AI ने बदल दी कोडिंग की दुनिया, 8 साल के बच्चे ने महज 2 घंटे में बना दी कंप्यूटर गेम

Edited By rajesh kumar,Updated: 16 Oct, 2024 06:22 PM

ai changed world coding 8 year old child made computer game 2 hours

कुछ दशक पहले जैसे कैलकुलेटर ने गणित में कठिन गुणा-भाग को आसान कर दिया था, ठीक उसी तरह कृत्रिम मेधा (आर्टीफीशियल इंटेलिजेंस या एआई) कोडिंग की दुनिया में क्रांतिकारी बदलाव ला रही है। सिंगापुर के आठ वर्षीय बच्चे क्यो का उदाहरण ही ले लीजिए, जिसने महज दो...

नेशनल डेस्क : कुछ दशक पहले जैसे कैलकुलेटर ने गणित में कठिन गुणा-भाग को आसान कर दिया था, ठीक उसी तरह कृत्रिम मेधा (आर्टीफीशियल इंटेलिजेंस या एआई) कोडिंग की दुनिया में क्रांतिकारी बदलाव ला रही है। सिंगापुर के आठ वर्षीय बच्चे क्यो का उदाहरण ही ले लीजिए, जिसने महज दो घंटे में एक सरल ‘प्लेटफॉर्म गेम' बना डाला। ‘प्लेटफॉर्म गेम' एक ऐसा वीडियो गेम होता है, जिसमें खेल मुख्य रूप से विभिन्न क्षमताओं (जैसे कूदना और चढ़ना) और वस्तुओं (जैसे हथियार) का इस्तेमाल कर किसी अवतार के साथ वास्तविक समय में बाधाओं को पार करने पर केंद्रित होता है। क्यो ने कोडिंग ऐप ‘कर्सर' और ‘जनरल पर्पज' एआई प्रणाली ‘क्लॉड' पर अंग्रेजी में दिए सरल दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए ‘प्लेटफॉर्म गेम' बनाने की अपनी कल्पनाओं को साकार किया।

‘जनरल पर्पज' एआई प्रणालियां तस्वीर/आवाज के नमूनों की पहचान करने, ऑडियो/वीडियो रिकॉर्ड करने, पैटर्न का पता लगाने, प्रश्नों के उत्तर देने और अनुवाद करने जैसे आमतौर पर उपयोगी कार्य करने में सक्षम होती हैं। क्यो के ‘प्लेटफॉर्म गेम' ने पांच लाख से अधिक खिलाड़ियों को आकर्षित किया है। उसके पिता पेशे से कोडर हैं। हालांकि, क्यो ने न तो कोडिंग का कोई कोर्स किया है और न ही गेम तैयार करने में उसे उसके पिता से कोई मदद मिली। अपने पहले गेमिंग ऐप को मिली शानदार प्रतिक्रिया से उत्साहित क्यो ने बाद में एक और गेम, एक एनिमेशन ऐप, एक चित्रकारी ऐप और एक चैटबोट तैयार किया। इन सभी को बनाने में उसे लगभग दो-दो घंटे का समय लगा।

महज 45 मिनट में तैयार कर लिया चैटबोट
इसी तरह, अमेरिका की आठ वर्षीय बच्ची फे ने एआई ऐप की मदद से महज 45 मिनट में एक ऐसा चैटबोट तैयार कर लिया, जो हैरी पॉटर की तरह बोलता और व्यवहार करता है। ये उदाहरण दिखाते हैं कि एआई कैसे सॉफ्टवेयर विकास में निपुणता की बाधा को दूर कर तकनीकी कौशल और रचनात्मकता के बीच के अंतर को पाट रहा है। गूगल के ‘अल्फाकोड 2' और रेप्लिट के ‘घोस्टराइटर' जैसे एआई ऐप की मदद से भी आप कोडिंग के बारे में कोई जानकारी न होने के बावजूद तरह-तरह के ऐप विकसित कर सकते हैं। यही नहीं, जो लोग कोडिंग की कला में माहिर हैं, उनके लिए भी ऐसे एआई ऐप खासे मददगार साबित हो रहे हैं।

‘टैबनाइन' और ‘गिटहब कोपायलट' जैसे ऐप तो एआई सहायक के तौर पर काम करते हैं और आप जो भी टाइप करते हैं, उसके आधार पर कोड का अंदाजा लगाकर कोडिंग पूरी करते हैं। ‘सोर्सरी' और ‘डीपकोड' जैसे ऐप इससे भी एक कदम आगे साबित होते हैं और वास्तविक समय में कोड में सुधार का सुझाव देने के साथ ही त्रुटियों को ठीक करते हैं। कई ऐसे ऐप भी उपलब्ध हैं, जो कोड को एक ‘प्रोग्रामिंग लैंग्वेज' से दूसरी में बदल सकते हैं, मिसाल के तौर पर जावास्क्रिप्ट से पाइथन में। ये ऐप सॉफ्टवेयर उद्योग में क्रांति लाने की क्षमता रखते हैं। लगभग 70 फीसदी कंपनियों ने ‘गिटहब कोपायलट' जैसे ऐप का इस्तेमाल शुरू कर दिया है। कोडर का कहना है कि ये एआई ऐप ज्यादा भरोसेमंद और ‘बग' (त्रुटियां) मुक्त सॉफ्टवेयर बनाने में उनकी मदद कर रहे हैं। एआई कोडिंग की सीमाएं

