भारत का एक ऐसा गांव जहां मर्द करते हैं 2 शादियां, सगी बहनों की तरह रहती हैं सौतनें

Edited By Utsav Singh,Updated: 29 Sep, 2024 11:45 AM

a village in india where men marry twice and their step wives live

भारत एक ऐसा देश है जो अपनी विविधताओं, मान्यताओं और दुर्लभ परंपराओं के लिए जाना जाता है। हर क्षेत्र की अपनी विशेषताएँ होती हैं, जैसे कहीं शादी से पहले बच्चों की मान्यता, तो कहीं कुछ अनूठी परंपराएं। हमारे देश में सभी धर्मों के लोग निवाश करते है। यहां...

नेशनल डेस्क : भारत एक ऐसा देश है जो अपनी विविधताओं, मान्यताओं और दुर्लभ परंपराओं के लिए जाना जाता है। हर क्षेत्र की अपनी विशेषताएँ होती हैं, जैसे कहीं शादी से पहले बच्चों की मान्यता, तो कहीं कुछ अनूठी परंपराएं। हमारे देश में सभी धर्मों के लोग निवाश करते है। यहां आपको विभिन्न संस्कृति के लोग मिलेंगे। आज एक ऐसा ही मामला सामने आया है। आपको बता दें इस गांव के लोग एक नहीं बल्की दो शादी करते है। आइए जानते है क्या है इसके पीछे का पूरा इतिहास...

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रामदेयो की बस्ती की अनोखी परंपरा
राजस्थान के रामदेयो की बस्ती में एक अद्भुत प्रथा है, जहां पुरुष दो पत्नियां रखते हैं और तीनों एक साथ एक ही घर में रहते हैं। यह स्थिति भारतीय समाज की पारंपरिक धारणाओं से बिलकुल अलग है। इस गांव में देखा गया है कि दो पत्नियों के बीच तनाव या विवाद की कोई स्थिति नहीं होती। वे एक-दूसरे के साथ सहभोजी और सगी बहनों की तरह रहती हैं। यह सामंजस्य और प्रेम की अनोखी मिसाल है।

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प्रथा का इतिहास
इस अनोखी प्रथा की जड़ें प्राचीन मान्यताओं और अंधविश्वासों में हैं। जैसलमेर के इस गांव में इस प्रथा की जड़ें प्राचीन अंधविश्वास में हैं। यहां के लोग मानते हैं कि एक ही शादी करने से संतान नहीं होती या केवल बेटियाँ ही होती हैं। इसलिए, बेटों की इच्छा से पुरुष दूसरी शादी करने का निर्णय लेते हैं।

आधुनिकता की ओर बढ़ते कदम
हालांकि, वर्तमान में इस गांव के युवा अब इस प्रथा से दूर होते जा रहे हैं। नई पीढ़ी इसे उतना महत्व नहीं दे रही जितना उनके पूर्वज देते थे। आधुनिकता का प्रभाव इन ग्रामीणों पर भी पड़ रहा है, और वे समय के साथ चलने की कोशिश कर रहे हैं।

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रामदेयो की बस्ती की यह अनोखी परंपरा भारतीय संस्कृति की विविधता का प्रतीक है। हालांकि यह प्रथा अब धीरे-धीरे कम हो रही है, लेकिन यह समाज के इतिहास और मान्यताओं को दर्शाती है। यह बदलाव आधुनिकता के साथ सामंजस्य बनाने की कोशिश है, जो दर्शाता है कि समय के साथ हर समाज में परिवर्तन आवश्यक है।

 

 

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