Edited By Archna Sethi,Updated: 12 Mar, 2025 07:51 PM

अमेरिकी सेब के अनुचित आयात से बचाने के लिए कार्रवाई की आवश्यकता
चंडीगढ़, 12 मार्च:(अर्चना सेठी) अमेरिका द्वारा पारस्परिक शुल्क रेसिप्रोकल टैरिफ के कारण बनी स्थिति को देखते हुए, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के किसानों को भारतीय बाजारों में सस्ते अमेरिकी सेब के आयात से गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया है। इस संबंध में, कश्मीर वैली फ्रूट ग्रोअर्स यूनियन (के.वी.एफ.जी.यू.) ने चेतावनी दी है कि कम कीमत वाले सेबों के इस आयात से बाजार में ऐसी स्थिति बन जाएगी कि कीमतें गिरने के कारण सेब की खेती पर निर्भर 7 लाख से अधिक परिवारों की रोजी-रोटी खतरे में पड़ सकती है।
पंजाब विधानसभा के स्पीकर कुलतार सिंह संधवां ने भारत सरकार से भारतीय किसानों के हितों की रक्षा के लिए त्वरित कार्रवाई करने की अपील की है। उन्होंने संरक्षणात्मक प्रतिकारी शुल्क प्रोटेक्टिव काउंटर टैरिफ जैसी आवश्यक मांगों का उल्लेख किया, जिसके तहत भारतीय उत्पादकों के लिए व्यापार में समान अवसर सुनिश्चित करने हेतु अमेरिकी सेबों पर समान (मैचिंग) शुल्क लगाया जाना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि इस दिशा में त्वरित आर्थिक राहत की आवश्यकता है, जिसके तहत किसानों को होने वाले आय के नुकसान को रोकने और निरंतर उत्पादन सुनिश्चित करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जानी चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका के साथ सभी व्यापारिक संबंधों में भारतीय किसानों की आजीविका की रक्षा के लिए किसान-हितैषी व्यापार समझौतों की जरूरत है। उन्होंने भारतीय उत्पादों की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने के लिए भंडारण सुविधाओं के आधुनिकीकरण, सुचारू परिवहन और बाजार पहुंच की दृष्टि से कृषि बुनियादी ढांचे को मजबूत करने पर जोर दिया।
कुलतार सिंह संधवां ने कहा कि हमारे किसान भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। उनका पसीना और कड़ी मेहनत देश का पोषण करती है। यह बिल्कुल भी उचित और स्वीकार्य नहीं है कि अंतरराष्ट्रीय व्यापार युद्धों के कारण उन्हें किसी कठिनाई का सामना करना पड़े। उन्होंने आगे कहा कि यदि सरकार इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करती है, तो हमारे लिए न केवल अपनी आजीविका बल्कि अपनी पीढ़ियों की कृषि विरासत को खोने का खतरा भी पैदा हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि विदेशी उत्पादों का सस्ता आयात कुछ व्यापारियों को लाभ पहुंचा सकता है, लेकिन इससे कई छोटे और सीमांत किसानों का जीवन बर्बाद हो जाएगा। हम लाभ-आधारित नीतियों के कारण उन किसानों को कुचलने नहीं देंगे जो हमारा पेट भरते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि यह सिर्फ सेबों का मामला नहीं है, बल्कि हर भारतीय किसान के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होने का विषय है। उन्होंने कहा कि सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारे किसानों को उनके उत्पादों का उचित मूल्य, निष्पक्ष बाजार और समान अवसर मिलें। श्री संधवां ने कहा कि मैं अपने किसानों के साथ खड़ा हूं और सरकार से अपील करता हूं कि वह बिना देर किए किसानों के हितों की रक्षा सुनिश्चित करे।