Edited By Utsav Singh,Updated: 14 Oct, 2024 03:19 PM
उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के रहने वाले एक व्यक्ति का शव लगभग 40 दिन बाद सऊदी अरब से घर पहुंचा। रविवार की रात को मोहम्मद शकील के शव को उनके परिजनों की उपस्थिति में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया। आइए जानते है क्या है पूरा मामला...
नेशनल डेस्क : उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के रहने वाले एक व्यक्ति का शव लगभग 40 दिन बाद सऊदी अरब से घर पहुंचा। रविवार की रात को मोहम्मद शकील के शव को उनके परिजनों की उपस्थिति में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया। यह घटना परिवार के लिए एक दुखद मोड़ है, क्योंकि वे इस लंबे समय तक अपने प्रियजन के शव की वापसी की उम्मीद कर रहे थे।
बकरी चराने का काम
मोहम्मद शकील (40) का घर सदर तहसील के इमरती बिसेन गांव में था। वे सऊदी अरब में बकरी चराने का काम करते थे। लगभग 40 दिन पहले, उनके साथ काम करने वाले कुछ लोगों ने धारदार हथियार से उनकी हत्या कर दी थी। यह घटना न केवल उनके परिवार के लिए बल्कि पूरे गांव के लिए एक गंभीर चिंता का विषय बन गई।
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परिजनों की गुहार
इस घटना के बाद, शकील के मालिक ने उनके परिवार को जानकारी दी। इस जानकारी के बाद, शकील के परिजनों ने स्थानीय प्रशासन के माध्यम से भारत सरकार से हस्तक्षेप की मांग की और शव को स्वदेश लाने की गुहार लगाई। परिवार ने कई बार प्रशासन से संपर्क किया, ताकि शकील के शव को जल्दी से जल्दी भारत लाया जा सके। उनका यह प्रयास इस कठिन समय में अपने प्रियजन का अंतिम संस्कार करने की इच्छा से प्रेरित था।
शव की वापसी की प्रक्रिया
जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने बताया कि विदेश राज्य मंत्री और स्थानीय सांसद कीर्तिवर्धन सिंह के विशेष प्रयासों के चलते अंततः 40 दिन बाद शकील का शव सऊदी अरब से भारत लाया गया। यह शव लाने की प्रक्रिया में कई मुश्किलें थीं, लेकिन अधिकारियों के प्रयासों के कारण परिवार को उनके प्रियजन का शव सौंपा जा सका। इसके बाद, शकील के परिजनों ने शव को भावनात्मक रूप से विदाई देने के लिए अंतिम संस्कार की तैयारी की।
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परिवार की स्थिति
मोहम्मद शकील के चार बेटियां हैं, जिनकी उम्र 12 साल से कम है। उनके रिश्तेदार निजामुद्दीन ने कहा, "हम भारत सरकार और गोंडा जिला प्रशासन के आभारी हैं, जिन्होंने हमारी मदद की। विदेश राज्य मंत्री ने इस मामले में हस्तक्षेप कर शव को भारत लाने में सहायता की। हम यह भी चाहते हैं कि विदेश मंत्री आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए सऊदी प्रशासन से बात करें, ताकि न्याय मिल सके और ऐसे मामलों में भविष्य में सुधार किया जा सके।" यह बयान इस बात को दर्शाता है कि परिवार अब न्याय की उम्मीद कर रहा है।
यह मामला न केवल मोहम्मद शकील के परिवार के लिए एक दुखद घटना है, बल्कि यह उन समस्याओं को भी उजागर करता है जिनका सामना प्रवासी भारतीयों को विदेशों में करना पड़ता है। परिवार अब न्याय की उम्मीद कर रहा है और उन्हें विश्वास है कि सरकार उनकी मदद करेगी।