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ALERT: देश में इस वर्ग के लोग ले रहें हानिकारक दवाएं, हुआ खुलासा

Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 16 Feb, 2025 05:19 PM

alert people in the country are taking harmful drugs

भारत में बढ़ती उम्र के साथ दवाओं का सेवन भी एक अहम मुद्दा बन गया है। हाल ही में किए गए एक शोध में यह खुलासा हुआ है कि देश के बुजुर्गों में 28% लोग ऐसी दवाएं ले रहे हैं जो उनके लिए हानिकारक हो सकती हैं। यह आंकड़ा बुजुर्गों के स्वास्थ्य को लेकर चिंता...

नेशनल डेस्क: भारत में बढ़ती उम्र के साथ दवाओं का सेवन भी एक अहम मुद्दा बन गया है। हाल ही में किए गए एक शोध में यह खुलासा हुआ है कि देश के बुजुर्गों में 28% लोग ऐसी दवाएं ले रहे हैं जो उनके लिए हानिकारक हो सकती हैं। यह आंकड़ा बुजुर्गों के स्वास्थ्य को लेकर चिंता का विषय बन गया है। आईसीएमआर सेंटर फॉर एजिंग एंड मेंटल हेल्थ, वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज और सफदरजंग अस्पताल जैसे प्रमुख संस्थानों के शोधकर्ताओं ने दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई, गुवाहाटी, पटना और उज्जैन में डोर-टू-डोर सर्वे किया। इस सर्वे में 600 बुजुर्गों पर शोध किया गया और 2,741 दवाओं का विश्लेषण किया गया।

गलत दवाओं का सेवन और इसके प्रभाव

इस शोध में सामने आया कि 600 बुजुर्गों में से 173 को ऐसी दवाएं दी जा रही थीं, जो उनके लिए अनुपयुक्त थीं। यानी, इन दवाओं का सेवन उनकी सेहत पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है। यह आंकड़ा इस बात को साबित करता है कि बुजुर्गों को डॉक्टर की सलाह के बिना दवाओं का सेवन करने में खतरा हो सकता है। यह प्रवृत्ति विशेष रूप से उन बुजुर्गों में देखी गई जो अकेले रहते हैं या जिनके पास उचित देखभाल नहीं होती।

सेल्फ-मेडिकेशन का खतरा

शोध में यह भी पाया गया कि 19.7% बुजुर्ग खुद से दवा लेने के आदी थे। इसे "सेल्फ-मेडिकेशन" कहा जाता है। यह समस्या खासतौर पर उन बुजुर्गों में ज्यादा पाई गई जो अकेले रहते हैं और जिन्हें कई बीमारियां हैं। इस तरह की आदतें उनकी सेहत को और बिगाड़ सकती हैं क्योंकि बिना सही सलाह के दवाएं लेने से दवाओं के दुष्प्रभाव हो सकते हैं।

पॉलिफार्मेसी और बुजुर्गों का स्वास्थ्य

इसके अलावा, शोध में 33.7% बुजुर्ग पॉलिफार्मेसी के शिकार पाए गए। पॉलिफार्मेसी तब होती है जब कोई व्यक्ति एक समय में पांच या उससे ज्यादा दवाएं लेता है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, पॉलिफार्मेसी बुजुर्गों में खासतौर पर पाई जाती है और यह उनके स्वास्थ्य के लिए जोखिम पैदा कर सकती है। कई दवाओं के सेवन से दवाओं के बीच इंटरएक्शन का खतरा बढ़ सकता है, जिससे अन्य स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।

जरूरी दवाओं की कमी

शोध में यह भी सामने आया कि 20.3% बुजुर्गों को उनकी स्वास्थ्य जरूरतों के हिसाब से जरूरी दवाएं नहीं मिल रही थीं। इसका मतलब है कि वे सही दवाओं से वंचित थे, जो उनकी बीमारियों के इलाज में मददगार हो सकती थीं। यह स्थिति बुजुर्गों के इलाज और देखभाल में सुधार की जरूरत को रेखांकित करती है।

 

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