Edited By Mahima,Updated: 28 Oct, 2024 12:57 PM
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और स्पेन के पीएम पेड्रो सांचेज आज वडोदरा के लक्ष्मी विलास पैलेस में मुलाकात करेंगे। यह पहली बार है कि आज़ादी के बाद दो देशों के राष्ट्राध्यक्ष इस दरबार हॉल में मिलेंगे। 1890 में बने इस महल को दुनिया का सबसे बड़ा निजी निवास...
नेशनल डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज आज वडोदरा में ऐतिहासिक लक्ष्मी विलास पैलेस में मुलाकात करने जा रहे हैं। यह मुलाकात भारत के समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और ऐतिहासिक महत्व का प्रतीक है। खास बात यह है कि यह पहली बार हो रहा है कि आज़ादी के बाद दो देशों के राष्ट्राध्यक्ष इस दरबार हॉल में मिलेंगे, जिससे यह घटना और भी महत्वपूर्ण बन जाती है।
लक्ष्मी विलास पैलेस का इतिहास
लक्ष्मी विलास पैलेस का निर्माण 1890 में महाराजा सयाजीराव गायकवाड़ तृतीय ने किया था, जो बड़ौदा राज्य के एक प्रमुख शासक थे। इस महल को भारतीय वास्तुकला का एक अद्वितीय उदाहरण माना जाता है। यह महल लगभग 700 एकड़ में फैला हुआ है, और इसे दुनिया का सबसे बड़ा निजी निवास माना जाता है। यह लंदन के बकिंघम पैलेस से चार गुना बड़ा है। इस महल के निर्माण में उस समय लगभग 6 मिलियन रुपये खर्च हुए थे, जो उस समय की एक बड़ी राशि थी। महल में एक विशाल मैदान है, जिसमें गोल्फ कोर्स, मोती बाग क्रिकेट मैदान, और बड़ौदा क्रिकेट एसोसिएशन का ऑफिस शामिल है। इसके अलावा, यहां विशेष फर्श वाले टेनिस और बैडमिंटन कोर्ट भी हैं।
महल की भव्यता
लक्ष्मी विलास पैलेस का दरबार हॉल अपने आप में एक अनूठा और भव्य स्थल है। यह हॉल 5000 वर्ग फीट में फैला हुआ है और इसका कोई खंभा नहीं है, जो इसे और भी भव्य बनाता है। हॉल की कारीगरी में सोने, हाथी दांत और लाख का उपयोग किया गया है। यह हॉल विभिन्न प्रकार की कलाकृतियों और सजावटों से भरा हुआ है, जो भारतीय संस्कृति की समृद्धि को दर्शाते हैं। हॉल में चार रंगीन ग्लास पैनल हैं, जो 14 फीट लंबे हैं। इन पैनलों में भगवान राम, कृष्ण, विष्णु, और राम-सीता के चित्र बनाए गए हैं, जो भारतीय पौराणिक कथाओं को जीवित करते हैं। यहां मुरानो फ्लोरिंग भी है, जिसे इटली के 12 कारीगरों ने छह महीने में पूरा किया था। यह फ्लोरिंग हॉल की खूबसूरती को और बढ़ाती है।
वास्तुकला का मिश्रण
दरबार हॉल का डिज़ाइन पश्चिमी और भारतीय कल्चर का एक अनूठा मिश्रण है। इसे वास्तुकार मेजर चार्ल्स मंट ने डिजाइन किया था, लेकिन इसे रॉबर्ट चिशोल्म ने पूरा किया। चिशोल्म ने कई महान कलाकारों को इस हॉल में परफॉर्म करते देखा है, और यह हॉल देश-विदेश की अनेक प्रसिद्ध हस्तियों की मेज़बानी कर चुका है।
प्रधानमंत्री की मुलाकात
आज की मुलाकात न केवल राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और विरासत को भी एक नए आयाम पर ले जाने का अवसर है। प्रधानमंत्री मोदी और पेड्रो सांचेज की इस मुलाकात से वडोदरा के लक्ष्मी विलास पैलेस की सुंदरता और ऐतिहासिक महत्व को और अधिक पहचान मिलेगी। यह मुलाकात भारत और स्पेन के बीच के संबंधों को भी मजबूत करेगी। इस प्रकार, लक्ष्मी विलास पैलेस सिर्फ एक भव्य भवन नहीं है, बल्कि यह भारत की संस्कृति, इतिहास और समृद्धि का प्रतीक है। आज जब पीएम मोदी और स्पेन के पीएम पेड्रो सांचेज इस महल में मिलेंगे, तो यह न केवल इतिहास का एक हिस्सा बनेगा, बल्कि यह वर्तमान और भविष्य की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम होगा। इस महल की भव्यता और ऐतिहासिकता आज पूरी दुनिया के ध्यान का केंद्र बन गई है।