविद्यालय खंडहर में तब्दील हो गया है।
तक्षशिला के बाद नालंदा विश्वविद्यालय की चर्चा होती है। इस शिक्षा-केंद्र में हीनयान बौद्ध धर्म के साथ ही अन्य धर्मों के तथा अनेक देशों के छात्र पढ़ते थे। यहां धर्म ही नहीं, राजनीति, शिक्षा, इतिहास, ज्योतिष, विज्ञान आदि की भी शिक्षा दी जाती थी। आज के समय यह बिहार राज्य का प्रमुख आकर्षण है।
भारत मंडपम् में G20 मेहमानों के लिए डिनर
राष्ट्रपति मुर्मू भारत मंडपम में जी20 नेताओं, अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधियों और अन्य गणमान्य व्यक्तियों के लिए औपचारिक रात्रिभोज की मेजबानी कर रही हैं। नवनिर्मित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन और प्रदर्शनी केंद्र तथा इसके हरे-भरे 'लॉन' रात में रंगीन रोशनी से जगमगाते नजर आए तथा इसके फव्वारों और अत्याधुनिक इमारत के सामने रखी 'नटराज' की मूर्ति ने आयोजन स्थल पर भव्यता को और निखार दिया।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतारेस, भारतीय पारंपरिक पोशाक सलवार कुर्ता पहने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की प्रबंध निदेशक एवं अध्यक्ष क्रिस्टालिना जॉर्जीवा, विश्व बैंक के अध्यक्ष अजय बंगा और उनकी पत्नी रितु बंगा तथा बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना प्रगति मैदान में नवनिर्मित कन्वेंशन सेंटर में सबसे पहले पहुंचने वालों में शामिल रहे। जी20 शिखर सम्मेलन शनिवार को भारत मंडपम में शुरू हुआ और यह रविवार को संपन्न होगा।