Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 23 Jan, 2025 10:02 PM
भारत के दूरसंचार बाजार में एक नई क्रांति आने वाली है! एयरटेल ने देश में सैटेलाइट इंटरनेट सेवा शुरू करने की तैयारी पूरी कर ली है। यह कदम न केवल स्टारलिंक जैसी अंतरराष्ट्रीय कंपनियों को चुनौती देगा बल्कि देश के दूरदराज के इलाकों में इंटरनेट...
नेशनल डेस्क: भारत के दूरसंचार बाजार में एक नई क्रांति आने वाली है! एयरटेल ने देश में सैटेलाइट इंटरनेट सेवा शुरू करने की तैयारी पूरी कर ली है। यह कदम न केवल स्टारलिंक जैसी अंतरराष्ट्रीय कंपनियों को चुनौती देगा बल्कि देश के दूरदराज के इलाकों में इंटरनेट कनेक्टिविटी को भी बढ़ावा देगा। साथ ही एयरटेल JIO को पछाड़ते हुए कुछ महीनों में आगे निकल जाएगा।
भारत में अपनी सैटेलाइट इंटरनेट सेवा शुरू करने की तैयारी में एयरटेल ने गुजरात और तमिलनाडु में अपने दो बेस स्टेशनों का निर्माण पूरा कर लिया है और अब स्पेक्ट्रम आवंटन का इंतजार कर रहा है। एलन मस्क की स्टारलिंक देश में अपनी सेवाएं शुरू करने से पहले भारत की अपनी एयरटेल सैटेलाइट इंटरनेट सेवा शुरू करने के लिए तैयार है। हाल ही में एएनआई के साथ एक साक्षात्कार में भारती एंटरप्राइजेज के उपाध्यक्ष राजन भारती मित्तल ने हाल ही में बताया कि एयरटेल ने गुजरात और तमिलनाडु में अपने बेस स्टेशनों का निर्माण पूरा कर लिया है।
635 सैटेलाइट्स पहले ही लॉन्च
सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस को शुरू करने के लिए बस वह हरी झंडी का इंतजार कर रहे हैं। लॉन्च डेट या टाइमलाइन के बारे पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि जरूरी परमिशन मिलते ही भारत में सैटेलाइट सर्विसेज रोल आउट कर देंगे, कंपनी की तरफ से कोई देरी नहीं की जाएगी। इसके लिए एयरटेल ने पहले ही 635 सैटेलाइट्स लॉन्च कर दिए हैं।
स्टारलिंक को मिलेगी कड़ी टक्कर
एयरटेल की इस पहल से स्टारलिंक को भारत में कड़ी टक्कर मिल सकती है। स्टारलिंक भी भारत में अपनी सेवाएं शुरू करने की योजना बना रहा है, लेकिन अभी तक उसे सरकार से अनुमति नहीं मिली है। इसके अलावा, स्टारलिंक की सेवाएं महंगी होने की संभावना है, जबकि एयरटेल ने दूरदराज के इलाकों में किफायती दरों पर सेवाएं देने का वादा किया है।
इंट्रा सर्किल रोमिंग की सुविधा
इसके अलावा, सरकार ने हाल ही में इंट्रा सर्किल रोमिंग (ICR) सुविधा शुरू की है। इसके तहत, जियो, बीएसएनएल और एयरटेल के उपयोगकर्ता अब किसी भी उपलब्ध नेटवर्क का उपयोग करके कॉल कर सकते हैं, भले ही उनका अपना सिम सिग्नल से बाहर हो। यह सुविधा दूरदराज के इलाकों में नेटवर्क कवरेज को बेहतर बनाने में मदद करेगी।