Edited By Harman Kaur,Updated: 05 Apr, 2025 05:50 PM
वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 को लेकर देश की सियासत गर्म है। अब आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान ने इस बिल को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। उनका कहना है कि यह कानून संविधान में दिए गए मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है और मुस्लिम समुदाय की...
नेशनल डेस्क: वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 को लेकर देश की सियासत गर्म है। अब आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान ने इस बिल को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। उनका कहना है कि यह कानून संविधान में दिए गए मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है और मुस्लिम समुदाय की धार्मिक स्वतंत्रता को कमजोर करता है।
खान की याचिका में क्या कहा गया है?
अमानतुल्लाह खान ने अपनी याचिका में अनुरोध किया है कि वक्फ (संशोधन) विधेयक को असंवैधानिक घोषित किया जाए क्योंकि यह संविधान के अनुच्छेद 14, 15, 21, 25, 26, 29, 30 और 300-A का उल्लंघन करता है। उनका कहना है कि यह विधेयक मुस्लिम धार्मिक और सांस्कृतिक स्वायत्तता को प्रभावित करता है। यह सरकार को वक्फ संस्थानों में मनमाने हस्तक्षेप की शक्ति देता है। इससे मुस्लिम समुदाय का धार्मिक अधिकार कमजोर होता है।
अन्य नेताओं की आपत्तियां
कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद और एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी सुप्रीम कोर्ट में अलग-अलग याचिकाएं दायर की हैं। जावेद की याचिका में विधेयक पर मनमाने प्रतिबंध लगाने का आरोप। कहा गया कि यह वक्फ संपत्तियों और उनके प्रबंधन को प्रभावित करता है। यह अनुच्छेद 25 के तहत धर्म की आज़ादी का उल्लंघन करता है। ओवैसी की याचिका में कहा गया कि वक्फ को दी गई संवैधानिक सुरक्षा छीन ली गई है। जबकि हिंदू, जैन, सिख संस्थाओं को वही संरक्षण जारी है। वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिमों की नियुक्ति को भी संविधान के खिलाफ बताया गया है। उनके वकील लजफीर अहमद ने कहा कि यह विधेयक मुस्लिमों के खिलाफ शत्रुतापूर्ण भेदभाव करता है, जो अनुच्छेद 14 और 15 का उल्लंघन है। बता दें कि राज्यसभा में 128 सदस्यों ने विधेयक के पक्ष में जबकि 95 ने विरोध में मतदान किया, जिसके बाद इसे पारित कर दिया गया। लोकसभा ने तीन अप्रैल को विधेयक को मंजूरी दे दी थी। लोकसभा में 288 सदस्यों ने विधेयक का समर्थन, जबकि 232 ने विरोध किया।