Edited By Utsav Singh,Updated: 23 Sep, 2024 03:24 PM
आंध्र प्रदेश के प्रसिद्ध तिरुपति मंदिर में बीफ मिलाने वाली खबर ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया। जब इस बात का पता करोड़ों भक्तों पर पड़ा तो उन्होंने इस बात से काफी आहत पहुंची। कई मंदिर के महंत ने इस बात पर प्रतिक्रिया दर्ज करते हुए दोषियों को कड़ी सजा...
नेशनल डेस्क : आंध्र प्रदेश के प्रसिद्ध तिरुपति मंदिर में बीफ मिलाने की खबर ने देशभर में हलचल मचा दी है। करोड़ों भक्त इस खबर से आहत हुए हैं, और कई मंदिरों के महंतों ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त सजा की मांग की है। इस विवाद के चलते, उत्तर प्रदेश के लखनऊ स्थित मनकामेश्वर मंदिर ने बाहरी प्रसाद पर बैन लगाने का निर्णय लिया है। अब इस मंदिर में बाहरी प्रसाद को चढ़ाने की अनुमति नहीं होगी। यह कदम भक्तों की धार्मिक भावनाओं की सुरक्षा और प्रसाद की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
मनकामेश्वर मंदिर का नया नियम
लखनऊ के मनकामेश्वर मंदिर ने इस विवाद से सीख लेते हुए बाहरी प्रसाद पर बैन लगा दिया है। मंदिर के महंत दिव्यागिरी ने भक्तों से आग्रह किया है कि वे घर से बनाए गए प्रसाद या सूखे मेवे का भोग भगवान को चढ़ाएं। बाहर से खरीदे गए प्रसाद को मंदिर के गर्भ गृह में ले जाने की अनुमति नहीं होगी। यह नियम सोमवार की सुबह से लागू हो गया है और कई लोग इसकी सराहना कर रहे हैं।
तिरुपति मंदिर विवाद का Hintergrund
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने एक लैब रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा था कि जगनमोहन रेड्डी की सरकार में तिरुपति मंदिर के प्रसादम में बीफ मिलाया गया था। उन्होंने आरोप लगाया कि लड्डू बनाने के लिए जिस घी का इस्तेमाल होता था, उसमें जानवरों की चर्बी मिली है। इस खबर ने सियासी हलचल को भी जन्म दिया है, और देशभर में मंदिरों के महंतों और भक्तों ने कार्रवाई की मांग की है। आपको बता दें कि इस घटना ने धार्मिक भावनाओं को प्रभावित किया है, और मंदिरों द्वारा सुरक्षा उपायों को लागू करना आवश्यक है। मनकामेश्वर मंदिर का यह कदम अन्य मंदिरों के लिए भी एक उदाहरण प्रस्तुत करता है कि वे अपने प्रसाद की गुणवत्ता को सुनिश्चित करें।