Edited By Mahima,Updated: 08 Mar, 2025 03:15 PM
अजाइता शाह ने पीएम मोदी के अकाउंट से अपनी सफलता की कहानी साझा करते हुए बताया कि उन्होंने 2011 में फ्रंटियर मार्केट्स की स्थापना की थी, जिसका उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना था। उनकी पहल ने हजारों महिलाओं को रोजगार दिया और उन्हें आर्थिक...
नेशनल डेस्क: आज पूरे विश्व में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जा रहा है, और इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) से भारत की कई सफल महिलाओं की प्रेरक कहानियाँ साझा की हैं। पीएम मोदी ने लिखा कि इन महिलाओं के दृढ़ संकल्प और उपलब्धियों ने यह साबित कर दिया है कि महिलाओं में असीम शक्ति और संभावनाएँ हैं। उन्होंने कहा कि हम आज और हर दिन इन महिलाओं के योगदान को सेलिब्रेट करते हैं, जो न केवल अपने क्षेत्र में सफल हो रही हैं, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव भी ला रही हैं। इन सफल महिलाओं में से एक प्रमुख नाम है अजाइता शाह का, जो फ्रंटियर मार्केट्स की संस्थापक और सीईओ हैं। अजाइता शाह ने प्रधानमंत्री के अकाउंट से पोस्ट करते हुए अपनी यात्रा को साझा किया और बताया कि कैसे उन्होंने ग्रामीण महिलाओं के जीवन में बदलाव लाने का काम किया।
ग्रामीण महिलाओं के सामने आने वाली चुनौतियाँ
अजाइता ने अपनी पोस्ट में लिखा कि ग्रामीण महिलाओं के सामने बहुत सी चुनौतियाँ थीं, जिनमें वित्तीय समस्याएँ, बुनियादी ढाँचे तक पहुँच, और अन्य सामाजिक बाधाएँ प्रमुख थीं। यह उनके लिए अपने अधिकारों और आजीविका को सुनिश्चित करना मुश्किल बना देता था। इन समस्याओं को हल करने के लिए, अजाइता ने पिछले दो दशकों में काम किया और उन्होंने न केवल खुद बदलाव लाया, बल्कि कई और महिलाओं को भी आत्मनिर्भर बनने की दिशा में प्रेरित किया।
ग्रामीण भारत की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त
अजाइता शाह ने 2011 में फ्रंटियर मार्केट्स की स्थापना की। यह एक सोशल एंटरप्राइज है, जो विशेष रूप से ग्रामीण भारत की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने का काम करता है। इस संगठन ने हजारों महिलाओं का एक बड़ा नेटवर्क तैयार किया है, जो न केवल खुद के लिए आय अर्जित कर रही हैं, बल्कि दूसरों को भी रोजगार देने में सक्षम हो रही हैं। अजाइता का कहना है कि उनके संगठन ने महिलाओं को एक साझा प्लेटफॉर्म दिया, जहाँ वे आपस में सहयोग करती हैं और अपनी सफलता की कहानी साझा करती हैं। इसके परिणामस्वरूप, आज इन महिलाओं की स्थिति में उल्लेखनीय सुधार हुआ है, और वे आत्मनिर्भर बन चुकी हैं।
महिलाओं के लिए बेहतर सुविधाएँ
अजाइता ने यह भी बताया कि आज के समय में ग्रामीण महिलाओं के लिए बैंकिंग सेवाएँ, सामाजिक सुरक्षा योजनाएँ, बेहतर स्वास्थ्य सेवाएँ और स्वच्छता जैसी सुविधाएँ उपलब्ध हो पाई हैं। इन सुविधाओं ने महिलाओं के लिए अपने सपनों को पूरा करना और समाज में सकारात्मक योगदान देना आसान बना दिया है। अजाइता का मानना है कि जब महिलाओं को इन बुनियादी सुविधाओं का लाभ मिलता है, तो वे अपने जीवन को बदलने में सक्षम हो जाती हैं और समाज में बदलाव लाती हैं।
जानिए कैसे है "मेरी सहेली ऐप" का योगदान
अजाइता शाह ने अपनी पोस्ट में यह भी बताया कि उनका हमेशा से फोकस महिलाओं के स्किल डवलपमेंट और वित्तीय समावेशन पर रहा है। इसके लिए उन्होंने टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया है। उन्होंने अपनी कंपनी की एक पहल "मेरी सहेली ऐप" के बारे में लिखा, जो विशेष रूप से ग्रामीण महिलाओं के लिए तैयार किया गया है। यह ऐप महिलाओं को उद्यमिता में प्रशिक्षित करने के लिए एक आसान और प्रभावी टूल बन गया है। मेरी सहेली ऐप का उद्देश्य महिलाओं को कृषि, स्वास्थ्य सेवाओं, उपभोक्ता वस्तुओं, और वित्तीय साक्षरता जैसे क्षेत्रों में अपनी क्षमता को पहचानने और उसे बढ़ाने में मदद करना है। इस ऐप के माध्यम से महिलाएँ डिजिटल प्लेटफॉर्म पर अपने उत्पादों को बेचने, स्वास्थ्य संबंधित जानकारी प्राप्त करने, और वित्तीय रूप से सशक्त बनने के रास्ते पर आगे बढ़ रही हैं।
ग्रामीण महिलाओं की ताकत को पहचानना
अजाइता ने कहा कि एक और खास बात यह है कि भारतीय ग्रामीण महिलाएँ तकनीक को बहुत तेजी से अपना रही हैं, और यह देखकर उन्हें बहुत खुशी होती है कि महिलाएँ नए बदलावों को सहजता से स्वीकार कर रही हैं। उनकी परियोजनाओं ने महिलाओं को आत्मनिर्भर और सामाजिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में अहम कदम उठाए हैं। वे मानती हैं कि जब महिलाएँ आर्थिक रूप से सशक्त होती हैं, तो समाज में समानता और समृद्धि बढ़ती है। अजाइता की सफलता की कहानी न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि यह उन सभी महिलाओं के लिए एक उदाहरण है, जो चुनौतियों के बावजूद अपने सपनों को पूरा करने की दिशा में काम कर रही हैं।