Edited By Parminder Kaur,Updated: 06 Sep, 2024 02:07 PM
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की अगुवाई में पंजाब सरकार ने पूरे राज्य में आम आदमी क्लीनिक की शुरुआत की है, जिससे शिक्षा क्रांति की दिशा में कदम बढ़ाया गया है। मुख्यमंत्री का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि पंजाब के लोगों को उनके घर से 3-4 किलोमीटर की...
नेशनल डेस्क. मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की अगुवाई में पंजाब सरकार ने पूरे राज्य में आम आदमी क्लीनिक की शुरुआत की है, जिससे शिक्षा क्रांति की दिशा में कदम बढ़ाया गया है। मुख्यमंत्री का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि पंजाब के लोगों को उनके घर से 3-4 किलोमीटर की दूरी पर मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हों। इस साल की शुरुआत में पंजाब में 677 आम आदमी क्लीनिक थे। 2 मार्च को मुख्यमंत्री मान ने पंजाब में 165 और आम आदमी क्लीनिकों का उद्घाटन किया, जिससे इनकी कुल संख्या 842 हो गई है। इन क्लीनिकों में लोगों को मुफ्त डॉक्टर की सलाह, दवाइयाँ और क्लिनिकल टेस्ट उपलब्ध कराए जाते हैं।
पंजाब की 65% आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है। इसी को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री ने शहरी क्षेत्रों की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा आम आदमी क्लीनिकों की स्थापना को प्राथमिकता दी है। कुल 842 क्लीनिकों में से 530 ग्रामीण क्षेत्रों में और 312 शहरी क्षेत्रों में स्थापित किए गए हैं। इसके परिणामस्वरूप लोगों को दवा लेने, रूटीन बीमारियों के इलाज या डायग्नोस्टिक टेस्ट के लिए लंबी लाइनों का सामना नहीं करना पड़ता। इसके अलावा आम आदमी क्लीनिकों के कारण पंजाब भर के सरकारी अस्पतालों पर दबाव काफी कम हो गया है।
आम आदमी क्लीनिकों ने जनता को बहुत सारी सेवाएं और दवाइयाँ प्रदान करके स्वास्थ्य क्षेत्र पर काफी प्रभाव डाला है। अब तक 1 करोड़ 90 लाख से ज्यादा मरीजों ने आम आदमी क्लीनिकों से मुफ्त स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठाया है। हर क्लीनिक में एक मेडिकल ऑफिसर, एक फार्मासिस्ट, एक क्लीनिक सहायक और एक स्वीपर-कम-हेल्पर होता है। मेडिकल ऑफिसर, फार्मासिस्ट और क्लीनिक सहायक की सूचीबद्ध फीस पर लगभग 57.31 करोड़ रुपये का खर्च आता है।
वर्तमान में इन क्लीनिकों में 80 प्रकार की दवाइयाँ उपलब्ध हैं, जिन्हें सरकार ने लगभग 50 करोड़ रुपये की लागत से खरीदी हैं। इन क्लीनिकों के माध्यम से अब तक 450 करोड़ रुपये की दवाइयाँ मरीजों को मुफ्त प्रदान की जा चुकी हैं। मरीजों के 38 डायग्नोस्टिक टेस्ट मुफ्त में किए जाते हैं, जिसका खर्च लगभग 21.11 करोड़ रुपये है। इन क्लीनिकों के कारण लोगों की जेब पर अतिरिक्त भार काफी कम हुआ है। अब तक आम आदमी क्लीनिकों के कारण लोगों ने कुल 889 करोड़ रुपये की बचत की है।