अयोध्या में दीपोत्सव की तैयारी: 25 लाख दीयों से बनेगा नया विश्व रिकॉर्ड, रोशन होगी रामनगरी

Edited By Mahima,Updated: 10 Oct, 2024 12:15 PM

a new world record will be created with 25 lakh diyas

अयोध्या में इस साल दीपोत्सव 30 अक्टूबर को मनाया जाएगा, जिसमें 25 लाख दीयों के जलाने का लक्ष्य है। यह रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद का पहला दीपोत्सव है। 55 घाटों पर 90 हजार लीटर सरसों का तेल लगाया जाएगा। 30 हजार वॉलेंटियर्स इस आयोजन में शामिल...

नेशनल डेस्क: इस साल अयोध्या में दीपोत्सव का आयोजन एक ऐतिहासिक और भव्य रूप में होने जा रहा है। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद यह पहला दीपोत्सव होगा, जिसे विशेष रूप से यादगार बनाने की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। इस बार 25 लाख से ज्यादा दीयों के जलने का लक्ष्य रखा गया है, जिससे एक नया विश्व रिकॉर्ड बनाने की योजना बनाई गई है।

दीपोत्सव की महत्वता
दीपोत्सव, जो हर साल दिवाली के मौके पर मनाया जाता है, अयोध्या में विशेष धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखता है। इसे भगवान राम के लौटने की खुशी में मनाया जाता है। इस बार का दीपोत्सव इसलिए भी खास है क्योंकि यह रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद का पहला उत्सव है। इस आयोजन में भगवान राम की नगरी को दीयों की रोशनी से जगमगाने का प्रयास किया जाएगा, जो न केवल आस्था का प्रतीक है, बल्कि सांस्कृतिक एकता और सामाजिक सौहार्द को भी दर्शाता है।

अयोध्या की घाटों पर रोशनी की तैयारी
इस बार का दीपोत्सव 30 अक्टूबर को मनाया जाएगा। इस अवसर पर अयोध्या के 55 घाटों पर दीये जलाए जाएंगे। इन दीयों में लगभग 90 हजार लीटर सरसों का तेल उपयोग किया जाएगा। यह कार्य योजना UP सरकार द्वारा तैयार की गई है, जिसमें सभी संबंधित विभागों और संगठनों को शामिल किया गया है। राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय को इस आयोजन का नोडल संस्था बनाया गया है, और वहां के 30 हजार वॉलेंटियर्स इस कार्य में सक्रिय भूमिका निभाएंगे।

वॉलेंटियर्स की बड़ी संख्या
अवध विश्वविद्यालय के वॉलेंटियर्स में 14 महाविद्यालयों, 37 इंटर कालेजों और 40 स्वयंसेवी संस्थाओं के छात्र-छात्राएं और शिक्षक शामिल होंगे। इन वॉलेंटियर्स की मदद से घाटों पर दीयों की व्यवस्था की जाएगी। विश्वविद्यालय ने घाटों की मैपिंग का कार्य शुरू कर दिया है। रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया 15 अक्टूबर तक चलेगी, और आई कार्ड वितरण 20 अक्टूबर से शुरू होगा। वॉलेंटियर्स को विभिन्न कार्यों में प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि वे अपनी जिम्मेदारियों को सही तरीके से निभा सकें।

दीयों की व्यवस्था
17 और 18 अक्टूबर को घाटों पर वॉलेंटियर्स मार्किंग का कार्य करेंगे। इसके बाद 26 अक्टूबर से दीयों की खेप घाटों पर पहुंचाई जाएगी। दीयों के लिए 16x16 के ब्लॉक्स बनाए जाएंगे, जिनमें प्रत्येक ब्लॉक में 30 दीये सजाए जाएंगे। इसमें 39 एमएल सरसों का तेल रखा जाएगा। इस प्रकार, सभी घाटों को दीयों से सजाने का कार्य 27 अक्टूबर से शुरू होगा। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि हर घाट पर दीयों की एक समान व्यवस्था हो।

सांस्कृतिक कार्यक्रम
दीपोत्सव के मुख्य कार्यक्रम के अलावा, इस बार चार दिन का सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किया जाएगा। इसमें विभिन्न प्रकार की सांस्कृतिक गतिविधियों का समावेश होगा, जैसे कि नृत्य, संगीत, और रामायण के नाट्य रूपांतरण। ये कार्यक्रम अयोध्या की सांस्कृतिक धरोहर को प्रदर्शित करेंगे और स्थानीय कलाकारों को मंच प्रदान करेंगे। इस प्रकार, यह आयोजन न केवल धार्मिक बल्कि सांस्कृतिक रूप से भी समृद्ध होगा।

योगी सरकार की योजनाएं
उत्तर प्रदेश सरकार इस बार के दीपोत्सव को सबसे भव्य और यादगार बनाने की दिशा में कदम उठा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी विभागों को निर्देश दिया है कि इस आयोजन की तैयारियों में किसी प्रकार की कमी न रह जाए। सरकार का उद्देश्य है कि इस दीपोत्सव के माध्यम से अयोध्या की पहचान और भी मजबूत हो, और इसे विश्व स्तर पर एक नई पहचान मिले। इस प्रकार, अयोध्या में इस दीपोत्सव की तैयारियां पूरे जोर-शोर से चल रही हैं। 25 लाख दीयों की रोशनी में अयोध्या एक नई चमक के साथ सामने आएगी, जो सभी के दिलों को छू जाएगी। यह आयोजन न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह अयोध्या की सांस्कृतिक और सामाजिक एकता को भी प्रदर्शित करेगा। सभी की नजरें इस ऐतिहासिक पल पर टिकी हुई हैं, और इसे सफल बनाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।

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