Edited By Utsav Singh,Updated: 17 Aug, 2024 03:03 PM
हमारे देश में यह कहा जाता है कि जब आंखों में अरमान लिया मंजिल को अपना मान लिया। फिर मुश्किल क्या आसान क्या जब ठान लिया तो ठान लिया। कुछ ऐसा ही काम ठान लिया है एक भाई ने अपने भाई को न्याय दिलाने के लिए। जी हां। यह मामला है उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले...
उत्तर प्रदेश : हमारे देश में यह कहा जाता है कि जब आंखों में अरमान लिया मंजिल को अपना मान लिया। फिर मुश्किल क्या आसान क्या जब ठान लिया तो ठान लिया। कुछ ऐसा ही काम ठान लिया है एक भाई ने अपने भाई को न्याय दिलाने के लिए। जी हां। यह मामला है उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले की है। अपने भाई इंसाफ दिलाने के लिए पैदल करीब 800 किलोमीटर की यात्रा तय करके दिल्ली जा रहे युवक का प्रण है कि 'अब या तो न्याय मिलेगा या मैं मर जाउंगा'।
तिवारी की हत्या को लगभग 5 साल हो चुके हैं
दरअसल यह मामला उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले का है। यहां 9 अक्टूबर 2019 को दिनदहाड़े गोली मारकर आदित्य नारायण तिवारी उर्फ कबीर की हत्या कर दी गई थी। कबीर, जो बस्ती जिले के एपीएन पीजी कॉलेज का पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष था, की हत्या के मामले में परिजनों को अभी तक न्याय नहीं मिल सका है। आदित्य नारायण तिवारी की हत्या को लगभग पांच साल हो चुके हैं, और इस दौरान उनके परिवार को न्याय की कोई उम्मीद नहीं मिली है। इस मामले में अपने भाई के लिए न्याय की लड़ाई लड़ते हुए विवेक नारायण तिवारी ने अब गृहमंत्री अमित शाह से मिलने और मामले की जांच सीबीआई से कराने के लिए पैदल दिल्ली की ओर रवाना हो गए हैं। विवेक का आरोप है कि इतने समय के बाद भी उन्हें न्याय नहीं मिला, और उनका यह संघर्ष अब सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से वायरल हो रहा है।
या तो न्याय मिलेगा या इस संघर्ष में जान गंवा देंगे
अपने भाई को न्याय दिलाने के लिए विवेक नारायण तिवारी ने ठान लिया है कि वह दिल्ली पैदल यात्रा करके ही रहेंगे, और उनका संकल्प है कि या तो उन्हें न्याय मिलेगा या वह इस संघर्ष में जान गंवा देंगे। विवेक ने यह कठिन यात्रा करीब 800 किलोमीटर की दूरी तय करके शुरू की है।विवेक के भाई आदित्य नारायण तिवारी उर्फ कबीर की 9 अक्टूबर 2019 को हत्या कर दी गई थी। कबीर की हत्या जमीन विवाद के चलते की गई थी। हत्यारों ने उन्हें दिनदहाड़े गोली मारी। गंभीर रूप से घायल कबीर को पहले बस्ती जिले के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहां से उन्हें लखनऊ रेफर किया गया, लेकिन रास्ते में उनकी मौत हो गई।
गृहमंत्री से मिलने और CBI जांच की मांग करने...
कबीर की मौत के बाद कई प्रमुख नेता उनके परिवार से मिलने आए और सांत्वना दी। हालांकि, परिजनों का आरोप है कि पांच साल बीत जाने के बाद अब कोई भी नेता इस मामले में उनकी मदद नहीं कर रहा है। इस स्थिति से निराश होकर विवेक ने दिल्ली पहुंचकर गृहमंत्री अमित शाह से मिलने और मामले की सीबीआई जांच की मांग करने का निर्णय लिया है। उनका संघर्ष और संकल्प अब सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया है।