Edited By Utsav Singh,Updated: 03 Aug, 2024 08:03 PM
उत्तर प्रदेश के वाराणसी से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक व्यक्ति फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर श्री काशी विश्वनाथ धाम के दर्शन करने पहुंचा। पुलिस को उस पर शक हुआ, जिसके बाद जब पूछताछ की गई तो हैरान करने वाली बातें सामने आईं।
उत्तर प्रदेश : उत्तर प्रदेश के वाराणसी से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक व्यक्ति फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर श्री काशी विश्वनाथ धाम के दर्शन करने पहुंचा। पुलिस को उस पर शक हुआ, जिसके बाद जब पूछताछ की गई तो हैरान करने वाली बातें सामने आईं। व्यक्ति ने बताया कि उसने शौक के लिए पुलिस की वर्दी पहनी थी। सावन के महीने में श्री काशी विश्वनाथ धाम में जलाभिषेक के लिए बड़ी संख्या में भक्त आते हैं। इस दौरान भारी भीड़ से बचने के लिए लोग अलग-अलग तरीके अपनाते हैं। इस बार, एक व्यक्ति ऐसा भी था जिसने पुलिस की फर्जी वर्दी पहनकर बाबा के दर्शन करने का निश्चय किया। इस व्यक्ति की पहचान जालौन के निवासी अभय प्रताप सिंह के रूप में हुई है।
शक होने पर मामले की जांच शुरू हुई
अभय प्रताप सिंह दारोगा की वर्दी में मंदिर पहुंचे और आम दर्शनार्थियों की कतार में खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे। इसी बीच, वहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों की नजर उन पर पड़ी और शक होने पर मामले की जांच शुरू की गई। वाराणसी काशी जोन के डीसीपी गौरव बंसवाल ने बताया कि अभय प्रताप सिंह मानसिक रूप से बीमार हैं और उनका इलाज चल रहा है। वे यूपी पुलिस की वर्दी में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर से पकड़े गए। पूछताछ के दौरान अभय ने बताया कि उन्हें वर्दी पहनने का शौक है, इसलिए वे वर्दी पहनकर दर्शन करने पहुंचे थे।
सुरक्षाकर्मियों और खुफिया विभाग ने पकड़ा
फर्जी दारोगा के पकड़े जाने के मामले में डीसीपी काशी ने बताया कि श्री काशी विश्वनाथ में दर्शन करने वाले भक्तों के साथ-साथ वहां तैनात पुलिस कर्मियों की भी मॉनिटरिंग लगातार की जाती है। इसी मॉनिटरिंग के तहत सुरक्षाकर्मियों और खुफिया विभाग ने उन्हें पकड़ा। अभय प्रताप के खिलाफ चौक थाने में मुकदमा दर्ज कर उन्हें जेल भेजा जा रहा है। यह घटना बताती है कि सावन के महीने में भक्तों की भीड़ को नियंत्रित करने और सुरक्षा बनाए रखने के लिए पुलिस और सुरक्षाकर्मियों को कितनी सतर्कता बरतनी पड़ती है। साथ ही, यह भी स्पष्ट होता है कि पुलिस की वर्दी का दुरुपयोग करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाती है।