Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 27 Jan, 2025 12:40 PM
महाकुंभ 2025 में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के बीच हवाई टिकट के बढ़ते किराए ने सबको चौंका दिया है। इस वर्ष महाकुंभ में लाखों श्रद्धालु आ रहे हैं, लेकिन उड़ान टिकट की कीमतों ने आम आदमी को परेशान कर दिया है। दिल्ली और मुंबई से प्रयागराज जाने वाले...
नेशनल डेस्क: महाकुंभ 2025 में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के बीच हवाई टिकट के बढ़ते किराए ने सबको चौंका दिया है। इस वर्ष महाकुंभ में लाखों श्रद्धालु आ रहे हैं, लेकिन उड़ान टिकट की कीमतों ने आम आदमी को परेशान कर दिया है। दिल्ली और मुंबई से प्रयागराज जाने वाले फ्लाइट्स के टिकट का किराया अब इतना बढ़ चुका है कि उतने में आप विदेशों की यात्रा भी कर सकते हैं। इसका असर न सिर्फ श्रद्धालुओं पर पड़ा है, बल्कि विमानन नियामक डीजीसीए (DGCA) भी इस पर गंभीर है और एयरलाइन कंपनियों से किराए को तर्कसंगत बनाने की अपील कर चुका है।
महाकुंभ के शाही स्नान के दिनों में किराए में जबरदस्त बढ़ोतरी
महाकुंभ मेले में शाही स्नान के दिनों के दौरान फ्लाइट टिकट की कीमतों में काफी वृद्धि हो गई है। महाकुंभ का आयोजन 13 जनवरी से हो चुका है, और प्रमुख स्नान तिथियों जैसे 29 जनवरी (मौनी अमावस्या), 3 फरवरी (बसंत पंचमी) और 12 फरवरी (माघ पूर्णिमा) के आसपास फ्लाइट टिकट के दाम आसमान तक पहुंच गए हैं।
सामान्य दिनों में दिल्ली से प्रयागराज का हवाई किराया लगभग 10-12 हजार रुपये होता था, जबकि मुंबई से यह 15,000 रुपये के आसपास रहता था। लेकिन अब शाही स्नान के दिनों में दिल्ली से प्रयागराज जाने का किराया 50,000 रुपये तक पहुंच चुका है। मुंबई से यह किराया भी 50,000-60,000 रुपये के बीच हो गया है। दिलचस्प बात यह है कि इसी समय में दिल्ली से लंदन का टिकट 30,000 से 37,000 रुपये के आसपास है और सिंगापुर का टिकट भी 24,000 से 25,000 रुपये में मिल सकता है।
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रेल किराया सीमित, लेकिन फ्लाइट किराए में बेतहाशा बढ़ोतरी
जहां भारतीय रेलवे ने प्रयागराज आने-जाने वाले यात्रियों के लिए अपनी सेवाएं बढ़ाई हैं और किराए को सीमित रखा है, वहीं एयरलाइनों ने फ्लाइट टिकट के किराए में 200% से 700% तक की वृद्धि की है। इस पर विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने चिंता जताई और सरकार से हवाई किराए को नियंत्रित करने की अपील की। उन्होंने कहा कि महाकुंभ के दौरान बढ़ती श्रद्धालु संख्या को देखते हुए एयरलाइनों द्वारा किराए में इतनी बढ़ोतरी करना अनुचित और अनैतिक है।
विनोद बंसल ने यह भी कहा कि जहां भारतीय रेलवे ने यात्रियों की सेवा को ध्यान में रखते हुए किराए को सीमित रखा है, वहीं हवाई यात्रा के दौरान श्रद्धालु असुविधा का सामना कर रहे हैं और कई लोग टिकट खरीदने में असमर्थ हैं। उन्होंने कहा कि एयरलाइनों को अपने किराए को तर्कसंगत बनाना चाहिए और यात्रियों की सुविधा पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
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DGCA की चिंता और एयरलाइनों से अपील
महाकुंभ के लिए हवाई किराए में बेतहाशा वृद्धि पर DGCA (विमानन नियामक) भी गंभीर हो गया है। DGCA ने एयरलाइन कंपनियों से अपील की है कि वे फ्लाइट टिकट के किराए को तर्कसंगत बनाएं। इस संदर्भ में DGCA अधिकारियों ने पहले ही एयरलाइन प्रतिनिधियों के साथ बैठक की है और आने वाले दिनों में और अधिक उड़ानों की व्यवस्था करने पर विचार किया है। महाकुंभ के लिए उड़ानों की संख्या बढ़ाई गई है और जनवरी महीने में 81 अतिरिक्त उड़ानों को मंजूरी दी गई है। इसके बावजूद, टिकट के दामों में इतनी बढ़ोतरी ने यात्रियों को परेशानी में डाल दिया है। DGCA का कहना है कि उड़ानों की संख्या बढ़ाने के साथ ही किराए को भी तर्कसंगत किया जाना चाहिए।
क्या आएगा किराए में बदलाव?
महाकुंभ में श्रद्धालुओं की सेवा और सुरक्षा के लिए सरकार और अन्य एजेंसियों के प्रयास लगातार जारी हैं, लेकिन बढ़ते किराए पर सवाल उठ रहे हैं। क्या सरकार और विमानन कंपनियां इन बढ़े हुए किराए को घटाने के लिए कुछ ठोस कदम उठाएंगी? या फिर यात्रियों को इसी तरह से महंगे किराए का सामना करना पड़ेगा? यह सवाल अभी भी अनसुलझा है।