Edited By Mahima,Updated: 31 Dec, 2024 12:31 PM
भारत सरकार ने एक नया आदेश जारी किया है जिसके तहत एयरलाइंस को 24 घंटे पहले विदेशी यात्रियों का पूरा विवरण कस्टम डिपार्टमेंट के साथ साझा करना अनिवार्य होगा। यह आदेश 2025 से लागू होगा। अगर एयरलाइंस नियमों का पालन नहीं करती हैं तो उन पर भारी जुर्माना...
नेशनल डेस्क: भारत सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जो विदेशी हवाई यात्रियों की सुरक्षा और पहचान को बेहतर बनाने के लिए इंटरनेशनल फ्लाइट्स से जुड़े नए नियमों को लागू करने के बारे में है। अब भारत से विदेश जाने और विदेश से भारत आने वाले हर विदेशी यात्री के बारे में संबंधित एयरलाइंस को यात्रा से 24 घंटे पहले कस्टम डिपार्टमेंट के साथ उनकी पूरी जानकारी साझा करनी होगी। यह आदेश एक अप्रैल 2025 से लागू होगा। यदि एयरलाइंस इस आदेश का पालन नहीं करती हैं तो उन पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा।
24 घंटे पहले देनी होगी पूरी जानकारी
भारत से या भारत आने वाली इंटरनेशनल फ्लाइट्स में यात्रा करने वाले विदेशी यात्रियों का विवरण कस्टम डिपार्टमेंट के साथ 24 घंटे पहले साझा करना अनिवार्य होगा। इसमें यात्रियों का नाम, मोबाइल नंबर, यात्रा के लिए किए गए भुगतान का तरीका, यात्रा के दौरान उनकी खाने की पसंद और अन्य महत्वपूर्ण विवरण शामिल होंगे। एयरलाइंस को ये जानकारी राष्ट्रीय कस्टम टार्गेटिंग सेंटर- पैसेंजर (NCTC-PAX) प्लेटफॉर्म पर अपलोड करनी होगी। यह नया आदेश यात्रियों के पासपोर्ट नंबर, टिकट डिटेल्स और यात्रा के अन्य महत्वपूर्ण आंकड़े भी कस्टम डिपार्टमेंट को देने का निर्देश देता है। यह सुनिश्चित करेगा कि भारत सरकार के पास प्रत्येक विदेशी यात्री के बारे में विस्तृत जानकारी हो, जिससे संदिग्ध गतिविधियों या सुरक्षा खतरों से संबंधित जांच की जा सके।
नियमों का उल्लंघन करने पर भारी जुर्माना
अगर कोई एयरलाइंस इस नए आदेश का पालन नहीं करती है और यात्रियों का डेटा समय से पहले कस्टम डिपार्टमेंट के साथ साझा नहीं करती है, तो उस एयरलाइंस पर 25,000 रुपये से लेकर 50,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा। यह जुर्माना हर बार उल्लंघन होने पर लिया जाएगा, यानी अगर एक एयरलाइंस ने एक बार भी नियमों का पालन नहीं किया तो उसे बार-बार जुर्माना भरना पड़ सकता है। एयरलाइंस को 10 जनवरी 2025 तक नेशनल कस्टम्स टार्गेटिंग सेंटर-पैसेंजर (NCTC-PAX) प्लेटफॉर्म पर रजिस्ट्रेशन करवाना होगा ताकि वे सही तरीके से इस आदेश का पालन कर सकें।
सुरक्षा बढ़ाने के उद्देश्य से यह कदम
भारत सरकार के इस कदम का मुख्य उद्देश्य हवाई यात्रा के दौरान संभावित सुरक्षा खतरों का जल्दी और प्रभावी तरीके से मुकाबला करना है। यात्रियों के बारे में विस्तृत जानकारी मिलने से भारत सरकार और कस्टम डिपार्टमेंट को प्रत्येक विदेशी यात्री का गहन विश्लेषण करने का मौका मिलेगा। अगर किसी यात्री के बारे में संदेह उत्पन्न होता है या कोई जोखिम दिखाई देता है, तो सरकार उसे यात्रा से रोकने के लिए कदम उठा सकती है। इससे भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की रिस्क एनालिसिस क्षमता बढ़ेगी, जिससे किसी भी प्रकार के सुरक्षा जोखिम को समय रहते नियंत्रित किया जा सकेगा। किसी भी संदिग्ध यात्री के बारे में अतिरिक्त जानकारी प्राप्त करने से एयरलाइंस और संबंधित सुरक्षा एजेंसियों को उन्हें रोकने या उनकी जांच करने का मौका मिलेगा। इसके परिणामस्वरूप भारत में एयर ट्रैवल की सुरक्षा व्यवस्था को और भी मजबूत किया जा सकेगा। इस पहल से एक ओर फायदा यह होगा कि भारत में आने वाले विदेशी यात्रियों के बारे में सही डेटा उपलब्ध होगा, जिससे उनके बारे में जांच प्रक्रिया और अधिक प्रभावी हो सकेगी।
10 फरवरी 2025 से लागू होगा पायलट फेज
इस आदेश के पालन के लिए एक पायलट फेज भी शुरू किया जाएगा। पायलट फेज 10 फरवरी 2025 से लागू होगा, जिससे एयरलाइंस को तैयार होने का समय मिलेगा। इस दौरान, एयरलाइंस को नए नियमों के बारे में पूरी जानकारी दी जाएगी और वे इसे लागू करने के लिए अपनी प्रक्रिया को व्यवस्थित करेंगे। पायलट फेज के बाद, एक अप्रैल 2025 से यह आदेश पूरी तरह से लागू हो जाएगा।
पूर्वी देशों के यात्रियों के लिए अतिरिक्त जांच
भारत सरकार ने इस नए आदेश में यह भी उल्लेख किया है कि विशेष रूप से उन देशों से आने वाले यात्रियों के लिए जो अधिकतर हवाई सुरक्षा जोखिम से जुड़े होते हैं, उनके लिए अतिरिक्त जांच की जा सकती है। यह कदम उन देशों के यात्रियों की गहन जांच को और मजबूत करने के लिए उठाया जा रहा है, जिनके नागरिकता में आतंकवाद या सुरक्षा जोखिम की संभावना अधिक होती है।
भारत की हवाई सुरक्षा व्यवस्था में एक और महत्वपूर्ण कदम
भारत की हवाई सुरक्षा तंत्र को मजबूत बनाने के लिए यह कदम महत्वपूर्ण है। इससे न केवल भारतीय नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी, बल्कि विदेश से आने वाले पर्यटकों और व्यवसायियों की यात्रा को भी सुरक्षित बनाया जा सकेगा। यह सुनिश्चित करेगा कि भारत का हवाई मार्ग न केवल व्यावसायिक दृष्टिकोण से सुलभ रहे, बल्कि सुरक्षा की दृष्टि से भी पूरी तरह से सुरक्षित हो। भारत सरकार का यह नया कदम हवाई सुरक्षा को और अधिक मजबूत करेगा और संभावित खतरों का समय रहते पता चल सकेगा। एयरलाइंस को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे सभी यात्रियों के डेटा को सही समय पर कस्टम डिपार्टमेंट के साथ साझा करें, ताकि किसी भी प्रकार की सुरक्षा चूक से बचा जा सके। जुर्माने की व्यवस्था यह सुनिश्चित करेगी कि एयरलाइंस इन नियमों का पालन करें और भारत की हवाई सुरक्षा को प्राथमिकता दें।