Edited By Utsav Singh,Updated: 05 Oct, 2024 07:12 PM
दिल्ली में बस मार्शलों की बहाली को लेकर सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच राजनीति तेज हो गई है। इस दौरान, एक तस्वीर वायरल हो रही है जिसमें सौरभ भारद्वाज, भाजपा विधायक विजेंद्र गुप्ता के पैर पकड़ते हुए नजर आ रहे हैं।...
नई दिल्ली : दिल्ली में बस मार्शलों की बहाली को लेकर सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच राजनीति तेज हो गई है। इस मुद्दे पर दोनों पार्टियों के विधायक LG से मिलने गए थे। दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वे इस मुद्दे पर अपने वादों से पलट गए हैं। इस दौरान, एक तस्वीर वायरल हो रही है जिसमें सौरभ भारद्वाज, भाजपा विधायक विजेंद्र गुप्ता के पैर पकड़ते हुए नजर आ रहे हैं। आम आदमी पार्टी ने इस तस्वीर को ट्वीट करते हुए कहा कि वे बस मार्शलों की बहाली के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं।
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आम आदमी पार्टी का ट्वीट
आम आदमी पार्टी ने अपने ट्वीट में यह उल्लेख किया कि जब भाजपा के विधायक LG आवास जाने से भाग रहे थे, तब दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने उनके पैर पकड़ लिए। इस ट्वीट में यह भी कहा गया कि काफी संघर्ष के बाद भाजपा के विधायकों को LG हाउस ले जाया गया, जो दर्शाता है कि इस मुद्दे पर दोनों पार्टियों के बीच राजनीतिक नोकझोंक चल रही है। यह ट्वीट इस बात का संकेत है कि आम आदमी पार्टी बस मार्शलों की बहाली के लिए गंभीर है और किसी भी प्रकार की बाधा को पार करने के लिए तैयार है।
CM आतिशी का बयान
दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए हैं कि उन्होंने बस मार्शलों के मुद्दे पर राजनीति की है। उन्होंने बताया कि भाजपा के विधायकों ने पहले मुझसे मिलने का समय मांगा था, लेकिन जब बात करने का मौका आया, तो वे एलजी से आवश्यक निर्णय लेने के लिए तैयार नहीं थे।
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आपातकालीन कैबिनेट बैठक
सीएम आतिशी ने बताया कि एक आपातकालीन कैबिनेट बैठक बुलाई गई थी जिसमें बस मार्शलों को नियमित करने के लिए प्रस्ताव पारित किया गया। उन्होंने कहा कि भाजपा को इस मामले में कार्रवाई करने के लिए तैयार रहना चाहिए, लेकिन वे इस पर राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा के विधायक LG से उस कैबिनेट नोट को पारित करने के लिए कहने में असफल रहे, जिससे यह स्पष्ट होता है कि भाजपा केवल राजनीति कर रही है और गंभीरता से समस्या का समाधान नहीं चाहती।
इस पूरे मामले से यह साफ है कि बस मार्शलों की बहाली को लेकर दोनों पक्षों में तीखी बहस चल रही है। आम आदमी पार्टी ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया है और उसे हल करने के लिए विभिन्न कदम उठा रही है।