Rajasthan: कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में उम्र कम दिखाकर फंसा युवक, अंतिम राउंड में हुआ खुलासा

Edited By Mahima,Updated: 17 Oct, 2024 04:12 PM

a youth got caught in constable recruitment exam by showing his age less

राजस्थान के नीमकाथाना में 31 वर्षीय हंसराज सिंह ने कांस्टेबल भर्ती परीक्षा में 22 साल का बताकर जाली दस्तावेज पेश किए। 10वीं और 12वीं की मार्कशीट में उम्र कम दिखाने के बावजूद, दस्तावेज सत्यापन के दौरान उसकी वास्तविक उम्र सामने आ गई। पुलिस ने उसे...

नेशनल डेस्क: राजस्थान के नीमकाथाना क्षेत्र में एक 31 वर्षीय युवक, हंसराज सिंह, ने सरकारी नौकरी पाने के लिए अपनी उम्र में धोखाधड़ी की। हंसराज ने अपनी उम्र 22 साल बताई और इसके लिए उसने जाली दस्तावेज तैयार किए। अधिकारियों के अनुसार, उसने एक नकली जन्म प्रमाण पत्र और आधार कार्ड बनाया था, जिससे वह भर्ती परीक्षा में शामिल हो सका।

धोखाधड़ी का तरीका
हंसराज ने 2021 में 10वीं की बोर्ड परीक्षा पास की और इसके बाद दो साल का इंतजार करके 12वीं की परीक्षा दी। उसने इन दोनों परीक्षाओं के लिए जो मार्कशीट बनाई, उसमें उसने अपनी उम्र कम दिखाने का प्रयास किया। इस तरह, हंसराज ने राजस्थान सिपाही भर्ती परीक्षा-2023 में भाग लिया और लगभग सभी चयन प्रक्रियाओं को पार कर लिया।

पकड़े जाने का घटनाक्रम
15 अक्टूबर को परीक्षा का आखिरी राउंड था, जिसमें दस्तावेज सत्यापन और मेडिकल टेस्ट शामिल था। इसी दौरान हंसराज की वास्तविक उम्र का भंडाफोड़ हुआ। जांच में उसकी वर्तमान 10वीं की मार्कशीट में जन्मतिथि 25 नवंबर 2002 अंकित थी, जबकि उसके पुराने दस्तावेजों में जन्मतिथि 1993 पाई गई। जब अधिकारियों ने संदेह होने पर उसकी गहन जांच की, तो उसके पास कई अन्य दस्तावेज भी मिले, जिनमें पुरानी मार्कशीट थी, जिसमें उसकी उम्र सही से दर्ज थी।

पुलिस कार्रवाई
नीमकाथाना पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि हंसराज को भारतीय न्याय संहिता की संबंधित धाराओं के तहत धोखाधड़ी और जालसाजी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। पुलिस अधीक्षक राज कुमार चौधरी ने पुष्टि की कि पूछताछ के दौरान हंसराज ने स्वीकार किया कि उसने परीक्षा में भाग लेने के लिए अपनी उम्र 9 साल कम बताई थी।

सरकार का सख्त संदेश
यह घटना सरकारी नौकरी पाने के लिए किए गए धोखाधड़ी के प्रयासों को उजागर करती है। अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई की जाएगी, ताकि भविष्य में कोई भी व्यक्ति ऐसे धोखाधड़ी के तरीकों का सहारा न ले सके। यह एक चेतावनी है कि सरकारी नौकरी के लिए सही और सच्चे दस्तावेजों का होना आवश्यक है, अन्यथा गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। हंसराज के इस मामले ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि नियमों का पालन करना और ईमानदारी से परीक्षा में भाग लेना ही सबसे सही तरीका है।

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