Edited By Seema Sharma,Updated: 20 Apr, 2023 10:36 AM
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने विश्वविद्यालयों से छात्रों को स्थानीय भाषाओं में उत्तर लिखने की अनुमति देने को कहा है, भले ही पाठ्यक्रम अंग्रेजी माध्यम में हो। आयोग के अध्यक्ष जगदीश कुमार ने यह जानकारी दी।
नेशनल डेस्क: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने विश्वविद्यालयों से छात्रों को स्थानीय भाषाओं में उत्तर लिखने की अनुमति देने को कहा है, भले ही पाठ्यक्रम अंग्रेजी माध्यम में हो। आयोग के अध्यक्ष जगदीश कुमार ने यह जानकारी दी। आयोग ने कहा कि उच्च शिक्षण संस्थान पाठ्य पुस्तकें तैयार करने और मातृभाषा/ स्थानीय भाषाओं में शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया का समर्थन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
आयोग ने जोर देकर कहा कि इन प्रयासों को मजबूत करना और ‘मातृभाषा/स्थानीय भाषाओं में पाठ्य पुस्तकों को लिखने और अन्य भाषाओं से मानक पुस्तकों के अनुवाद सहित शिक्षण में उनके उपयोग को प्रोत्साहित करने जैसी पहल को बढ़ावा देना’ आवश्यक है।
उसने कहा कि इसलिए आयोग अनुरोध करता है कि आपके विश्वविद्यालय में छात्रों को परीक्षाओं में स्थानीय भाषाओं में उत्तर लिखने की अनुमति दी जाए, भले ही पाठ्यक्रम अंग्रेजी माध्यम में हो और स्थानीय भाषाओं में मूल लेखन के अनुवाद को बढ़ावा दिया जाए और विश्वविद्यालयों में शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया में स्थानीय भाषा का उपयोग किया जाए।