कनाडा की राजनीति में खालिस्तानी समर्थकों का दखल बढ़ा, ट्रूडो सरकार बनी आंतकियों की कठपुतली

Edited By Tanuja,Updated: 03 Nov, 2024 01:50 PM

allegations of khalistan influence canadian government compromised

कनाडा में खालिस्तान समर्थक तत्वों के बारे में हाल ही में उठे आरोपों ने व्यापक बहस पैदा कर दी है।  2 नवंबर 2024 को रिपोर्ट के अनुसार पूर्व सिख समुदाय सदस्य बॉब राय ने यह चिंताएं व्यक्त की हैं...

International Desk: कनाडा में खालिस्तान समर्थक तत्वों के बारे में हाल ही में उठे आरोपों ने व्यापक बहस पैदा कर दी है।  2 नवंबर 2024 को रिपोर्ट के अनुसार पूर्व सिख समुदाय सदस्य बॉब राय ने यह चिंताएं व्यक्त की हैं कि विश्व सिख संगठन (WSO) की कनाडा  सरकार में संभावित घुसपैठ हो रही है। राय का कहना है कि यह संगठन कनाडाई राजनीति को प्रभावित कर रहा है। उन्होंने यह भी दावा किया कि कनाडा की राजनीति में खालिस्तानी समर्थकों का दखल बढ़ रहा है और ट्रूडो सरकार आंतकियों की कठपुतली बन चुकी है। उन्होंने कहा कि  WSO के पास कनाडाई सुरक्षा खुफिया सेवा (CSIS) के साथ संपर्क हो सकता है, जिससे विदेशों से प्रभाव और सार्वजनिक सेवा के उच्च स्तरों पर टकराव के सवाल उठ रहे हैं। 

 

बॉब राय ने अपने सिख धर्म से दूरी बना ली है और कहा है कि उन्होंने इसे चरमपंथी समूहों द्वारा "हाइजैक" करने के कारण छोड़ा। उन्होंने कहा, "वे कभी मेरे लिए नहीं बोले, और मैं उनके चरमपंथी और आतंकवादी विचारधाराओं का समर्थन नहीं करता।" उनकी टिप्पणी WSO की अपनी कार्रवाई का औचित्य साबित करने की कोशिशों पर प्रश्नचिन्ह लगाती है। राय के इन बयानों में सिख समुदाय में चरमपंथ की विवादास्पद भूमिका को भी उजागर किया गया है। उन्होंने WSO के संस्थापक अध्यक्ष जियान सिंह संधू और उनकी बेटी, बीसी सुप्रीम कोर्ट की जज पलबिंदर शेरगिल के प्रति संभावित हितों के टकराव का भी इशारा किया।

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राय ने 1985 के एयर इंडिया फ्लाइट 182 के बम विस्फोट की जांच, जो कि खालिस्तानी चरमपंथियों से जुड़ी एक भयानक घटना थी, से इन चिंताओं को जोड़ा। इस हादसे में 329 लोगों की जान गई थी। राय के बयानों के नतीजे गंभीर हैं, क्योंकि ये सरकार की संरचनाओं की निष्पक्षता और कुछ न्यायिक नियुक्तियों की पारदर्शिता पर सवाल उठाते हैं। उनके आरोपों से CSIS की सामुदायिक संगठनों के साथ alleged involvement पर भी कॉल किया जा सकता है। कनाडाई राजनीतिक और न्यायिक प्रणाली में संभावित हितों के टकराव को लेकर लोग अधिक सतर्क हो रहे हैं और एक बड़ी मांग बढ़ रही है कि इन संबंधों की खुफिया जांच की जाए।

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हालांकि WSO ने इन आरोपों पर अभी तक सार्वजनिक रूप से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन राय का दृष्टिकोण राजनीतिक विश्लेषकों और आम जनता को इस बात पर सोचने पर मजबूर कर रहा है कि राजनीतिक सक्रियता और राष्ट्रीय सुरक्षा के बीच की सीमाएँ क्या हैं। कनाडा में धार्मिक स्वतंत्रता, सामुदायिक प्रतिनिधित्व, और राष्ट्रीय सुरक्षा के बीच संतुलन को लेकर यह बहस आगे बढ़ रही है। कनाडाई नागरिक ध्यान से देख रहे हैं कि सरकार एजेंसियाँ और राजनीतिक नेता इन आरोपों पर कैसे प्रतिक्रिया देते हैं और विदेशों से हुई भ्रष्टाचार की चिंताओं को दूर करने के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं। 

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