AK-203 Rifles: आतंकियों की खैर नहीं, अब होगा तगड़ा एक्शन, बाॅर्डर पर जवानों को मिलेगी ‘Make in India दुनिया की बेहतरीन असॉल्ट राइफल

Edited By Anu Malhotra,Updated: 25 Sep, 2024 11:37 AM

ak 203 rifle 35 000 ak 203 assault rifles major general sudhir sharma

पाटन के मेजर जनरल सुधीर शर्मा की अगुवाई में बनाई जा रही 35,000 AK-203 असॉल्ट राइफलें अब सीमावर्ती इलाकों में तैनात भारतीय जवानों के हाथों में पहुंच गई हैं। इस महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत दिसंबर 2024 तक सेना को 20,000 और राइफलें दी जाएंगी।

नेशनल डेस्क:  पाटन के मेजर जनरल सुधीर शर्मा की अगुवाई में बनाई जा रही 35,000 AK-203 असॉल्ट राइफलें अब सीमावर्ती इलाकों में तैनात भारतीय जवानों के हाथों में पहुंच गई हैं। इस महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत दिसंबर 2024 तक सेना को 20,000 और राइफलें दी जाएंगी। 

मेजर जनरल सुधीर शर्मा को अगस्त 2023 में गहन चयन प्रक्रिया के बाद इंडो-रशियन राइफल्स प्राइवेट लिमिटेड का सीईओ और एमडी नियुक्त किया गया था। यह रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत एक रणनीतिक परियोजना है, जिसके तहत कंपनी रूस की कलाश्निकोव कंपनी से प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के साथ भारत में 601,427 AK-203 राइफलें बनाएगी।

उत्पादन संयंत्र और निर्यात योजना
AK-203 राइफल का उत्पादन उत्तर प्रदेश के अमेठी में स्थित फैक्ट्री में किया जा रहा है। यह संयंत्र प्रतिदिन 600 से अधिक राइफलें बनाने में सक्षम है। 'मेक इन इंडिया' प्रोजेक्ट के तहत, भारत में निर्मित इन राइफलों को मित्र देशों को भी निर्यात किया जाएगा। इससे भारत की रक्षा उत्पादन क्षमता को मजबूती मिलेगी और देश को रक्षा निर्यात के क्षेत्र में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त होगा।

AK-203 राइफल की मुख्य विशेषताएँ
AK-203 दुनिया की सबसे बेहतरीन असॉल्ट राइफलों में से एक मानी जाती है। इसकी प्रभावी फायरिंग रेंज 400 से 800 मीटर तक है और यह 700 राउंड प्रति मिनट की दर से फायर कर सकती है। यह राइफल आतंक विरोधी अभियानों और पारंपरिक युद्ध स्थितियों में दुश्मन के लिए एक घातक हथियार साबित होगी।

AK-203 की प्रमुख तकनीकी विशेषताएँ:
कैलिबर: 7.62×39 मिमी की गोलियों का इस्तेमाल करती है, जिससे बेहतर मारक क्षमता मिलती है।
वजन: इसका वजन लगभग 3.8 किलोग्राम है, जो सैनिकों के लिए इसे ले जाना आसान बनाता है।
टिकाऊपन: कठोर परिस्थितियों, जैसे धूल, कीचड़ और पानी में भी यह प्रभावी ढंग से काम करती है।
ऑपरेटिंग सिस्टम: गैस-ऑपरेटेड, रोटेटिंग बोल्ट सिस्टम पर आधारित, जामिंग की संभावना बेहद कम।
स्वचालित और अर्ध-स्वचालित मोड: स्थिति के अनुसार सैनिक फायरिंग मोड का चयन कर सकते हैं।
बेहतर एर्गोनॉमिक्स: मॉड्यूलर पिकाटिनी रेल सिस्टम से ऑप्टिक्स, लेजर और अन्य अटैचमेंट आसानी से जोड़े जा सकते हैं।

रणनीतिक महत्व
AK-203 का निर्माण भारत-रूस की साझेदारी के तहत हो रहा है, जिससे भारतीय सुरक्षा बलों को एक अत्याधुनिक हथियार मिल रहा है। इस राइफल की लंबी उम्र, कम रखरखाव और सभी प्रकार की जलवायु में प्रदर्शन क्षमता इसे खास बनाती है। यह भारत के रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को और मजबूती प्रदान करेगी और अन्य देशों के साथ रणनीतिक साझेदारी को भी बढ़ाएगी।

भारत में निर्मित इन उन्नत राइफलों से न केवल भारतीय सेना की ताकत बढ़ेगी, बल्कि देश की रक्षा निर्यात क्षमता में भी बड़ा योगदान होगा।

Related Story

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!