Edited By Mahima,Updated: 02 Jan, 2025 11:29 AM
लुधियाना के पोस्टमास्टर सरबजीत सिंह ने फ्लिपकार्ट ऐप के जरिए 2 लाख रुपये के लोन के लिए आवेदन किया, लेकिन एक धोखाधड़ी कॉल के बाद उनकी बैंक से 87,000 रुपये कट गए। पुलिस ने साइबर क्राइम डिपार्टमेंट को मामला सौंपा है। इस घटना से यह स्पष्ट हो गया कि...
नेशनल डेस्क: साइबर अपराध आजकल एक बढ़ती हुई समस्या बन चुकी है, और इसके कारण लाखों लोग रोजाना धोखाधड़ी का शिकार हो रहे हैं। हालांकि, जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं, लेकिन फिर भी लोग इस तरह के फर्जी स्कीम्स और धोखाधड़ी का शिकार हो रहे हैं। सबसे सामान्य साइबर फ्रॉड्स में ऑनलाइन जॉब स्कैम्स, फर्जी लोन ऑफर, और फर्जी निवेश योजनाएं शामिल हैं। हाल ही में एक ऐसी घटना सामने आई है, जिसमें एक व्यक्ति ने फ्लिपकार्ट ऐप के जरिए लोन के लिए आवेदन किया, और उसकी जरा सी लापरवाही से 87,000 रुपये की भारी रकम गंवा दी। आइए जानते हैं इस पूरी घटना के बारे में विस्तार से।
लुधियाना के पोस्टमास्टर हुए साइबर फ्रॉड का शिकार
यह घटना लुधियाना के सुधार इलाके के कैले गांव के एक पोस्टमास्टर सरबजीत सिंह के साथ घटी। सरबजीत ने फ्लिपकार्ट ऐप के माध्यम से 2 लाख रुपये के लोन के लिए आवेदन किया था। फ्लिपकार्ट जैसे बड़े ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर लोन की पेशकश एक सामान्य बात हो सकती है, लेकिन इसके जरिए साइबर अपराधी भी अपने जाल में लोगों को फंसाने के मौके ढूंढते हैं। कुछ दिन बाद, 4 दिसंबर 2023 को सरबजीत को एक कॉल आया। कॉलर ने खुद को फ्लिपकार्ट का प्रतिनिधि बताया और यह जानकारी दी कि उनका लोन अप्रूव हो चुका है। हालांकि, कॉल करने वाले ने यह भी कहा कि लोन के अप्रूवल में एक समस्या आई थी, क्योंकि उनका KYC (नो योर कस्टमर) वेरिफिकेशन अधूरा था, और लोन को प्रोसेस करने के लिए KYC पूरा करना जरूरी था। सरबजीत ने यह सुनकर इसे एक सामान्य प्रक्रिया मानते हुए उसे पूरा करने की तैयारी की।
सरबजीत को एक लिंक भेजा
कॉल करने वाले व्यक्ति ने सरबजीत को एक लिंक भेजा और उन्हें KYC फॉर्म भरने को कहा। सरबजीत ने लिंक पर क्लिक किया और उसमें अपनी जानकारी भर दी, जो कि एक सामान्य प्रक्रिया जैसा लग रहा था। इसके बाद, उन्हें एक और निर्देश मिला, जिसमें यह कहा गया कि KYC को फाइनलाइज करने के लिए 5 रुपये का टोकन पेमेंट करना होगा। यह सुनकर सरबजीत ने अपना बैंक अकाउंट डिटेल्स प्रदान किया और 5 रुपये का भुगतान करने की प्रक्रिया पूरी की। लेकिन, सरबजीत के बैंक अकाउंट से 5 रुपये की बजाय, अचानक 86,998 रुपये की बड़ी रकम कट गई। यह देख कर सरबजीत को यकीन नहीं हुआ। उन्होंने तुरंत उस व्यक्ति से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन वह व्यक्ति पहले ही कॉल काट चुका था और फोन बंद कर दिया। सरबजीत को समझ में आ गया कि वह एक साइबर फ्रॉड का शिकार हो चुके हैं।
