Edited By Yaspal,Updated: 25 Jun, 2024 10:49 PM
![after 10 years congress got the post of leader of opposition](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2024_6image_22_49_207043399rahulgandhi1-ll.jpg)
कांग्रेस नेता राहुल गांधी 18वीं लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता बनाये गये हैं। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर मंगलवार की शाम संसद में विपक्षी गठबंधन के घटक दलों के नेताओं की बैठक के बाद पत्रकारों...
नेशनल डेस्कः कांग्रेस नेता राहुल गांधी 18वीं लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता बनाये गए हैं। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर मंगलवार की शाम संसद में विपक्षी गठबंधन के घटक दलों के नेताओं की बैठक के बाद पत्रकारों को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कांग्रेस संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी ने लोकसभा में राहुल गांधी को सदन में कांग्रेस का नेता नियुक्त किया है और इसकी जानकारी प्रोटेम स्पीकर भतृहरि महताब को दे दी गई है।
गौरतलब है कि राहुल गांधी को पिछले दिनों पार्टी की सर्वोच्च नीति निर्धारक संस्था कांग्रेस कार्य समिति ने लोकसभा में विपक्ष का नेता बनने का अनुरोध किया था। कांग्रेस के निर्धारित 55 सीटों से कम सदस्य होने के कारण 16वीं और 17वीं लोकसभा में विपक्ष का नेता का दर्जा नहीं दिया गया था।
10 साल बाद कांग्रेस के सामने बड़ा अवसर
लोकसभा चुनाव 2024 में भारतीय जनता पार्टी (BJP) को 240 सीटें मिली हैं। हालांकि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) को 292 लोकसभा सीटों के साथ पूर्ण बहुमत मिला है। कांग्रेस को 99 सीटों पर जीत मिली है। 2019 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस सिर्फ 52 सीटों पर ही कब्जा जमा पाई थी। मगर इस बार उसके पास नेता प्रतिपक्ष के लिए पर्याप्त सीटों का आंकड़ा है।
मिलती हैं ये सुविधाएं
- नेता प्रतिपक्ष का पद कैबिनेट मंत्री के बराबर होता है।
- केंद्रीय मंत्री के बराबर वेतन, भत्ता और अन्य सुविधा मिलती है।
- आवास और चालक समेत कार की सुविधा प्रदान की जाती है।
- नेता प्रतिपक्ष को कर्मचारियों का स्टाफ भी मिलता है।
नेता प्रतिपक्ष की शक्तियां
- नेता प्रतिपक्ष लोक लेखा, सार्वजनिक उपक्रम, अनुमान जैसी महत्वपूर्ण समितियों का सदस्य होता है।
- कई अन्य संयुक्त संसदीय समितियों का सदस्य भी होता है।
- नेता प्रतिपक्ष को सीबीआई, एनएचआरसी, केंद्रीय सतर्कता आयोग, केंद्रीय सूचना आयोग के प्रमुखों की नियुक्ति करने वाली चयन समितियों का सदस्य बनाया जाता है।
- नेता प्रतिपक्ष को संसद में सरकार की नीतियों की अलोचना करने की स्वतंत्रता होती है।