Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 27 Jan, 2025 06:18 PM
वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 को लेकर संसद की संयुक्त समिति (JPC) में चर्चा के दौरान सरकार के राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के सभी संशोधनों को मंजूरी मिल गई, जबकि विपक्ष के दर्जनों संशोधन प्रस्तावों को खारिज कर दिया गया। इस प्रक्रिया में विपक्षी...
नेशनल डेस्क: वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 को लेकर संसद की संयुक्त समिति (JPC) में चर्चा के दौरान सरकार के राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के सभी संशोधनों को मंजूरी मिल गई, जबकि विपक्ष के दर्जनों संशोधन प्रस्तावों को खारिज कर दिया गया। इस प्रक्रिया में विपक्षी दलों ने विधेयक के सभी 44 प्रावधानों में सैकड़ों संशोधन पेश किए, लेकिन उन्हें बहुमत से नकार दिया गया। समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कहा कि जिन संशोधनों को स्वीकार किया गया है, उनसे वक्फ कानून को और अधिक प्रभावी और बेहतर बनाया जाएगा। हालांकि, विपक्षी सदस्यों ने कार्यवाही की कड़ी आलोचना की। तृणमूल कांग्रेस (TMC) के सांसद कल्याण बनर्जी ने इस प्रक्रिया को हास्यास्पद और तानाशाही बताया। उनका कहना था कि विपक्ष की बातों को नजरअंदाज किया गया और अध्यक्ष ने एकतरफा तरीके से काम किया। इस पर पाल ने सभी आरोपों को नकारते हुए कहा कि यह पूरी प्रक्रिया लोकतांत्रिक थी और बहुमत की राय के अनुसार निर्णय लिया गया। उन्होंने कहा कि यह संसद की कार्यप्रणाली का हिस्सा है, और इसे लोकतांत्रिक तरीके से संचालित किया गया।
वक्फ संपत्तियों को लेकर बड़ा संशोधन
विधेयक में सबसे महत्वपूर्ण संशोधन यह था कि मौजूदा वक्फ संपत्तियों पर ‘उपयोगकर्ता द्वारा वक्फ’ के आधार पर सवाल नहीं उठाए जा सकते, जो वर्तमान कानून में मौजूद था। नए संशोधन में इसे हटा दिया गया है, जिससे यह स्पष्ट हो गया है कि वक्फ संपत्तियां केवल धार्मिक उद्देश्यों के लिए ही लंबे समय तक उपयोग के आधार पर वक्फ मानी जा सकती हैं। इस संशोधन का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों का धार्मिक उपयोग सुनिश्चित करना था।
विपक्ष का विरोध और आलोचना
विपक्ष ने इस विधेयक के संशोधनों पर आपत्ति जताई और इसे लोकतांत्रिक प्रक्रिया का उल्लंघन बताया। विपक्षी दलों का कहना था कि यह विधेयक अल्पसंख्यकों के अधिकारों के लिए खतरा पैदा कर सकता है, और वक्फ संपत्तियों के संचालन में दखलंदाजी कर सकता है। इन दलीलों को JPC में कोई समर्थन नहीं मिला, और विपक्ष के प्रस्तावों को बहुमत से खारिज कर दिया गया।
वक्फ संशोधन बिल का इतिहास
वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 को पहले ही अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने 8 अगस्त 2024 को लोकसभा में पेश किया था। इसके बाद इस विधेयक को संयुक्त समिति (JPC) में भेजा गया था, जहां अब इन संशोधनों पर चर्चा हुई है।समिति द्वारा इस विधेयक के सभी प्रावधानों के संशोधन के बाद, यह विधेयक अब संसद में आगे बढ़ने के लिए तैयार है।