सरबजीत ने तुरंत जगरांव पुलिस स्टेशन में जाकर घटना की रिपोर्ट दर्ज करवाई। पुलिस ने इस मामले की गंभीरता को समझते हुए इसे साइबर क्राइम डिपार्टमेंट को सौंप दिया। मामले की जांच कर रहे जगरांव पुलिस स्टेशन के ASI जगरूप सिंह के मुताबिक, धोखाधड़ी के इस मामले में बीएनएस (बैंकिंग धोखाधड़ी) के तहत मामला दर्ज किया गया। इसके अलावा, सूचना प्रौद्योगिकी (IT) अधिनियम की धारा 66(D) के तहत भी मामला दर्ज किया गया है। अब पुलिस अधिकारी उन बैंक अकाउंट्स का पता लगा रहे हैं, जिनमें सरबजीत की मेहनत की कमाई ट्रांसफर की गई थी।
साइबर फ्रॉड से बचने के उपाय
यह मामला इस बात का उदाहरण है कि कैसे साइबर अपराधी लोगों को धोखा देने के लिए फर्जी लोन ऑफर्स और KYC वेरिफिकेशन के नाम पर उनकी जानकारी हासिल करते हैं। ऐसे मामलों से बचने के लिए कुछ महत्वपूर्ण सावधानियां बरतनी चाहिए:
1. कॉल या लिंक की प्रामाणिकता जांचें: अगर आपको लोन या अन्य वित्तीय प्रस्तावों के लिए कॉल या संदेश आते हैं, तो उनका सत्यापन करें। कभी भी अनजान कॉलर्स पर भरोसा न करें और संदिग्ध लिंक पर क्लिक करने से बचें।
2. KYC प्रक्रिया की जानकारी लें: किसी भी वित्तीय सेवा से जुड़ी KYC प्रक्रिया को पूरी करने से पहले उसके बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करें। अधिकतर बैंक और वित्तीय संस्थान अपनी KYC प्रक्रिया को केवल अपने आधिकारिक प्लेटफॉर्म्स के जरिए ही पूरा करते हैं।
3. धोखाधड़ी की पहचान करें: अगर आपको किसी लिंक के जरिए पेमेंट करने के लिए कहा जाता है, तो उसे तुरंत संदेह की दृष्टि से देखें। कोई भी भरोसेमंद वित्तीय संस्थान ऐसे पेमेंट लिंक का इस्तेमाल नहीं करता।
4. सुरक्षित बैंकिंग: हमेशा अपने बैंकिंग ट्रांजेक्शंस को आधिकारिक और सुरक्षा मानकों को पूरा करने वाली बैंकिंग ऐप्स और वेबसाइट्स के जरिए ही करें। किसी भी थर्ड-पार्टी ऐप्स से लोन या किसी अन्य वित्तीय उत्पाद के लिए आवेदन करने से बचें।
5. आधिकारिक स्रोत से ही जानकारी प्राप्त करें: अगर आप किसी ऐप के जरिए लोन के लिए आवेदन कर रहे हैं, तो पहले उस ऐप की प्रामाणिकता जांचें और सिर्फ प्रमाणित बैंकों या वित्तीय संस्थाओं के ऐप्स का इस्तेमाल करें।
6. मुद्रित दस्तावेजों पर ध्यान दें: किसी भी वित्तीय प्रक्रिया में भाग लेने से पहले संबंधित दस्तावेजों को अच्छी तरह से पढ़ें और पूरी जानकारी सुनिश्चित करें।
यह घटना यह साबित करती है कि साइबर फ्रॉड अब कितने जटिल और धोखाधड़ी से भरे हुए हो गए हैं। एक तरफ जहां लोग तकनीकी रूप से अधिक सक्षम हो रहे हैं, वहीं साइबर अपराधी भी नए-नए तरीकों से उन्हें धोखा देने के लिए तैयार रहते हैं। यह जरूरी है कि हर कोई साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक रहे और हमेशा सतर्कता बरते, ताकि किसी भी प्रकार के साइबर फ्रॉड से बचा जा सके।