LAC से सैनिकों की वापसी के बाद अब तनाव कम करने पर होगा जोर, जयशंकर ने बताया आगे का प्लान

Edited By Pardeep,Updated: 17 Nov, 2024 06:17 AM

after the withdrawal of troops from lac focus will now be on reducing tensions

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर समस्या के हल के लिए पिछले महीने सहमति के बाद दोनों देशों के सैनिकों की वापसी का काम पूरा हो गया है और अब तनाव कम करने पर जोर होना चाहिए।

नई दिल्लीः विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर समस्या के हल के लिए पिछले महीने सहमति के बाद दोनों देशों के सैनिकों की वापसी का काम पूरा हो गया है और अब तनाव कम करने पर जोर होना चाहिए। जयशंकर ने अंतिम दौर की सैन्य वापसी के बाद भारत और चीन संबंधों में कुछ सुधार की उम्मीद को ‘उचित' बताया, लेकिन यह कहने से परहेज किया कि द्विपक्षीय संबंध पुराने स्वरूप में लौट सकते हैं। 

उन्होंने ‘एचटी लीडरशिप समिट' में कहा, ‘‘मैं सैनिकों के पीछे हटने को बस उनके पीछे हटने के रूप में देखता हूं, न उससे कुछ ज्यादा, न कुछ कम। यदि आप चीन के साथ वर्तमान स्थिति को देखते हैं तो हमारे सामने एक ऐसा मुद्दा रहा कि हमारे सैनिक असहज तौर पर वास्तविक नियंत्रण रेखा के बिल्कुल करीब थे...।'' उन्होंने कहा, ‘‘और इसलिए 21 अक्टूबर की सहमति सैनिकों की वापसी से जुड़ी सहमति आखिरी थी। इसके क्रियान्वयन के साथ ही इस समस्या के हल की दिशा में सैनिकों के पीछे हटने का काम पूरा हो गया।'' 

जयशंकर की टिप्पणी इस सवाल के जवाब में आई कि क्या पिछले महीने दोनों पक्षों द्वारा सैनिकों की वापसी भारत और चीन के बीच संबंधों के पुराने स्वरूप में लौटने की शुरुआत थी। भारत और चीन ने पिछले महीने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर पूर्वी लद्दाख में डेमचॉक और डेपसांग से सैनिकों की वापसी का काम पूरा किया। इससे पहले दोनों पक्ष लंबे समय से वास्तविक नियंत्रण रेखा पर उत्पन्न विवाद को सुलझाने के लिए एक सहमति पर पहुंचे थे। दोनों पक्षों ने करीब साढ़े चार साल के अंतराल के बाद दोनों क्षेत्रों में गश्ती गतिविधियां भी बहाल कीं। अपनी टिप्पणी में जयशंकर ने कहा कि सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनाव कम करना अगला कदम होना चाहिए। 

उन्होंने कहा, ‘‘सैनिकों की वापसी के बाद यह अनुमान उचित होगा कि संबंधों में कुछ सुधार होगा।'' संपूर्ण भारत-चीन संबंधों के बारे में जयंशकर ने विभिन्न कारकों की चर्चा की और कहा कि यह ‘जटिल' संबंध है। जब जयशंकर से पूछा गया कि क्या सरकार की आर्थिक एवं सुरक्षा शाखााओं का चीन पर भिन्न दृष्टिकोण है क्योंकि इस साल के आर्थिक सर्वेक्षण में जान पड़ता है कि पड़ोसी देश के साथ अधिक साझेदारी की वकालत की गयी है, उन्होंने कहा कि भिन्न -भिन्न दृष्टिकोण हो सकते हैं लेकिन संपूर्ण संबंध नीतिगत निर्णयों से तय होते हैं। 

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि इसे देखने का सही तरीका यह है कि हर सरकार में अलग-अलग मंत्रालयों की अलग-अलग जिम्मेदारियां होती हैं और उस जिम्मेदारी के आधार पर उनका एक दृष्टिकोण होता है।'' उन्होंने कहा, ‘‘आपने आर्थिक सर्वेक्षण का हवाला दिया। असल में, एक राष्ट्रीय सुरक्षा सर्वेक्षण (भी) होगा जिसे आप नहीं देख पाये हों, और उसमें राष्ट्रीय सुरक्षा का दृष्टिकोण होगा।'' 

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