Edited By Anu Malhotra,Updated: 12 Oct, 2024 07:40 AM
त्रिची से शारजाह जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट में उड़ान के दौरान हाइड्रोलिक सिस्टम की विफलता हो गई, जिससे फ्लाइट को तकनीकी समस्या का सामना करना पड़ा। तकनीकी खराबी के चलते हाइड्रोलिक सिस्टम फेल हो गया, जिससे विमान को सुरक्षित लैंडिंग के लिए करीब साढ़े...
नेशनल डेस्क: त्रिची से शारजाह जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट में उड़ान के दौरान हाइड्रोलिक सिस्टम की विफलता हो गई, जिससे फ्लाइट को तकनीकी समस्या का सामना करना पड़ा। तकनीकी खराबी के चलते हाइड्रोलिक सिस्टम फेल हो गया, जिससे विमान को सुरक्षित लैंडिंग के लिए करीब साढ़े 3 घंटे तक हवा में चक्कर लगाना पड़ा। इस दौरान यात्रियों को मामूली तकनीकी खराबी की जानकारी दी गई थी, लेकिन असल में पायलट लैंडिंग गियर की विफलता से जूझ रहे थे।
क्या हुआ?
फ्लाइट को त्रिची एयरपोर्ट पर सुरक्षित लैंडिंग से पहले ईंधन कम करने के लिए हवा में चक्कर लगाने पड़े। एयरपोर्ट पर 20 से अधिक एम्बुलेंस और दमकल गाड़ियां स्टैंडबाय पर थीं, ताकि किसी भी संभावित दुर्घटना से निपटा जा सके।
हाइड्रोलिक विफलता क्या है?
एयरलाइनों में हाइड्रोलिक सिस्टम का इस्तेमाल महत्वपूर्ण भागों जैसे लैंडिंग गियर, ब्रेक और फ्लैप को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है। अगर इस सिस्टम में विफलता होती है, तो विमान के महत्वपूर्ण कार्य प्रभावित हो सकते हैं। हालांकि, एयर इंडिया की इस फ्लाइट में स्थिति को संभालते हुए सुरक्षित लैंडिंग सुनिश्चित की गई।
त्रिची के जिला कलेक्टर के अनुसार, हवाई अड्डे के निदेशक ने बताया कि चिंता का कोई कारण नहीं था और विमान को सुरक्षित उतारने के लिए सभी एहतियाती कदम उठाए गए थे। एम्बुलेंस और बचाव दल को स्टैंडबाय पर रखा गया था, लेकिन फ्लाइट सुरक्षित उतरने के बाद राहत महसूस की गई।
इस घटना ने यह साबित किया कि ऐसे तकनीकी मुद्दों के दौरान सुरक्षा प्रोटोकॉल और त्वरित प्रतिक्रिया कितनी महत्वपूर्ण होती है।