Edited By Yaspal,Updated: 26 May, 2019 08:28 PM
एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिपोर्ट (एडीआर) के अनुसार हाल ही में लोकसभा के लिये चुने गए करीब आधे सांसदों पर आपराधिक आरोप हैं। 2014 के मुकाबले इसमें 26 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। एडीआर ने चुनाव जीतकर आए 539 सांसदों का विश्लेषण...
नई दिल्लीः एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिपोर्ट (एडीआर) के अनुसार हाल ही में लोकसभा के लिये चुने गए करीब आधे सांसदों पर आपराधिक आरोप हैं। 2014 के मुकाबले इसमें 26 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। एडीआर ने चुनाव जीतकर आए 539 सांसदों का विश्लेषण किया जिनमें से करीब 233 अथवा 43 प्रतिशत सांसदों पर आपराधिक आरोप हैं।
एडीआर ने कहा कि चुनाव जीतकर आए भाजपा के 116 अथवा कुल जीते उम्मीदवारों में से 39 प्रतिशत उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। इसके बाद कांग्रेस के 29 (57 प्रतिशत), जदयू के 13 (81 प्रतिशत), द्रमुक के 10 (43 प्रतिशत) और तृणमूल कांग्रेस के नौ (41 प्रतिशत) का नंबर आता है।
2014 में कुल 543 सांसदों में से 184 (34 प्रतिशत) सांसदों के खिलाफ आपराधिक आरोप थे। इनमें से 112 के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज थे। 2009 में यह आंकड़ा 162 (करीब 30 प्रतिशत) था। इनमें से 14 फीसदी सदस्यों के खिलाफ गंभीर आपराधिक आरोप थे।
गैर सरकारी संगठन ने कहा कि नयी लोकसभा में, करीब 29 प्रतिशत मामले बलात्कार, हत्या, हत्या के प्रयास अथवा महिलाओं के खिलाफ अपराध से जुड़े हैं। इसमें कहा गया है कि "2009 के मुकाबले 2019 में गंभीर आपराधिक रिकॉर्ड वाले सांसदों की संख्या में 109 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।"