Edited By Radhika,Updated: 17 Jan, 2025 12:38 PM
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव और बॉलीवुड अदाकारा जैकलीन फर्नांडिज की कथित तीन तस्वीरों को सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म पर शेयर किया जा रहा है। इन तस्वीरों के साथ दावा किया गया कि ये मोहन यादव और जैकलीन फर्नांडिज की क्लब से लेकर...
Fact Check by Vishwas news
नेशनल डेस्क: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव और बॉलीवुड अदाकारा जैकलीन फर्नांडिज की कथित तीन तस्वीरों को सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म पर शेयर किया जा रहा है। इन तस्वीरों के साथ दावा किया गया कि ये मोहन यादव और जैकलीन फर्नांडिज की क्लब से लेकर होटल तक की तस्वीरें हैं।
विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की जांच की। पता चला कि मुख्यमंत्री मोहन यादव और जैकलीन को बदनाम करने के लिए इन तस्वीरों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) तकनीक की मदद से तैयार किया गया है। ये तस्वीरें पूरी तरह से फेक हैं।
क्या हो रहा है वायरल ?
सोशल मीडिया साइट थ्रेड पर एक यूजर ने तीन तस्वीरों को अपलोड करते हुए दावा किया, “मोहन यादव और जैकलीन फर्नांडीज क्लब से लेकर होटल तक की तस्वीरें वायरल”
इन तस्वीरों को 16 जनवरी को अपलोड किया गया। वायरल पोस्ट के कंटेंट को यहां ज्यों का त्यों लिखा गया है। इसका आर्काइव लिंक यहां पर देखा जा सकता है।
पड़ताल
विश्वास न्यूज ने वायरल तस्वीरों की पड़ताल की शुरूआत इनकी स्कैनिंग से की। ध्यान से देखने पर हमें सभी तस्वीरों के नीचे Grok लिखा हुआ नजर आया।
ग्रोक एक्स पर मौजूद एक एआई चैटबॉट है। इसमें यूजर टेक्स्ट प्रॉम्प्ट्स टाइप करके एक बार में तीन इमेज जेनरेट कर सकता है। ग्रोक सेलिब्रिटी और राजनीतिक व्यक्तियों की इमेज भी बना सकता है।
जांच को आगे बढ़ाते हुए एआई तस्वीरों को जांचने वाले दो टूल की मदद ली। हाइव मॉडरेशन और साइट इंजन जैसे टूल्स ने तीनों तस्वीरों को एआई जेनरेटेड बताया।
सबसे पहले हमने हाइव मॉडरेशन टूल का इस्तेमाल किया। इस टूल पर पहली तस्वीर को अपलोड किया।। इस टूल ने फोटो के 97 फीसदी एआई जेनरेटेड होने की संभावना बताई।
इसी तरह हाइव मॉडरेशन ने दूसरी तस्वीर को 97.9 प्रतिशत और तीसरी फोटो को 72.2 फीसदी एआई जेनरेटेड बताया। इनके रिजल्ट को नीचे देखा जा सकता है।
जांच के अगले चरण में एक अन्य टूल साइट इंजन के जरिए फोटो की सच्चाई पता लगा गई। इस टूल ने पहली तस्वीर को 92 और दूसरी तस्वीर को 99 फीसदी तक एआई जेनरेटेड होने की संभावना जताई।विश्वास न्यूज ने जांच के अंत में एआई एक्सपर्ट मोहित साहू से संपर्क किया। उनके साथ तीनों तस्वीरों को साझा किया। उन्होंने भी पुष्टि करते हुए बताया कि वायरल तस्वीरें फर्जी हैं। इन्हें एक्स के ग्रोक टूल की मदद से बनाया गया है। उन्होंने बताया कि तस्वीरों को ध्यान से देखने पर हाथों की पोजिशन और आंखों की पुतलियां सही से मैच नहीं कर रही हैं।
विश्वास न्यूज ने पड़ताल के दौरान भोपाल से प्रकाशित नईदुनिया अखबार के पॉलिटिकल एडिटर धनंजय प्रताप सिंह से संपर्क किया। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री की ये सभी वायरल तस्वीर झूठी हैं। मुख्यमंत्री को बदनाम करने के लिए काल्पनिक तस्वीरें वायरल की गई हैं।
(Disclaimer: यह फैक्ट चेक मूल रुप से Vishwas news द्वारा किया गया है जिसे Shakti collective की मदद से पंजाब केसरी ने प्रकाशित किया।)