Edited By Parveen Kumar,Updated: 30 Jan, 2025 09:28 PM
26 जनवरी, 2025 यानी 76वें गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में नई दिल्ली के कर्तव्य पथ पर आयोजित राष्ट्रीय परेड में गुजरात के टैब्लो ‘आनर्तपुर से एकतानगर तक – विरासत से विकास का अद्भुत संगम’ को ‘पॉपुलर चॉइस अवॉर्ड’ कैटेगरी में लगातार तीसरे वर्ष पहला स्थान...
नेशनल डेस्क : 26 जनवरी, 2025 यानी 76वें गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में नई दिल्ली के कर्तव्य पथ पर आयोजित राष्ट्रीय परेड में गुजरात के टैब्लो ‘आनर्तपुर से एकतानगर तक – विरासत से विकास का अद्भुत संगम’ को ‘पॉपुलर चॉइस अवॉर्ड’ कैटेगरी में लगातार तीसरे वर्ष पहला स्थान प्राप्त हुआ है। नई दिल्ली में गुरुवार को राष्ट्रीय रंगशाला शिविर स्थित झनकार हॉल में टैब्लो संबंधी अवॉर्ड वितरण समारोह आयोजित हुआ।
समारोह में केन्द्रीय रक्षा राज्य मंत्री श्री संजय सेठ के करकमलों से गुजरात सरकार की ओर से सूचना एवं प्रसारण सचिव श्रीमती अवंतिका सिंह औलख ने विजेता ट्रॉफी तथा प्रशस्ति पत्र स्वीकार किए। इस अवसर पर सूचना निदेशक श्री के. एल. बचाणी तथा संयुक्त सूचना निदेशक डॉ. संजय कचोट उपस्थित रहे।
इस कार्यक्रम में रक्षा मंत्रालय के संयुक्त सचिव अमिताभ पाठक, डायरेक्टर-सेरीमोनियल विकास कुमार तथा रक्षा मंत्रालय के विशेष कार्याधिकारी श्री शिव कुमार सहित अधिकारी भी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल ने पिछले तीन वर्षों से गुजरात के टैब्लो के पॉपुलर चॉइस कैटेगरी में प्रथम स्थान प्राप्त करने की गौरवपूर्ण उपलब्धि पर गुजरात के सभी नागरिकों को हृदयपूर्वक अभिनंदन देते हुए आभार व्यक्त किया है।
पटेल ने विश्वास व्यक्त किया कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने ‘विरासत भी, विकास भी’ का जो मंत्र दिया है, उसे गुजरात जन भागीदारी से साकार कर रहा है और भविष्य में भी अग्रसर रहेगा। 76वें गणतंत्र पर्व की राष्ट्रीय परेड में नई दिल्ली में कर्तव्य पथ पर विभिन्न राज्यों व सरकार के विभागों के 31 टैब्लोज प्रस्तुत किए गए थे। गुजरात राज्य के सूचना विभाग द्वारा प्रस्तुत टैब्लो में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा तथा मार्गदर्शन में गुजरात के आधुनिक विकास की छलांग लगाए जाने की विकास गाथा को प्राचीन विरासत की झाँकी के साथ प्रस्तुत किया गया।
इस परेड में प्रस्तुत हुए टैब्लोज के लिए नागरिक अपने वोट ऑनलाइन देकर ‘पॉपुलर चॉइस’ के श्रेष्ठ टैब्लो का चयन कर सकें; ऐसा नूतन व पारदर्शी दृष्टिकोण प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा से अपनाया गया है, जिसमें गुजरात लगातार तीसरे वर्ष प्रथम स्थान पर रहकर विजेता बना है। गुजरात के टैब्लो ने पॉपुलर चॉइस कैटेगरी अवॉर्ड मे अग्रसर रहने की परंपरा 2023 के 74वें गणतंत्र पर्व की राष्ट्रीय परेड से शुरू की है। इस परेड में राज्य सरकार ने ‘क्लीन-ग्रीन एनर्जीयुक्त गुजरात’ के टैब्लो में प्रधानमंत्री के रिन्येबल एनर्जी के अधिकतम उपयोग के आह्वान को साकार करने में गुजरात की पहल की झाँकी प्रस्तुत की थी।
वर्ष 2024 के 75वें गणतंत्र पर्व की राष्ट्रीय परेड में गुजरात के टैब्लो ‘धोरडो, वर्ल्ड बेस्ट टूरिज्म विलेज-यूएनडब्लूटीओ’ की प्रस्तुति को भी ‘पॉपुलर चॉइस’ कैटेगरी में पहला स्थान मिला था। इतना ही नहीं, टैब्लोज की श्रेष्ठता की चयन समिति – जूरी की चॉइस में भी गुजरात के इस टैब्लो ने दूसरा स्थान प्राप्त किया था। इसी परंपरा में एक और उपलब्धि प्राप्त करते हुए 76वें गणतंत्र पर्व की राष्ट्रीय परेड में गुजरात के टैब्लो ने लगातार तीसरी बार पहला स्थान प्राप्त कर हैट्रिक लगाने का गौरव हासिल किया है।
76वें गणतंत्र पर्व पर नई दिल्ली में कर्तव्य पथ पर प्रस्तुत हुए इस टैब्लो में ‘स्वर्णिम भारत : विरासत और विकास’ शीर्षक अंतर्गत जो झाँकी प्रस्तुत की गई थी, उसने सच्चे अर्थ में न केवल राज्य, अपितु राष्ट्र की सांस्कृतिक धरोहर एवं विकास के अभूतपूर्व सम्मिश्रण को प्रभावशाली ढंग से साकार किया। गुजरात की झाँकी में 12वीं शताब्दी के वडनगर यानी आनर्तपुर के सोलंकी काल के ‘कीर्ति तोरण’ से लेकर 21वीं शताब्दी की आश्चर्य स्वरूप ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ की सांस्कृतिक विरासत के साथ संरक्षण, टेक्नोलॉजी, ऑटोमोबाइल तथा मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में राज्य की आत्मनिर्भरता के विभिन्न विकास प्रोजेक्ट सी-295 एयरक्राफ्ट उत्पादन इकाई, सेमीकंडक्टर चिप तथा उससे जुड़े उपकरणों एवं अटल ब्रिज आदि का बखूबी निदर्शन किया गया।
राज्य की झाँकी में प्रारंभिक छोर में सोलंकी काल में वनडगर स्थित 12वीं सदी का राज्य के सांस्कृतिक प्रवेश द्वार समान ‘कीर्ति तोरण’, तो अंतिम छोर में 21वीं शातब्दी की शान 182 मीटर ऊँची सरदार पटेल की विश्व की सबसे ऊँची प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ को दर्शाया गया। गुजरात की इस झाँकी को अधिक दिलचस्प बनाने के उद्देश्य से पारंपरिक, किंतु आधुनिक दुहा के ताल पर राज्य का जोशीला ‘मणियारो’ रास जीवंत नृत्य के साथ दर्शाया गया। गुजरात की पारंपरिक लोक संस्कृति के मेरु समान इस मणियारा रास को विभिन्न राज्यों के टैब्लोज के कलाकारों द्वारा आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम की कृतियों की प्रतियोगिता में भी तीसरा स्थान प्राप्त हुआ है।