Edited By Parminder Kaur,Updated: 03 Mar, 2025 04:02 PM
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ओडिशा के नबरंगपुर जिले से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां एक महीने के बच्चे को इलाज के नाम पर करीब 40 बार लोहे की गर्म छड़ से दागा गया। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी। घटना के बाद बच्चे की हालत बिगड़ने पर उसे अस्पताल में भर्ती...
नेशनल डेस्क. ओडिशा के नबरंगपुर जिले से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां एक महीने के बच्चे को इलाज के नाम पर करीब 40 बार लोहे की गर्म छड़ से दागा गया। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी। घटना के बाद बच्चे की हालत बिगड़ने पर उसे अस्पताल में भर्ती किया गया है।
अधिकारियों के अनुसार, इस बच्चे को उपचार के लिए उमरकोट उप-संभागीय अस्पताल में भर्ती कराया गया। नबरंगपुर के मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारी (सीडीएमओ) डॉ. संतोष कुमार पांडा ने अस्पताल का दौरा किया और बताया कि शिशु की हालत अब सुधर रही है। बच्चे के शरीर पर पेट और सिर के हिस्से में करीब 30-40 दाग हैं, जो लोहे की गर्म छड़ से दागे गए थे।
अंधविश्वास के चलते हुआ अत्याचार
डॉ. पांडा ने बताया कि यह घटना अंधविश्वास के कारण हुई। बच्चे के परिवार के लोग मानते थे कि यदि बच्चे को लोहे की गर्म छड़ से दागा जाए तो उसकी बीमारियां ठीक हो जाएंगी। दरअसल, दस दिन पहले बच्चे को बुखार आया था और वह लगातार रो रहा था। परिवार के सदस्य का मानना था कि बच्चे पर किसी बुरी आत्मा का साया है। इसी वजह से उन्होंने शिशु का इलाज कराने के बजाय उसे गर्म लोहे की छड़ से दाग दिया।
बच्चे की हालत बिगड़ी, अस्पताल में भर्ती
जब बच्चे की हालत गंभीर हो गई और दागने के बाद वह और ज्यादा बीमार हो गया, तब उसे उमरकोट अस्पताल में भर्ती किया गया। डॉक्टरों के मुताबिक, बच्चे की हालत में अब सुधार हो रहा है।
अंधविश्वास को रोकने के लिए जागरूकता जरूरी
सीडीएमओ ने कहा कि इस तरह की प्रथाएं दूरदराज के इलाकों में बहुत समय से चल रही हैं। स्वास्थ्य विभाग ने अब चंदाहांडी खंड पर ध्यान केंद्रित करने और लोगों को जागरूक करने का फैसला किया है। उनका उद्देश्य यह है कि लोग इस तरह के अंधविश्वास से बचें और बच्चों को इलाज के लिए अस्पताल लाकर उनका सही उपचार कराएं।