Edited By Parveen Kumar,Updated: 10 Jan, 2025 11:09 PM
अडानी समूह ने अपनी फॉर्च्यून तेल बनाने वाली कंपनी Adani Wilmar में 13.5% हिस्सेदारी बेचकर 4,850 करोड़ रुपये जुटाए हैं। इस हिस्सेदारी की बिक्री शुक्रवार को हुई, जिसमें 17.54 करोड़ शेयर (13.5% इक्विटी) गैर-रिटेल निवेशकों को 10 जनवरी और रिटेल निवेशकों...
नेशनल डेस्क : अडानी समूह ने अपनी फॉर्च्यून तेल बनाने वाली कंपनी Adani Wilmar में 13.5% हिस्सेदारी बेचकर 4,850 करोड़ रुपये जुटाए हैं। इस हिस्सेदारी की बिक्री शुक्रवार को हुई, जिसमें 17.54 करोड़ शेयर (13.5% इक्विटी) गैर-रिटेल निवेशकों को 10 जनवरी और रिटेल निवेशकों को 13 जनवरी को 275 रुपये के न्यूनतम मूल्य पर बेचे गए। इसके साथ ही एक अतिरिक्त बिक्री विकल्प भी था, जिसके तहत 8.44 करोड़ शेयरों (6.5% इक्विटी) की और बिक्री हो सकती थी।
निवेशकों का मिला जबरदस्त समर्थन
Adani Enterprises की सहायक कंपनी Adani Commodities LLP ने गैर-रिटेल निवेशकों के लिए इस बिक्री प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूरा किया। इसमें 100 से अधिक घरेलू और अंतरराष्ट्रीय निवेशकों ने हिस्सा लिया। यह हाल के समय में भारतीय पूंजी बाजार में एक बड़ा बिक्री प्रस्ताव (OFS) रहा। सबसे बड़ी बात यह है कि यह बिक्री उस दिन हुई जब बाजार की स्थिति ठीक नहीं थी, क्योंकि सेंसेक्स 0.3% गिरा और NIFTY MIDCAP 100 में 2.1% की गिरावट आई।
अडानी समूह का कैपिटल जुटाने का प्रयास
अडानी समूह ने इस बिक्री में ओवरसब्सक्रिप्शन विकल्प का इस्तेमाल करते हुए 1.96 करोड़ अतिरिक्त शेयर (कंपनी के कुल इक्विटी का 1.51%) बेचने की योजना बनाई है। कुल मिलाकर 19.50 करोड़ शेयर (15.01%) की बिक्री की जाएगी, जिसमें से 1.95 करोड़ शेयर रिटेल निवेशकों के लिए 13 जनवरी को उपलब्ध होंगे।
इस बिक्री के साथ, अडानी समूह ने इस वित्तीय वर्ष में अब तक कुल 3.15 बिलियन अमेरिकी डॉलर की इक्विटी जुटाई है। इस बिक्री से Adani Wilmar ने न्यूनतम सार्वजनिक हिस्सेदारी (MPS) मानदंड भी पूरा कर लिया है। अब प्रमोटरों की हिस्सेदारी 74.37% और सार्वजनिक हिस्सेदारी 25.63% हो गई है।
पैसों का इस्तेमाल
इस बिक्री से मिले पैसे का इस्तेमाल अडानी समूह अपने प्रमुख बुनियादी ढांचा व्यवसायों जैसे हवाई अड्डे, सड़कें, डेटा सेंटर और ग्रीन हाइड्रोजन परियोजनाओं के विकास में करेगा।