Assamese भाषा के लिए गौरव की बात, शास्त्रीय भाषा का मिला दर्जा, मनाया जाएगा भाषा गौरव सप्ताह उत्सव

Edited By Mahima,Updated: 14 Oct, 2024 10:55 AM

a matter of pride for assamese language got the status of classical language

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने 3 से 9 नवंबर 2024 तक 'भाषा गौरव सप्ताह' मनाने की घोषणा की, ताकि असमिया को शास्त्रीय भाषा का दर्जा मिलने का जश्न मनाया जा सके। इस उत्सव में विश्वविद्यालयों और नागरिक संगठनों द्वारा असमिया लेखकों और विद्वानों के...

नेशनल डेस्क: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण घोषणा की है, जिससे असमिया भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा मिलने के बाद असम में एक विशेष उत्सव मनाया जाएगा। यह उत्सव ‘भाषा गौरव सप्ताह’ के नाम से जाना जाएगा और इसे 3 से 9 नवंबर 2024 के बीच मनाया जाएगा। इस उत्सव का आयोजन असमिया भाषा और इसकी सांस्कृतिक धरोहर को मनाने के लिए किया जा रहा है।

शास्त्रीय भाषा का दर्जा
मुख्यमंत्री सरमा ने बताया कि 3 अक्टूबर 2024 को प्रधानमंत्री **नरेंद्र मोदी** की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में असमिया को शास्त्रीय भाषा के रूप में मान्यता दी गई। यह एक ऐतिहासिक उपलब्धि है, जो असम के लोगों के लिए गर्व का विषय है। असमिया भाषा का शास्त्रीय भाषा के रूप में मान्यता मिलना न केवल भाषा की समृद्धि को दर्शाता है, बल्कि यह असम की सांस्कृतिक और भाषाई विविधता को भी उजागर करता है।

उत्सव की गतिविधियाँ
‘भाषा गौरव सप्ताह’ के दौरान विभिन्न प्रकार की गतिविधियाँ आयोजित की जाएंगी। इस सप्ताह में विश्वविद्यालयों, स्कूलों और नागरिक समाज संगठनों द्वारा कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिनमें असमिया लेखकों, विद्वानों और कलाकारों के योगदान को सम्मानित किया जाएगा। खासतौर पर उन व्यक्तियों का योगदान जो चौथी शताब्दी ईस्वी से असमिया भाषा को आकार देने में महत्वपूर्ण रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, “हम चाहते हैं कि इस सप्ताह के दौरान असमिया संस्कृति और साहित्य के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़े।” इस दौरान निबंध प्रतियोगिताएँ, कवि सम्मेलन, साहित्यिक चर्चा, और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा, ताकि युवा पीढ़ी को अपनी भाषा और संस्कृति के प्रति प्रेरित किया जा सके।

शास्त्रीय भाषाओं की सूची
असमिया भाषा के साथ-साथ अब भारत की शास्त्रीय भाषाओं की कुल संख्या 11 हो गई है। इस सूची में पहले से मान्यता प्राप्त भाषाएँ जैसे तमिल, संस्कृत, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम और उड़िया शामिल हैं। इसके अलावा, मराठी, बंगाली, पाली और प्राकृत को भी इस सम्मान से नवाजा गया है। 

शास्त्रीय भाषा के फायदे
असमिया को शास्त्रीय भाषा का दर्जा मिलने के कई लाभ हैं। इस मान्यता के साथ, असम में भाषा के अध्ययन के लिए उत्कृष्टता केंद्रों का निर्माण होगा, जो शोध और अध्ययन को बढ़ावा देगा। इसके साथ ही, केंद्रीय संस्थानों में व्यावसायिक अध्यक्षों के लिए वित्तीय सहायता भी उपलब्ध होगी, जिससे असमिया भाषा और साहित्य में शोध को बढ़ावा मिलेगा।इसके अलावा, शास्त्रीय भाषा के रूप में मान्यता प्राप्त करने से असमिया भाषा के उत्कृष्ट योगदानकर्ताओं को विश्वव्यापी पुरस्कार भी मिलेंगे, जो उनके काम को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने में मदद करेगा। 

मुख्यमंत्री का आभार
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय सरकार का धन्यवाद करते हुए कहा, “हम असमिया भाषा को इस उच्च दर्जे तक पहुँचाने के लिए प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त करते हैं। यह असम के लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।” उन्होंने राज्य के सभी वर्गों से अपील की कि वे इस उत्सव को सफल बनाने में सहयोग करें, ताकि असमिया भाषा और संस्कृति को पूरी दुनिया में प्रदर्शित किया जा सके।

Related Story

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!