मॉडर्न एजुकेशन में बड़ा बदलाव: 9वीं में ही स्टूडेंट्स का पसंदीदा विषय बन रहा AI

Edited By Rahul Rana,Updated: 17 Dec, 2024 10:28 AM

ai is becoming the favorite subject of students in 9th class itself

मॉडर्न एजुकेशन में एक बड़ा बदलाव देखा जा रहा है। अब 9वीं क्लास के छात्र आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (AI) को एक लोकप्रिय और पसंदीदा विषय के रूप में अपना रहे हैं। केंद्र सरकार ने AI वर्चुअल रियालिटी (VR) और मिक्स्ड रियलिटी (MR) जैसी उभरती तकनीकों को स्किल...

नेशनल डेस्क। मॉडर्न एजुकेशन में एक बड़ा बदलाव देखा जा रहा है। अब 9वीं क्लास के छात्र आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (AI) को एक लोकप्रिय और पसंदीदा विषय के रूप में अपना रहे हैं। केंद्र सरकार ने AI वर्चुअल रियालिटी (VR) और मिक्स्ड रियलिटी (MR) जैसी उभरती तकनीकों को स्किल इंडिया इकोसिस्टम में शामिल किया है ताकि छात्रों को बेहतर करियर के अवसर मिल सकें। ये नई तकनीकें अब छात्रों के कौशल को निखारने और भविष्य की चुनौतीपूर्ण दुनिया के लिए उन्हें तैयार करने में मदद कर रही हैं।

AI विषय का स्कूलों में बढ़ता प्रभाव

2019 में CBSE ने अपने स्कूलों में AI विषय की शुरुआत की थी और अब ये विषय स्कूलों में बेहद लोकप्रिय हो गया है। शिक्षा मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक 2024-25 सत्र में 4538 स्कूलों के 7,90,999 छात्रों ने 9वीं-10वीं में AI को विकल्प के रूप में चुना है। इसके अलावा 944 स्कूलों के 50,343 छात्रों ने सीनियर सेकंडरी लेवल पर AI को विषय के रूप में चुना है।

AI और ML में स्पेशलाइजेशन की बढ़ती मांग

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    स्कूलों में AI और मशीन लर्निंग (ML) कोर्स की डिमांड लगातार बढ़ रही है। कई छात्र AI और ML में स्पेशलाइजेशन के बाद बैचलर ऑफ साइंस (BSc) जैसे कोर्स कर रहे हैं। इसके अलावा NCERT ने 11वीं क्लास की कंप्यूटर साइंस की किताबों में AI और ML को शामिल किया है जिससे छात्रों को इन तकनीकों के बारे में गहरी समझ मिल रही है।

    यूनिवर्सिटी स्तर पर उभरती तकनीकों का विकल्प

    यूनिवर्सिटी स्तर पर भी AI, ML, 3D मशीनिंग, बिग डेटा एनालिसिस और ड्रोन टेक्नोलॉजी जैसे उभरते हुए कोर्सेज की बहुत डिमांड है। ये कोर्स छात्र को नई तकनीकों के बारे में ज्ञान प्रदान करते हैं और उन्हें आने वाले समय में रोजगार के अवसरों के लिए तैयार करते हैं।

    98% स्कूलों में IT इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार

    CBSE से जुड़े लगभग 30,373 स्कूलों में से 29,719 स्कूलों में IT इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार है जो 98% स्कूलों के बराबर है। इसका मतलब है कि CBSE के अधिकांश स्कूलों में छात्रों को AI और ML जैसे तकनीकी विषयों को सीखने के लिए जरूरी उपकरण और संसाधन उपलब्ध हैं।

    AI, ML और MR की बढ़ती मांग

    AI और ML जैसे तकनीकी कोर्सेज की बढ़ती मांग के कारण इनकोर्सेज में छात्रों की रुचि लगातार बढ़ रही है। साथ ही MR (मिक्स्ड रियलिटी) एक उभरती हुई तकनीक है जो VR (वर्चुअल रियलिटी) और AR (ऑगमेंटेड रियलिटी) का संयोजन करके एक नया अनुभव प्रदान करती है। इसमें वास्तविक दुनिया की जानकारी को डिजिटल जानकारी के साथ मिलाकर छात्रों को नई तकनीकी दुनिया का अनुभव कराया जाता है।

    राष्ट्रीय शिक्षा नीति में AI और ML का महत्व

    भारत की राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) में AI और ML जैसे कोर्सेज को बहुत महत्व दिया गया है। इस नीति के तहत कक्षा 8 में AI और ML की जानकारी एक 15 घंटे के मॉड्यूल के रूप में दी जाती है ताकि छात्रों को शुरुआती स्तर पर ही इन उभरती हुई तकनीकों का ज्ञान हो सके।

    कुल मिलाकर भारत में शिक्षा का माहौल तेजी से बदल रहा है। AI, ML, VR, और MR जैसी तकनीकों के माध्यम से छात्र न केवल अपने कौशल को निखार रहे हैं बल्कि उन्हें भविष्य के लिए तैयार भी किया जा रहा है। इन तकनीकों की बढ़ती मांग और शिक्षा में इनके समावेश से छात्रों के लिए नए करियर विकल्प खुल रहे हैं जो आने वाले समय में उन्हें रोजगार और विकास के नए अवसर देंगे।

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