Edited By Parveen Kumar,Updated: 23 Dec, 2024 05:56 PM
उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती जिले के शिक्षा विभाग ने एक रिक्शा चालक मनोहर यादव को फर्जी शिक्षक बताकर 51 लाख रुपये की रिकवरी का नोटिस भेज दिया। अब वह नोटिस लेकर दर-दर भटक रहा है और उसका पूरा परिवार परेशान है। हालांकि, शिक्षा विभाग ने यह नोटिस निरस्त कर...
नेशनल डेस्क : उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती जिले के शिक्षा विभाग ने एक रिक्शा चालक मनोहर यादव को फर्जी शिक्षक बताकर 51 लाख रुपये की रिकवरी का नोटिस भेज दिया। अब वह नोटिस लेकर दर-दर भटक रहा है और उसका पूरा परिवार परेशान है। हालांकि, शिक्षा विभाग ने यह नोटिस निरस्त कर दिया है और जांच की जा रही है।
मनोहर यादव, जो दिल्ली में रिक्शा चलाता है, ने रोते हुए अपनी परेशानी बताई। उसने कहा कि वह पढ़ा-लिखा नहीं है और उसका परिवार बहुत गरीब है। 51 लाख का नोटिस आने से वे सभी मुश्किल में आ गए हैं। मनोहर के अनुसार, उसके हाथों में रिक्शा चलाने से छाले पड़ गए हैं और नोटिस के कारण उसे और उसके परिवार को भारी तनाव हो रहा है।
बीते शुक्रवार को, श्रावस्ती के बेसिक शिक्षा विभाग ने मनोहर यादव को एक नोटिस भेजा, जिसमें कहा गया था कि वह एक फर्जी शिक्षक थे और उन्हें 51 लाख रुपये वेतन के रूप में मिल चुके थे। विभाग ने यह भी लिखा था कि अगर यह रकम एक हफ्ते में जमा नहीं कराई जाती, तो वसूली की कार्रवाई की जाएगी।
मनोहर यादव का कहना है कि जिस स्कूल में उसका नाम फर्जी शिक्षक के रूप में जुड़ा है, वहां उसकी तस्वीर भी मेल नहीं खाती। विभाग ने बाद में सफाई दी कि यह नोटिस एक अन्य फर्जी शिक्षक सुरेंद्र प्रताप सिंह से संबंधित था, जिनकी वेतन वसूली के लिए यह नोटिस मनोहर यादव को भेजा गया था। अब विभाग ने नोटिस को निरस्त करते हुए एक पत्र जारी किया है, जिसमें कहा गया कि यह गलती से भेजा गया था और इसकी जांच की जा रही है।