Edited By Mahima,Updated: 30 Oct, 2024 10:18 AM
अयोध्या में 500 साल बाद राम वाली दिवाली मनाई जा रही है, जिसमें 28 लाख दीये जलाए जाएंगे। इस अवसर पर पर्यावरण के अनुकूल आतिशबाजी, भगवान राम के जीवन की झांकियां और भव्य भरत मिलाप समारोह होगा। सुरक्षा के लिए 10,000 सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है।...
नेशनल डेस्क: अयोध्या में इस साल 500 साल बाद विशेष रूप से राम वाली दिवाली मनाई जा रही है। यह एक ऐतिहासिक अवसर है, क्योंकि यह पहली बार है जब नए राम मंदिर में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद यह दिवाली मनाई जा रही है। इस बार की तैयारियों को देखते हुए यह स्पष्ट है कि यह उत्सव भव्य और दिव्य रूप में मनाया जाएगा।
दीयों की जगमगाहट
आज अयोध्या के घाटों को 28 लाख दीयों से सजाया जाएगा, जिससे शहर का नजारा अद्भुत होगा। इन दीयों को जलाने का उद्देश्य गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज कराना है। पिछले छह वर्षों से अयोध्या दीपोत्सव के दौरान दीयों की संख्या के लिए रिकॉर्ड बनाती आ रही है। इस बार का लक्ष्य 25 लाख दीयों को प्रज्ज्वलित करना है, और इसके लिए स्थानीय कारीगरों से ऑर्डर दिया गया है, ताकि यदि कोई दीया क्षतिग्रस्त होता है, तो भी लक्ष्य हासिल किया जा सके।
राम के चरित्र की झांकियां
इस बार अयोध्या में भगवान राम के जीवन और चरित्र को दर्शाने वाली झांकियां भी सजाई जाएंगी। ये झांकियां राम के आदर्शों, उनके कृत्यों और उनकी शिक्षाओं को प्रदर्शित करेंगी। पर्यटकों के लिए शहर को सजाने और संवारने के लिए विशेष एजेंसियों को जिम्मेदारी दी गई है।
ग्रीन आतिशबाजी का आयोजन
अयोध्या में प्रदूषणमुक्त ग्रीन आतिशबाजी का आयोजन किया जाएगा, जो पर्यावरण के अनुकूल होगी। यह आतिशबाजी 120 से 600 फीट की ऊंचाई पर आसमान में बिखरेगी और इसे 5 किमी के दायरे से देखा जा सकेगा। शाम को सरयू पुल पर आतिशबाजी के अलावा लेजर शो, फ्लेम शो और संगीत का भी आयोजन किया जाएगा, जिससे दर्शकों को एक अद्वितीय अनुभव मिलेगा।
खास कार्यक्रम
रामकथा पार्क के पास भरत मिलाप कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा, जिसमें भगवान राम, लक्ष्मण और मां जानकी पुष्पक विमान से आएंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस कार्यक्रम में शामिल होंगे और भगवान राम का राज्याभिषेक करेंगे। यहां 1,100 लोग सरयू नदी के तट पर विशेष 'आरती' करेंगे, जो इस पर्व की महत्ता को और बढ़ाएगी।
सुरक्षा व्यवस्था
अयोध्या में सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लगभग 10,000 सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है। राम की पैड़ी की ओर जाने वाले सभी रास्तों को जनता के लिए बंद कर दिया गया है, और केवल पास धारकों को ही प्रवेश दिया जाएगा। इन रास्तों पर पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे ताकि व्यवस्था बनाए रखी जा सके। अयोध्या रेंज के पुलिस महानिरीक्षक प्रवीण कुमार ने बताया कि सुरक्षा व्यवस्था को सुनिश्चत करने के लिए विशेष ध्यान दिया गया है।
लेजर लाइटें और ड्रोन
दीपोत्सव की तैयारियों के नोडल अधिकारी संत शरण मिश्र ने बताया कि घाटों पर लगभग 5,000-6,000 लोगों की मेजबानी की व्यवस्था की गई है। अन्य दर्शकों के लिए कार्यक्रम को लाइव देखने के लिए 40 जंबो एलईडी स्क्रीन लगाई गई हैं। इसके अलावा, सुरक्षा के दृष्टिकोण से ड्रोन का भी इस्तेमाल किया जाएगा, जिससे पूरे क्षेत्र की निगरानी की जा सके।
अंतरराष्ट्रीय कलाकारों का प्रदर्शन
दीपोत्सव का उद्देश्य अयोध्या के आध्यात्मिक, पारंपरिक और सांस्कृतिक सार को प्रदर्शित करना है। इस वर्ष म्यांमार, नेपाल, थाईलैंड, मलेशिया, कंबोडिया और इंडोनेशिया के कलाकार अपनी प्रस्तुतियों के माध्यम से रामायण की कथा को जीवंत करेंगे। उत्तराखंड की रामलीला का प्रदर्शन भी इस कार्यक्रम का हिस्सा होगा, जो दर्शकों को आकर्षित करने के लिए विशेष रूप से तैयार किया गया है। पशुपालन विभाग ने इस उत्सव के दौरान 1,50,000 'गौ दीप' जलाने का संकल्प लिया है। ये दीप विशेष रूप से राम जन्मभूमि मंदिर में कालिख और प्रदूषण को कम करने के लिए जलाए जाएंगे।
अयोध्या में फूलों से सजावट
दीपोत्सव की तैयारियों के लिए 30,000 से अधिक वॉलिंटियर्स घाटों को सजाने में मदद कर रहे हैं। पूरे अयोध्या में फूलों से सजावट की जा रही है और कार्यक्रम का सीधा प्रसारण दूरदर्शन और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर किया जाएगा। इस वर्ष की दीपोत्सव की सभी गतिविधियाँ न केवल धार्मिक महत्व रखती हैं, बल्कि अयोध्या की सांस्कृतिक धरोहर को भी दर्शाती हैं। यह पर्व न केवल रामभक्तों के लिए, बल्कि सभी भारतीयों के लिए गर्व का विषय है। आज अयोध्या में एक नया इतिहास रचा जाएगा, जहां श्रद्धा, आस्था और भक्ति का अद्वितीय संगम देखने को मिलेगा।