Edited By Rohini Oberoi,Updated: 12 Feb, 2025 01:08 PM
![air chief marshal angry over delay in delivery of tejas fighter jet](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2025_2image_13_08_020181242air-ll.jpg)
भारतीय वायुसेना के प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने लड़ाकू विमानों की डिलीवरी में हो रही देरी पर अपनी चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि उन्हें हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) पर भरोसा नहीं है। एयरो इंडिया शो के दौरान एपी सिंह ने HAL के अधिकारियों...
नेशनल डेस्क। भारतीय वायुसेना के प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने लड़ाकू विमानों की डिलीवरी में हो रही देरी पर अपनी चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि उन्हें हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) पर भरोसा नहीं है। एयरो इंडिया शो के दौरान एपी सिंह ने HAL के अधिकारियों से कहा कि इस समय उन्हें कंपनी पर विश्वास नहीं हो रहा है और इस समस्या को हल करने के लिए सिस्टम में बदलाव की आवश्यकता है।
"HAL पर भरोसा नहीं है"
एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने HAL के अधिकारियों से सीधे कहा कि उन्हें कंपनी पर भरोसा नहीं है। उनका कहना था कि जब वे अपनी जरूरतों को लेकर HAL से बात करते हैं तो हमेशा यही सुनने को मिलता है कि "हो जाएगा, करेंगे" लेकिन यह स्थिति बहुत खराब है। एयर चीफ ने कहा, "HAL हमारी खुद की कंपनी है हमने वहां काम किया है लेकिन मुझे लगता है कि हम मिशन मोड में नहीं हैं।" उन्होंने कहा कि सभी को अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए और हल्के में नहीं लेना चाहिए।
"सिस्टम में बदलाव की जरूरत है"
एपी सिंह ने यह भी कहा कि उन्हें फरवरी में 11 तेजस विमानों की डिलीवरी का वादा किया गया था लेकिन अब तक वो डिलीवरी नहीं हो पाई है। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि हमें सिस्टम में बदलाव की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसे मुद्दों से बचा जा सके। उनका कहना था कि बहुत सारी चीजें गड़बड़ हैं और अगर एक उंगली उठाई जाती है तो तीन उंगलियां अपनी तरफ भी आती हैं।
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HAL का बयान
इस मामले पर HAL के प्रबंध निदेशक डीके सुनील ने सफाई दी और कहा कि विमानों की डिलीवरी में देरी लापरवाही की वजह से नहीं हो रही है बल्कि कुछ तकनीकी समस्याओं के कारण है। उन्होंने आश्वासन दिया कि कंपनी जल्द ही विमानों की डिलीवरी करेगी और सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।
यह मामला भारतीय वायुसेना और HAL के बीच के संबंधों को लेकर चर्चा का विषय बन गया है और यह स्पष्ट करता है कि वायुसेना के अधिकारी जल्द से जल्द अपने लड़ाकू विमानों की डिलीवरी चाहते हैं ताकि उनकी तैयारियों में कोई कमी न हो।