Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 14 Feb, 2025 03:55 PM
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उत्तर प्रदेश पुलिस ने महाकुंभ 2025 से जुड़े सोशल मीडिया पर फैल रही भ्रामक जानकारी और फर्जी वीडियो के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं। बीते एक महीने में 53 सोशल मीडिया अकाउंट्स के खिलाफ कार्रवाई की गई है, जिनसे महाकुंभ को लेकर गलत जानकारी और अफवाहें फैलाई जा...
नेशनल डेस्क: उत्तर प्रदेश पुलिस ने महाकुंभ 2025 से जुड़े सोशल मीडिया पर फैल रही भ्रामक जानकारी और फर्जी वीडियो के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं। बीते एक महीने में 53 सोशल मीडिया अकाउंट्स के खिलाफ कार्रवाई की गई है, जिनसे महाकुंभ को लेकर गलत जानकारी और अफवाहें फैलाई जा रही थीं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर पुलिस और साइबर एजेंसियां सोशल मीडिया पर निगरानी रख रही हैं और कानूनी कार्रवाई कर रही हैं ताकि कोई भी गलत सूचना जनता तक न पहुंचे।
पुलिस की साइबर निगरानी
पुलिस के महानिदेशक (DGP) प्रशांत कुमार के मुताबिक, साइबर पेट्रोलिंग के दौरान कई भ्रामक वीडियो और पोस्ट पकड़े गए। इन वीडियो को महाकुंभ से जोड़कर सोशल मीडिया पर फैलाया जा रहा था। इनमें से एक वीडियो 13 फरवरी को वायरल हुआ, जिसमें मिस्र के काहिरा शहर में जुलाई 2020 में एक पाइपलाइन में लगी आग को प्रयागराज कुंभ में आग लगने का झूठा दावा कर वायरल किया गया था। वीडियो में यह दावा किया गया था कि 40-50 वाहन जल गए थे, जबकि यह आग काहिरा में लगी थी और उसका महाकुंभ से कोई संबंध नहीं था।
अन्य फर्जी वीडियो का खुलासा
इसके अलावा, एक और वीडियो जिसमें नवंबर 2024 में पटना के गांधी मैदान में फिल्म Pushpa 2 के प्रमोशनल इवेंट के दौरान अफरातफरी मचने का दृश्य था, उसे महाकुंभ के दौरान सेना के जवानों पर हमले के रूप में पेश किया गया। इसी तरह, जनवरी और फरवरी महीने में कई अन्य फर्जी वीडियो भी वायरल हुए, जैसे:
- 13 जनवरी: यूपी फायर सर्विस की एक रूटीन फायर ड्रिल को कुंभ मेला में लगी आग के रूप में शेयर किया गया।
- 2 फरवरी: नेपाल का एक वीडियो वायरल कर कुंभ में भगदड़ से मरने वालों की लाशें फेंके जाने का झूठा दावा किया गया।
- 7 फरवरी: एक फेसबुक अकाउंट ने भीड़ नियंत्रण के वीडियो को कुंभ में भगदड़ बताकर शेयर किया।
- 9 फरवरी: झारखंड के धनबाद का वीडियो प्रयागराज का बताकर वायरल किया गया, जिसमें यूपी पुलिस पर तीर्थयात्रियों को पीटने का आरोप लगाया गया।
- 12 फरवरी: गाजीपुर का एक वीडियो साल 2021 का था, जिसे कुंभ में मृतकों के शव गंगा में बहाने का झूठा दावा किया गया।
इन भ्रामक वीडियो और पोस्ट के माध्यम से सोशल मीडिया पर अफवाहें फैलाने का प्रयास किया जा रहा था। पुलिस ने इन सभी आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है और यह सुनिश्चित किया है कि ऐसे वीडियो और पोस्ट आगे न फैलें।
24 घंटे की साइबर मॉनिटरिंग
उत्तर प्रदेश पुलिस ने 24 घंटे के साइबर मॉनिटरिंग सिस्टम को लागू किया है ताकि सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही किसी भी अफवाह या गलत सूचना को तुरंत पकड़ा जा सके। इसके तहत पुलिस सोशल मीडिया कंपनियों के साथ मिलकर आरोपियों की पहचान कर रही है। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, इन फर्जी वीडियो और अफवाहों का समाज पर नकारात्मक असर पड़ सकता है, इसलिए ऐसी सूचना फैलाने वालों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
डीजीपी प्रशांत कुमार ने नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी जानकारी को बिना जांचे साझा न करें। उन्होंने कहा, "हम सोशल मीडिया पर फैल रही गलत जानकारी और अफवाहों को रोकने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं। हम नागरिकों से अपील करते हैं कि कोई भी जानकारी शेयर करने से पहले उसकी सच्चाई जरूर जांच लें।" वहीं पुलिस और प्रशासन महाकुंभ की सुरक्षा को लेकर भी लगातार काम कर रहे हैं। कुंभ के आयोजन में लाखों श्रद्धालु शामिल हो रहे हैं, और इस दौरान किसी भी तरह की अफवाहें फैलाने से बड़े पैमाने पर भ्रम और परेशानी हो सकती है।
कुंभ 2025: धार्मिक महाकुंभ और श्रद्धालुओं की संख्या
महाकुंभ 2025 के आयोजन की शुरुआत 13 जनवरी से हुई थी और यह मेला 26 फरवरी तक चलेगा। यह कुंभ 12 वर्षों के बाद आयोजित हो रहा है, जिससे लाखों श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में स्नान करने के लिए पहुंचे हैं। अब तक लगभग 50 करोड़ श्रद्धालु महाकुंभ में शामिल हो चुके हैं और यह आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। कुंभ के आयोजन को लेकर श्रद्धालुओं में गहरी आस्था है, लेकिन साथ ही यह भी जरूरी है कि सोशल मीडिया पर फैली गलत जानकारी को रोकने के लिए सभी सतर्क रहें। इसके लिए यूपी पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई जरूरी है ताकि श्रद्धालुओं और आम जनता को सही जानकारी मिल सके।