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देखें डंकी लगाते हुए कैसे बॉर्डर क्रॉस कर रहे लोग... लाखों खर्च कर भी हाथ लगी नाकामी

Edited By Anu Malhotra,Updated: 06 Feb, 2025 05:30 PM

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हरियाणा के करनाल निवासी आकाश को अमेरिका से डिपोर्ट कर दिया गया, जिससे उसका परिवार गहरे आर्थिक संकट में आ गया है। 10 महीने पहले भारत से निकले आकाश ने 72 लाख रुपये खर्च किए, लेकिन अमेरिका में अवैध रूप से प्रवेश करने की उसकी कोशिश नाकाम रही। परिवार...

नेशनल डेस्क: हरियाणा के करनाल निवासी आकाश को अमेरिका से डिपोर्ट कर दिया गया, जिससे उसका परिवार गहरे आर्थिक संकट में आ गया है। 10 महीने पहले भारत से निकले आकाश ने 72 लाख रुपये खर्च किए, लेकिन अमेरिका में अवैध रूप से प्रवेश करने की उसकी कोशिश नाकाम रही। परिवार द्वारा साझा किए गए एक वीडियो में, आकाश को पनामा के घने जंगलों में अन्य अवैध प्रवासियों के साथ कैम्पिंग करते हुए देखा जा सकता है। वीडियो में महिलाओं और बच्चों को पानी से गुजरते हुए दिखाया गया है, जो इस खतरनाक यात्रा की कठिनाइयों को दर्शाता है।

खतरनाक ‘डंकी रूट’ से अमेरिका पहुंचने की कोशिश
आकाश ने 26 जनवरी को मैक्सिको बॉर्डर पार करके अमेरिका में प्रवेश किया था। अमेरिका में प्रवेश के दो मुख्य अवैध रास्ते हैं—

-सीधा मैक्सिको से होकर गुजरने वाला रास्ता
-‘डंकी रूट’, जो कई देशों से होते हुए बेहद खतरनाक रास्तों से गुजरता है। 
परिवार का दावा है कि आकाश को एजेंटों ने झांसा देकर लंबा और खतरनाक रास्ता चुनने पर मजबूर कर दिया, जबकि उन्होंने सीधा और सुरक्षित रास्ता तय किया था।

अमेरिका में गिरफ्तारी और जबरन डिपोर्टेशन
आकाश को यूएस बॉर्डर चेकपॉइंट पर 26 जनवरी को गिरफ्तार कर लिया गया था। परिवार के अनुसार, उसे जल्द रिहाई और बॉन्ड पर छोड़े जाने की उम्मीद थी, लेकिन उसे जबरन डिपोर्टेशन पेपर्स पर साइन करने के लिए मजबूर किया गया। परिवार का आरोप है कि आकाश को धमकाया गया कि अगर उसने डिपोर्टेशन पेपर्स पर साइन नहीं किए तो उसे जेल भेज दिया जाएगा।

कर्ज, जमीन और गहने गिरवी रखकर हुआ था इंतजाम
आकाश के पिता का पहले ही निधन हो चुका था, और परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। बेहतर भविष्य की उम्मीद में आकाश के बड़े भाई शुभम ने 2.5 एकड़ पारिवारिक जमीन बेचकर 65 लाख रुपये जुटाए। इसके अलावा, एजेंटों को अतिरिक्त 7 लाख रुपये का भुगतान करना पड़ा। शुभम ने बताया,"हमने कर्ज लिया, जमीन बेची और यहां तक कि गहने भी गिरवी रख दिए ताकि आकाश अमेरिका जाकर बेहतर जिंदगी जी सके, लेकिन अब हमारे पास कुछ भी नहीं बचा।"

एजेंटों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग
शुभम ने कहा, "कोई और परिवार हमारी तरह इस पीड़ा से न गुजरे। सरकार को इन दलालों और मानव तस्करों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।" आकाश 5 फरवरी को अमृतसर एयरपोर्ट पर अन्य 103 भारतीयों के साथ डिपोर्ट होकर लौटा और फिर अपने मामा के घर चला गया। अब परिवार को न्याय और आर्थिक मदद की उम्मीद है, ताकि वे दोबारा अपने पैरों पर खड़े हो सकें।

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