Edited By Radhika,Updated: 03 Feb, 2025 05:42 PM
पीएम मोदी ने मशहूर मुस्लिम शायर अंजुम बाराबंकवी की पत्र लिखकर तारीफ की है। शायर ने भगवान राम पर शायरी की है। पीएम का पत्र मिलने के बाद मुस्लिम शायर काफी भावुक हो गए। एक मीडिया कंपनी से बातचीत करते हुए कहा कि वह खरे और पक्के मुसलमान हैं, नमाजी हैं,...
नेशनल डेस्क: पीएम मोदी ने मशहूर मुस्लिम शायर अंजुम बाराबंकवी की पत्र लिखकर तारीफ की है। शायर ने भगवान राम पर शायरी की है। पीएम का पत्र मिलने के बाद मुस्लिम शायर काफी भावुक हो गए। एक मीडिया कंपनी से बातचीत करते हुए कहा कि वह खरे और पक्के मुसलमान हैं, नमाजी हैं, लेकिन राम उनके वजूद में शामिल हैं। शायर ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण पर खुशी जताई है। उन्होंने कहा कि110 % सही काम हुआ। उन्होंने कहा "मर्यादा पुरुषोत्तम मुझे कमजोर लगता है, वह इससे कहीं बुलंद चीज हैं।"
शायर बाराबंकवी ने धर्म पर खतरे के सवाल पर जवाब देते हुए कहा कि - "मजहब कोई गुड्डा गुड्डी का खेल है, जो खतरे में आ जाएगा। हमारे मां-बाप ने कभी नहीं सिखाया। सगी बहन के पाठ्यक्रम में संस्कृत थी। राम मंदिर प्रतिष्ठा के पहले 21 फरवरी को भोपाल के कमला पार्क में हम इकट्ठा हुए थे उसके बाद हमने गजल लिखी थी।"
डॉ अंजुम बाराबंकवी की श्रीराम पर लिखी गजल
दूर लगते हैं मगर पास हैं दशरथ नन्दन...
मेरी हर साँस का विश्वास हैं दशरथ नन्दन...
दिल के काग़ज़ पे कई बार लिखा है मैंने...
इक महकता हुआ अहसास हैं दशरथ नन्दन...
दूसरे लोगों के बारे में नहीं जानता हूँ...
मेरे जीवन में बहुत ख़ास हैं दशरथ नन्दन...
और कुछ दिन में समझ जाएगी छोटी दुनिया...
हम ग़रीबों की बड़ी आस हैं दशरथ नन्दन...
आप इस तरह समझ लीजिए मेरी अपनी...
ज़िन्दगी के लिए मधुमास हैं दशरथ नन्दन...
ये जो दौलत है मेरे सामने मिट्टी भी नहीं...
मेरी क़िस्मत के मेरे पास हैं दशरथ नन्दन...
मेरी ये बात भी जो चाहे परख सकता है...
सच के हर रूप के अक्कास हैं दशरथ नन्दन...
पीएम ने पत्र में लिखी ये बात-
पीएम ने कहा कि प्राण-प्रतिष्ठा के एक साल के पूरे होने पर अपनी खुशी को 'राम ग़ज़ल' लिखकर पेश करने के लिए धन्यवाद किया है। प्रभु श्री राम के प्रति अपने प्रेम को आपने बहुत सुंदर ढंग से दिखाया है। यह देखना बहुत खुशी की बात है कि अयोध्या धाम में प्रभु श्री राम के भव्य मंदिर में दर्शन के लिए देश-विदेश से लोग बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं। अयोध्या, प्रयागराज, वाराणसी और विन्ध्याचल जैसे हमारे धार्मिक स्थल अब स्थानीय अर्थव्यवस्था और रोजगार को बढ़ावा देने में मदद कर रहे हैं। हम अपनी समृद्ध विरासत पर गर्व महसूस करते हुए एक विकसित और भव्य भारत बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि आप जैसे देशवासियों के प्रयास हमारे देश को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएंगे। आपके अच्छे स्वास्थ्य और उज्जवल भविष्य की कामना सहित।