Edited By Harman Kaur,Updated: 05 Feb, 2025 11:33 AM

आज सुबह सात बजे से दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के लिए वोटिंग हो रही है। इस बीच, देश के कई प्रमुख नेता और गणमान्य व्यक्ति मतदान केंद्रों पर पहुंचकर अपना वोट डाल रहे हैं। वहीं, देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य दिग्गज नेताओं ने भी नागरिकों से...
नेशनल डेस्क: आज सुबह सात बजे से दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के लिए वोटिंग हो रही है। इस बीच, देश के कई प्रमुख नेता और गणमान्य व्यक्ति मतदान केंद्रों पर पहुंचकर अपना वोट डाल रहे हैं। वहीं, देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य दिग्गज नेताओं ने भी नागरिकों से मतदान करने की अपील की है। हालांकि, इस दौरान एक विवाद सामने आया है, जो सुब्रमण्यम स्वामी के वोट देने के बाद से शुरू हुआ।
सुब्रमण्यम स्वामी ने किया वोटिंग का खुलासा
दरअसल, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुब्रमण्यम स्वामी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा करते हुए बताया कि उन्होंने अपनी पत्नी के साथ सुबह सात बजे मतदान किया। इसके साथ ही, उन्होंने यह भी खुलासा किया कि उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को वोट दिया है। स्वामी ने लिखा, "आज सुबह सात बजे मैंने अपनी पत्नी के साथ मतदान केंद्र जाकर वोट दिया। चुनाव आयोग ने मतदान के लिए खास इंतजाम किए हैं और मुझे उम्मीद है कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) को हराकर बीजेपी जीत हासिल करेगी।"
'सार्वजनिक रूप से वोट देने के बारे में खुलासा करना आचार संहिता का उल्लंघन है'
सुब्रमण्यम स्वामी के इस वोटिंग के खुलासे पर पूर्व आईएएस अधिकारी केबीएस सिद्धू ने आपत्ति जताई है। सिद्धू ने कहा कि यह पूरी तरह से नियमों के खिलाफ है। उन्होंने बताया कि सार्वजनिक रूप से वोट देने के बारे में खुलासा करना आचार संहिता का उल्लंघन है। उनके मुताबिक, इस तरह के बयान मतदाताओं को प्रभावित कर सकते हैं और ऐसा लग सकता है कि उन्हें एक पार्टी के लिए वोट देने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। सिद्धू ने चुनाव आयोग से इस मामले पर संज्ञान लेने की अपील की है। उन्होंने आगे कहा, "यह एक गंभीर मामला है और इसके लिए तीन महीने की जेल की सजा या जुर्माना भी हो सकता है। चुनाव आयोग को इस पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।"
वहीं, अब यह मामला चुनाव आयोग के सामने है, जो यह तय करेगा कि क्या सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा किए गए इस खुलासे ने आचार संहिता का उल्लंघन किया है या नहीं। वोटिंग के दौरान इस तरह के खुलासे को लेकर पहले भी सवाल उठते रहे हैं और इस मामले में भी आयोग को स्थिति स्पष्ट करनी होगी।