Edited By Radhika,Updated: 14 Dec, 2023 03:39 PM
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अक्सर आपने महसूस किया होगा कि इंटरनेट पर किसी प्रोडक्ट के बारे में सर्च करने के चाद लगातार आपके अकाउंट पर उससे संबंधित विज्ञापन दिखाई देने लगते है। जाने-अनजाने हम अपनी पसंद-नापसंद के बार में कंपनियों को जानकारी देते रहते हैं।
नेशनल डेस्क: अक्सर आपने महसूस किया होगा कि इंटरनेट पर किसी प्रोडक्ट के बारे में सर्च करने के चाद लगातार आपके अकाउंट पर उससे संबंधित विज्ञापन दिखाई देने लगते है। जाने-अनजाने हम अपनी पसंद-नापसंद के बार में कंपनियों को जानकारी देते रहते हैं। पहले ये काम किसी शॉपिंग मॉल में आपसे कोई फॉर्म भरककर या किसी सर्व के जरिये किया जाता था। लेकिन अब Artificial Intelligence (AI) ने ब्रांड्स और कंपनियों का काम आसान कर दिया है। आपको पता भी नहीं लगता कि किसी कंपनी या ब्रांड को आपकी निजी पसंद के चारे में इतना कुछ कैसे और कब मालूम हो गया। अब ऑडिंग और प्रमोशन बहुत हद तक निजी स्तर तक पहुंच गए हैं। ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर आपके द्वारा की गई हर खरीदारों का हिसाब रहता है।
आपकी पिछली खरीदारी के आधार पर नए प्रोडक्ट, आपकी पसंद के अनुरूप स्टाइल, यूनिक डिस्काउंट जैसी सारी जानकारियां और सुझाव दिए जाते हैं। पर्सनलाइज्ड शॉपिंग के कई रूप हो सकते हैं। इनमें आपके पसंदीदा बुटीक से कोई मैसेज सालगिरह की बधाई, किसी पेह शॉप की ओर से आपकी पालतू बिल्ली करे उसके नाम से संबंधित पर्सनलाइज्ड ईमेल तक शामिल है। ग्राहकों को बनाए रखने लॉयल्टी बनाने और अधुनिक से दौड़ने के इच्छुक ब्रांड्स के लिए इस तरह की मार्केटिंग न्यू नॉर्मल है। दरअसल ई-कॉमर्स ब्रांड एकदम पर्सनलाइज्ड अनुभव देन के लिए ग्राहकों के निजी डेटा का इस्तेमाल कर रहे हैं।

मैकिजी की एक रिसर्च रिपोर्ट के सक्तिशाली है। इनके इस्तेल से कमाई में 12-15 बोरी कोई कंपनी अपने हकों के आरे में नागदा जानेगी, वह उतने ही प्रभावी से उन्हें नेट कर सकती है। एआई दल न सिर्फ प्राक के पिघले बार में पैटर्न छूको लगाने के लिए भी कर सकते है लोग आगे क्या कर सकते हैं।
ग्राहक भी पसंद करने लगे हैं पर्सनलाइज्ड इंटरैक्शन
कई बिजनेस ने पया है कि पर्सनलाइज्ड मैसेज ग्राहकों को भीड़ से अलग होने का अहसास दिलाता है। लेखिका और सोशल मीडिया विशेषज्ञ राचेल पेडर्सन कहती हैं, कई लोग चाहते हैं कि बांड उनकी रोजमर्रा की जरूरतें समझे।' मैकिजी एंड कंपनी के एक रिसर्च से पता जाता है कि 71% उपभोक्ता उम्मीद करते हैं कि कंपनियां उनके साथ पर्सनलाइज्ड इंटरैकान करेंगी और 70% ऐसा न होने पर निराश होते हैं।