आईटी प्रोजेक्ट में इसका इस्तेमाल नहीं किया जा सकता
-एआई कोडिंग बेहद दिलचस्प लग सकती है, लेकिन यह अब भी शुरुआती दौर में है। इस स्तर पर यह कोडिंग की कला से अनजान लोगों की सिर्फ साधारण ऐप या गेम बनाने में मदद कर सकती है। बड़े आईटी प्रोजेक्ट में इसका इस्तेमाल नहीं किया जा सकता, क्योंकि यह मानव कोडर की तरह तस्वीर के हर पहलू पर गौर करने में सक्षम नहीं है। एआई कोडिंग इस स्तर पर समस्याओं को सुलझाने के नये तरीके नहीं खोज सकती। अंतरिक्ष यान के संचालन जैसे क्षेत्रों में तो यह काफी पीछे है, जिसके लिए अत्यधिक विशिष्ट ज्ञान कौशल की जरूरत होती है। इसके अलावा, कई ऐप सटीक कोड नहीं लिख पाते, जिससे कोई सॉफ्टवेयर काम तो करेगा, लेकिन वास्तविक दुनिया में इस्तेमाल के लिए प्रभावी एवं सुरक्षित नहीं होगा।

एआई ऐप उस डेटा के संदर्भ को भी नहीं समझते, जिसका वे इस्तेमाल करते हैं। इससे उनके संवेदनशील डेटा का लापरवाही से प्रबंधन करने या उस डेटा में मौजूद पूर्वाग्रहों को कायम रखने का जोखिम होता है, जिस पर उन्हें प्रशिक्षित किया गया था। इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए पेशेवर जगत में एक कुशल मानव कोडर का यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि सभी चीजें अहम मानकों पर खरी उतरती हैं। हालांकि, भविष्य में हमें ऐसे एआई ऐप देखने को मिल सकते हैं, जिनमें सुरक्षा संबंधी चिंताओं पर ध्यान देने और संवेदनशील डेटा का सही प्रबंधन करने की क्षमता होगी। अपना गेम कैसे बनाएं

-कोडिंग की जानकारी न होते हुए भी आप इन सरल निर्देशों पर अमल करते हुए खुद का ‘प्लेटफॉर्म गेम' बना सकते हैं :
पहला कदम : एआई ऐप डाउनलोड करें
-‘कर्सर' या ‘अल्फाकोड 2' जैसे किसी ऐप पर अकाउंट बनाने के बाद ‘सेटिंग' में दिए दिशा-निर्देशों का पालन करें। आपको उक्त ऐप के साथ ‘प्रोग्रामिंग लैंग्वेज' और ‘सोर्स कोड एडिटर' डाउनलोड करने की जरूरत भी पड़ सकती है।
दूसरा कदम : गेम बनाना शुरू करें
-ऐप में दिए ‘न्यू प्रोजेक्ट' के विकल्प पर जाएं और ‘प्रॉम्प्ट बॉक्स' में टाइप करें, “एक सरल प्लेटफॉर्म गेम बनाएं, जिसमें हर प्लेटफॉर्म पार करने पर इनाम में कुछ मीठा मिले।”
तीसरा कदम : प्लेटफॉर्म का स्वरूप देखें
-‘सोर्स कोड एडिटर' में जाकर ‘रन' या ‘प्रिव्यू' के विकल्प पर क्लिक करें। आप देख सकेंगे कि हर प्लेटफॉर्म पार करने पर इनाम में कैंडी या केक जैसी मीठी वस्तुएं मिलेंगी।
चौथा कदम : मनचाहा बदलाव करें
-मान लीजिए कि आप गेम के मुख्य अवतार (पात्र) को तोते में बदलना चाहते हैं। तो बस ‘प्रॉम्प्ट बॉक्स' में जाइए और ‘अवतार को तोते में तब्दील करें' टाइप कीजिए।
पांचवां कदम : मनचाहे फीचर शामिल करें
-‘प्रॉम्प्ट बॉक्स' में टाइप कीजिए, “तोते को कर्सर से नियंत्रित होने दें, प्लेटफॉर्म पार करने पर उसे इनाम में कुछ और मीठी वस्तुओं की पेशकश करें, उसने जितनी मीठी वस्तुएं जुटाई हैं, उन्हें स्कोर के रूप में अंकित करें तथा जोड़ें।”
छठा कदम : गेम का नया स्वरूप देखें
-नये फीचर से लैस गेम के नये स्वरूप को देखने के लिए एक बार फिर ‘रन' या ‘प्रिव्यू' पर क्लिक करें। अगर आप संतुष्ट नहीं हैं तो और भी बदलाव कर सकते हैं या फिर नये फीचर जोड़ सकते हैं। इसके लिए ‘प्रॉम्प्ट बॉक्स' में जाएं और गेम में जो बदलाव या नये फीचर शामिल करना चाहते हैं, उससे जुड़ा संदेश टाइप करें। मिसाल के तौर पर लिखा, “एक काला कौआ शामिल करें, जो स्क्रीन पर तोते का पीछा करेगा। अगर कौआ तोते को छू लेता है तो स्क्रीन को ‘फ्रीज' कर दें और उसके बीचों-बीच ‘बहुत खराब प्रदर्शन' लिखा संदेश दिखाएं।” यह प्रक्रिया तब तक दोहराएं, जब तक आप गेम के स्वरूप से संतुष्ट न हो जाएं।
सातवां कदम : गेम जारी करें
-आप इंटरनेट पर दोस्तों के साथ अपना गेम साझा करना चाहेंगे या इसे किसी ऐप स्टोर पर डालना चाहेंगे। एआई ऐप इस काम में अभी उतने कुशल नहीं हैं, इसलिए कोडिंग के ज्ञान के बिना यह आपको थोड़ा जटिल लग सकता है। आप ‘जेबुर' जैसे मुफ्त सॉफ्टवेयर की मदद अपने गेम को ऑनलाइन जारी कर सकते हैं। (द कन्वरसेशन) पारुल वैभव


 

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