Edited By rajesh kumar,Updated: 23 Feb, 2025 08:30 PM
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अमेरिका से अवैध रूप से रह रहे भारतीयों की वापसी का सिलसिला लगातार जारी है। रविवार को एक और विमान में 12 भारतीयों को पनामा से भारत भेजा गया। इनमें से चार लोग पंजाब के हैं।
नई दिल्ली: अमेरिका से अवैध रूप से रह रहे भारतीयों की वापसी का सिलसिला लगातार जारी है। रविवार को एक और विमान में 12 भारतीयों को पनामा से भारत भेजा गया। इनमें से चार लोग पंजाब के हैं। खास बात यह है कि इन्हें अमेरिका ने विशेष विमान की बजाय एक सामान्य विमान से भेजा। सभी को दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर लाया गया, जहां भारतीय सुरक्षा एजेंसियां उनसे पूछताछ कर रही हैं।
अब तक कुल 332 भारतीयों को वापस भेजा गया
अब तक अमेरिका ने तीन सैन्य विमानों से कुल 332 भारतीयों को भारत भेजा है, और रविवार को आम विमान से 12 और भारतीयों को भेजा गया। इस प्रकार, अब तक 344 भारतीयों को अमेरिका से वापस भेजा जा चुका है। पहला विमान 5 फरवरी को भारत के अमृतसर में उतरा था, जिसमें 104 लोग सवार थे, जिनमें 30 पंजाबी थे। इसके बाद 15 और 16 फरवरी को भी 116 और 112 भारतीयों को अमेरिका से भारत भेजा गया था।
अमेरिका से भारतीय कैसे पहुंचे पनामा?
अमेरिका ने कई देशों से समझौता किया है, जिसके तहत अवैध प्रवासियों को पहले दूसरे देशों में भेजा जा रहा है, जो इन देशों को ट्रांजिट पॉइंट के रूप में इस्तेमाल करते हैं। इन देशों में पनामा, ग्वाटेमाला और कोस्टा रिका शामिल हैं। इस समझौते के तहत, अमेरिका से निर्वासित किए गए प्रवासी पहले पनामा जैसे देशों में रखे जा रहे हैं और कुछ दिन बाद उन्हें उनके अपने देशों में भेजा जा रहा है।
पनामा में भारतीयों को कैसे रखा जा रहा है?
पनामा में इन भारतीयों को अस्थायी रूप से डेरियन जंगलों में स्थित एक शरणार्थी होटल में रखा गया है। इस होटल का नाम "डैकेपोलिस" है, जहां इन प्रवासियों को कमरे में जाने की अनुमति नहीं दी जा रही। पनामा सरकार ने इन प्रवासियों की सुरक्षा के लिए होटल के बाहर पुलिस तैनात की है ताकि वे बाहर न जा सकें। हालांकि, पनामा के सुरक्षा मंत्री फ्रैंक अब्रेगो का कहना है कि इन लोगों को हिरासत में नहीं रखा गया है, बल्कि उनकी सुरक्षा के लिए उन्हें बाहर जाने से रोका जा रहा है। सरकार इन लोगों को खाने, चिकित्सा सेवाएं और अन्य जरूरी चीजें उपलब्ध करा रही है। इस प्रक्रिया के तहत, इन भारतीयों को जल्द ही भारत वापस भेजा जाएगा।