Edited By Radhika,Updated: 03 Mar, 2025 02:42 PM
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दिल्ली में नई सरकार आने के बाद हाल ही में CAG Report पेश की है। इस रिपोर्ट की पेशकश के बाद दिल्ली के स्वास्थय मंत्री ने आप पर हमला बोला है। उन्होंनेपिछली आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के सभी “घोटालों” को उजागर किया जाएगा।
नेशनल डेस्क: दिल्ली में नई सरकार आने के बाद हाल ही में CAG Report पेश की है। इस रिपोर्ट की पेशकश के बाद दिल्ली के स्वास्थय मंत्री ने आप पर हमला बोला है। उन्होंनेपिछली आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के सभी “घोटालों” को उजागर किया जाएगा।
स्वास्थ्य मंत्री पंकज कुमार सिंह ने कहा, आप कोविड-19 की आपातकालीन स्थिति में फंड का संपूर्ण इस्तेमाल नहीं कर पाई। दिल्ली की जनता को उन्होंने कोविड से लड़ने के लिए छोड़ दिया। कैग रिपोर्ट के अनुसार, 2016-22 के दौरान 4 अस्पतालों – राजीव गांधी, एलएनजेपी, जनकपुरी स्पेशलिटी हॉस्पिटल और चाचा नेहरू चाइल्ड हॉस्पिटल के लिए अलॉटेड फंड्स यूज़ नहीं किए गए। दूसरी ओर गर्भवती महिलाओं के आहार के लिए कोई कोशिश नहीं की गई।
स्वास्थ्य मंत्री ने किया AAP का घेराव-
मंत्री ने अपनी बात जारी रखते हुए कहा कि 2016-17 में 10 हजार बेड देने का वादा किया गया। इसमें केवल 1367 बेड ही लग पाए। पिछली सरकार ने प्राइवेट अस्पतालों के साथ मिलीभगत थी, जिस वजह से उन पर कोई एक्शन नहीं हुआ। इस कारण काफी वित्तीय घाटा हुआ। स्वास्थ्य मंत्री ने आगे कहा, हमारी सरकार एक महत्वपूर्ण कदम उठा रही है अस्पताल इन्फो मैनेजमेंट सिस्टम (HIMS) लागू करने जा रहे हैं।
पंकज कुमार सिंह ने AAP और दिल्ली सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि कोविड-19 के दौरान जब लोग ऑक्सीजन के लिए परेशान थे, तब दिल्ली सरकार नए-नए महल बनाने में व्यस्त थी। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार के लापरवाह रवैये के कारण स्वास्थ्य विभाग में 21% कर्मचारियों की कमी रही, जिससे पैरामेडिकल स्टाफ की कमी के कारण मरीजों को परेशानी उठानी पड़ी।
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CAG रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली के अस्पतालों में जरूरी एंबुलेंस और उपकरण की कमी थी और दिशा-निर्देशों का पालन ठीक से नहीं किया गया। सरकार ने मरीजों को मिलने वाले भोजन की गुणवत्ता की जांच भी नहीं की। पंकज कुमार सिंह ने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार ने दवाइयों की खरीदारी पर ध्यान नहीं दिया और अस्पतालों में दवाइयाँ लोकल दुकानों से खरीदी गईं, जिससे वित्तीय नुकसान हुआ। रिपोर्ट के मुताबिक, 86 कॉन्ट्रैक्ट में से केवल 24 ही पास किए गए।
उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली सरकार ने ब्लैक लिस्टेड कंपनियों से दवाइयाँ खरीदी, जिसमें एक्सपायर्ड दवाइयाँ भी शामिल थीं। इसके अलावा, अस्पतालों में नए बेड की जरूरत का सही तरीके से आकलन भी नहीं किया गया।